
ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
आगरा किशोरी दुष्कर्म मामला ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। थाना शाहगंज के नरीपुरा क्षेत्र से 13 अगस्त को गायब हुई किशोरी को पुलिस ने 11 सितंबर को बरामद किया। जांच में सामने आया कि किशोरी को पड़ोस में किराये पर रहने वाली एक महिला ने सिलाई मशीन दिलाने के बहाने अपने मायके रोहता ले जाकर बंधक बना लिया था। वहां एक महीने तक रोजाना उसकी इज्जत से खिलवाड़ किया गया।
सिलाई मशीन के बहाने शुरू हुई दरिंदगी
थाना शाहगंज नरीपुरा क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता की मां के मुताबिक, उनके पड़ोस में एक महिला किराये पर रहती थी, जो अक्सर घर आती-जाती थी। एक दिन उसने किशोरी को कहा कि वह उसे नई सिलाई मशीन दिलवाने ले जाएगी। पहले तो वह मशीन न मिलने का बहाना बनाकर लौट आई, लेकिन 13 अगस्त को जब माता-पिता जूता फैक्ट्री में काम करने गए थे, तब वह फिर आई।
उसने किशोरी से कहा — “चलो, आज मशीन मिल जाएगी।” किशोरी ने मना किया, पर महिला ने उसे भरोसे में लेकर कहा, “एक घंटे में वापस आ जाएंगे।” इसके बाद किशोरी घर से निकली और फिर लौटी नहीं।
29 दिन तक बंद कमरे में कैद रही किशोरी
करीब 29 दिन तक किशोरी का कोई अता-पता नहीं चला। परिवार ने हर जगह तलाश की, लेकिन सुराग नहीं मिला। फिर 11 सितंबर की रात को उसने किसी तरह अपनी मौसी के फोन पर कॉल किया और बताया कि उसे पड़ोसन ने रोहता ले जाकर एक कमरे में बंधक बना लिया है।
उसने कहा — “खाना देने के लिए ही कमरा खोला जाता है… और फिर जो भी आता है, नोचता है मेरा जिस्म।” इस बयान ने पुलिस और परिवार दोनों को हिला दिया।
महिला के तहेरे भाइयों ने रोज की दरिंदगी
किशोरी ने बताया कि महिला के तहेरे भाई संदीप और मनमोहन रोजाना उसके साथ दुष्कर्म करते थे। वह चीखती थी, पर किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी। कमरे की दीवारें उसकी चीखों की गवाह बन गईं। जब उसने भागने की कोशिश की, तो उसे मौत की धमकी दी गई।
पुलिस ने छुड़ाया, पर सवाल कई बाकी
आगरा पुलिस को मौसी के जरिए सूचना मिली तो थाना शाहगंज टीम ने तत्काल रोहता में छापा मारा। देर रात 11 सितंबर को किशोरी को सुरक्षित मुक्त कराया गया। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया और मां की तहरीर पर गैंगरेप व अपहरण की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई।
एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि “आगरा किशोरी दुष्कर्म मामला अत्यंत संवेदनशील है। विशेष टीम गठित की गई है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी चल रही है।”
थाना शाहगंज नरीपुरा की पुलिस पर भरोसा, पर समाज पर सवाल
यह आगरा किशोरी दुष्कर्म मामला सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास के टूटने की कहानी है। जिस महिला पर भरोसा किया गया, उसने ही एक नाबालिग के साथ दरिंदगी की साजिश रची। सवाल यह है कि पड़ोस में रहने वाले लोग अगर ऐसे हों, तो सुरक्षा कहां है?
पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर किशोरी को बचा लिया, लेकिन इस दर्दनाक घटना ने आगरा और खासकर थाना शाहगंज नरीपुरा क्षेत्र में डर का माहौल बना दिया है।
आगरा किशोरी दुष्कर्म मामला: इंसाफ की राह पर पुलिस
आगरा पुलिस अब इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रही है ताकि जल्द से जल्द न्याय मिल सके। आरोपी संदीप, मनमोहन और मुख्य साजिशकर्ता महिला की तलाश जारी है।
फिलहाल, किशोरी को परामर्श और चिकित्सकीय सहायता दी जा रही है ताकि वह धीरे-धीरे इस दर्दनाक आगरा किशोरी दुष्कर्म मामला से उबर सके।
रुह कांप उठती है ऐसी वारदातों से
ऐसे मामले यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि आखिर हमारी बेटियां कितनी सुरक्षित हैं? एक सिलाई मशीन का लालच देकर एक बच्ची को बंधक बनाना, 29 दिन तक शरीर और आत्मा को कुचलना — यह किसी भी समाज के लिए शर्मनाक है।
जरूरत है कि समाज ऐसे अपराधियों के खिलाफ न केवल आवाज उठाए बल्कि ऐसे लोगों की पहचान कर आगरा पुलिस को जानकारी दे, ताकि थाना शाहगंज नरीपुरा जैसी घटनाएं दोबारा न हों।
📌 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
प्रश्न 1: आगरा किशोरी दुष्कर्म मामला कब हुआ?
यह घटना 13 अगस्त 2025 को थाना शाहगंज नरीपुरा क्षेत्र में हुई जब किशोरी लापता हुई थी।
प्रश्न 2: आरोपी कौन हैं?
मुख्य आरोपी पड़ोसन महिला और उसके तहेरे भाई संदीप व मनमोहन हैं, जिन्होंने किशोरी को बंधक बनाकर गैंगरेप किया।
प्रश्न 3: पीड़िता को कब बरामद किया गया?
आगरा पुलिस ने 11 सितंबर की देर रात किशोरी को रोहता से मुक्त कराया।
प्रश्न 4: क्या पुलिस ने गिरफ्तारी की है?
पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमों को लगाया है और जल्द ही कार्रवाई की उम्मीद है।
प्रश्न 5: इस वारदात से क्या सबक मिलता है?
यह घटना सिखाती है कि बच्चों को किसी के बहकावे में न जाने दें और हर अजनबी के साथ सतर्क रहें।