
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ में दीपावली अपने रंग में मनाई गई। बच्चों ने दीपावली को नए और अनोखे अंदाज में जश्न के रूप में मनाया, जिसमें प्यार, उमंग और सामाजिक संदेश का समावेश था। स्कूल द्वारा दीपावली पर दिए गए संकल्प और बच्चों की प्रस्तुतियों ने इसे यादगार बना दिया।
दीपावली भारतीय संस्कृति में बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। उत्तर भारत में यह पर्व भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने के अवसर से जुड़ा हुआ है। अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया, और इसी परंपरा से दीपावली का उत्सव आज भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
विद्यालय में दीपोत्सव का जश्न
अशरफ नगर क्षेत्र में इस वर्ष दीपावली को बड़े उत्साह और नई सोच के साथ मनाया गया। बच्चों के चेहरे पर खुशी, प्यार और उत्साह की झलक साफ दिखाई दे रही थी।
बच्चों की रंगीन प्रस्तुतियाँ
छात्र-छात्राओं ने रामायण के पात्रों का अद्भुत अभिनय किया। बच्चों ने श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान के रूप में मंच पर जीवन की घटनाओं का चित्रण किया। शिक्षकों ने बच्चों का स्वागत पूजा-आरती और पुष्प वर्षा के माध्यम से किया। इस दौरान बच्चों ने केवल नाटक नहीं किया बल्कि दीपावली के महत्व और सामाजिक संदेश को भी दर्शाया।

संकल्प और सामाजिक संदेश
प्रधानाचार्या और शिक्षक गणों ने बच्चों को सलाह दी कि दीपावली मनाते समय हमेशा सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि इस पर्व पर समाज के गरीब और पिछड़े लोगों के जीवन में उजाला फैलाना चाहिए। संकल्प लेना चाहिए कि हम दीपावली सिर्फ अपनी खुशी के लिए नहीं बल्कि दूसरों के जीवन में प्रकाश लाने के लिए मनाएं। बच्चों को यह भी बताया गया कि दीपावली का सामान उन लोगों से खरीदें जिनकी मेहनत के कारण हमें यह पर्व मनाने का अवसर मिलता है।
उत्सव का माहौल
विद्यालय परिसर में दीपावली का उत्सव अत्यंत सुंदर और आनंदमय था। रंग-बिरंगी सजावट, दीपों की रोशनी, बच्चों की मुस्कान और शिक्षकों का सहयोग मिलकर पूरे उत्सव को यादगार बना रहा था।
मुख्य अतिथियों की उपस्थिति
इस आयोजन में प्रबंधक एवं डायरेक्टर एम० के० सिंह, एडमिनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर सूरज तिवारी और प्रधानाचार्या अनीता सिंह उपस्थित थे। साथ ही कई शिक्षक-शिक्षिकाएं जैसे प्रीति तिवारी, देवांश तिवारी, सरवानी राय, शशि प्रभा, नेहा पांडेय, घनश्याम, बी०के० शुक्ला, आशुतोष यादव, राजेंद्र सिंह, शशांक शेखर, आदित्य कुमार, प्रशांत गिरी, नागेंद्र कुमार और अन्य मौजूद थे। उनकी मौजूदगी ने बच्चों के उत्साह को और बढ़ाया और दीपावली के उत्सव को यादगार बनाया।
दीपावली उत्सव के लाभ
- खुशी और उत्साह: बच्चों के चेहरे पर दीपावली की खुशियाँ साफ दिख रही थीं।
- सामाजिक संदेश: बच्चों ने दूसरों के जीवन में प्रकाश फैलाने का संदेश दिया।
- संरक्षण और सुरक्षा: बच्चों को दीपावली मनाते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गई।
- सांस्कृतिक जागरूकता: बच्चों में अपने संस्कृति और परंपरा के प्रति प्रेम और जागरूकता विकसित हुई।
निष्कर्ष
इस प्रकार, दीपावली का यह आयोजन सिर्फ दीप जलाने का उत्सव नहीं था बल्कि बच्चों के लिए शिक्षा, सामाजिक चेतना और संस्कृति का एक बड़ा पाठ बन गया। बच्चों के चेहरे पर खुशी, प्यार और उत्साह, शिक्षकों का सहयोग और समाज के प्रति संदेश ने इसे यादगार बनाया।
इस दीपावली, हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने जीवन और समाज में उजाला फैलाएं, शिक्षा को प्राथमिकता दें और अपने क्षेत्र का नाम रोशन करें। दीपावली का यह पर्व हमें याद दिलाता है कि अच्छाई, प्रेम और सहयोग का प्रकाश हमेशा अंधकार पर विजय प्राप्त करता है।