Sunday, July 20, 2025
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सड़क पर बिखडी खुशियां: अस्पताल से लौट रहे पिता और साथी की मौत, नवजात को देख बेहोश हो रही मां

देवरिया के महदहा चौराहे पर शनिवार सुबह तेज रफ्तार बस ने ई-रिक्शा को टक्कर मार दी। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। मृतकों में एक नवजात की देखभाल कर लौट रहा था।

देवरिया: तेज रफ्तार बस ने ई-रिक्शा को मारी टक्कर, दो की दर्दनाक मौत

शनिवार की सुबह देवरिया जिले के फोरलेन स्थित महदहा चौराहे पर एक हृदय विदारक सड़क हादसा हो गया। सुबह करीब नौ बजे एक तेज रफ्तार अनुबंधित बस ने एक ई-रिक्शा को ज़ोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में ई-रिक्शा सवार तीन में से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है।

गौरतलब है कि हादसा उस वक्त हुआ जब ई-रिक्शा चालक डुमलविया गांव की ओर मुड़ रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस की रफ्तार इतनी तेज थी कि टक्कर के बाद ई-रिक्शा के परखच्चे उड़ गए।

नवजात की देखभाल के बाद लौट रहे थे मृतक

मृतकों की पहचान डुमवलिया गांव निवासी मंतोष गोंड और अनिल प्रसाद के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि मंतोष गोंड की पत्नी प्रमिला, सलेमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती थीं और ऑपरेशन से उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया था।

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मंतोष घर से खाना लेकर अस्पताल गए थे और वापस लौटते समय अपने छोटे भाई दीपू तथा गांव के ही अनिल प्रसाद के साथ ई-रिक्शा से घर आ रहे थे। ई-रिक्शा दीपू चला रहे थे। जैसे ही वे महदहा चौराहे के पास पहुंचे, देवरिया की दिशा से आ रही तेज रफ्तार अनुबंधित बस ने उन्हें टक्कर मार दी।

इलाज के दौरान दो की मौत, एक की हालत गंभीर

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उन्हें महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

दुर्भाग्यवश, इलाज के दौरान मंतोष गोंड और अनिल प्रसाद ने दम तोड़ दिया। वहीं, दीपू की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है।

परिवार में मचा कोहराम, पत्नी की हालत नाजुक

इस हादसे की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। सबसे बुरा हाल मंतोष की पत्नी प्रमिला का है, जो बार-बार बेहोश हो जा रही हैं और नवजात बच्ची को लेकर उनकी स्थिति अत्यंत चिंताजनक बताई जा रही है।

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यह हादसा न केवल एक परिवार की खुशियों को गम में बदल गया, बल्कि यह भी दर्शाता है कि तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग किस तरह से जीवन को पलभर में तबाह कर सकती है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे चौराहों पर गति नियंत्रण के सख्त उपाय किए जाएं और अनुबंधित बसों पर विशेष निगरानी रखी जाए।

➡️अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट

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