हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
भरतपुर में आयोजित केंद्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त कार्यक्रम “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” को लेकर प्रशासनिक तंत्र की गंभीर चूक सामने आई है। इस कार्यक्रम में निवर्तमान सांसद (भरतपुर) रंजीता कोली
को न तो आमंत्रित किया गया और न ही किसी प्रकार की पूर्व सूचना दी गई। जनप्रतिनिधि की इस अनदेखी को प्रशासनिक शिष्टाचार और प्रोटोकॉल का स्पष्ट उल्लंघन माना जा रहा है।
मामले ने तब गंभीर रूप ले लिया जब श्रीमती रंजीता कोली ने 21 नवंबर को राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग (ग्रुप-6) के संयुक्त शासन सचिव अरुण प्रकाश शर्मा ने भरतपुर जिला कलेक्टर कमर चौधरी को पूरे मामले की जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजने के निर्देश जारी किए हैं।
वीडियो ऑडिटोरियम में हुआ कार्यक्रम, सांसद को नहीं मिली सूचना
यह कार्यक्रम भरतपुर के वीडियो ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों को उनकी बैंक जमा, निवेश और वित्तीय अधिकारों के प्रति जागरूक करना था। इसके बावजूद क्षेत्र की पूर्व सांसद को कार्यक्रम से बाहर रखा गया, जो प्रशासनिक समन्वय की गंभीर विफलता को दर्शाता है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार बैंक प्रशासन और राज्य सरकार के बीच आमंत्रण प्रक्रिया को लेकर तालमेल नहीं बन पाया, जिसके कारण जनप्रतिनिधि का नाम आमंत्रण सूची में शामिल नहीं हो सका। हालांकि, इसे महज़ तकनीकी चूक नहीं बल्कि जिम्मेदारी से बचने की कोशिश माना जा रहा है।
मुख्य सचिव को लिखे पत्र में क्या बोलीं रंजीता कोली
मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में रंजीता कोली ने स्पष्ट कहा कि जनप्रतिनिधि होते हुए भी उन्हें सरकारी कार्यक्रम से दूर रखा गया। उन्होंने इसे केवल व्यक्तिगत अनदेखी नहीं बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन बताया।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि इस तरह के कार्यक्रम जनता और शासन के बीच संवाद का माध्यम होते हैं और जनप्रतिनिधियों को दरकिनार करना प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
जिला कलेक्टर को जांच के आदेश, मांगी गई रिपोर्ट
संयुक्त शासन सचिव द्वारा जारी आदेश में जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि वे पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर तथ्यात्मक टिप्पणी सहित रिपोर्ट शीघ्र विभाग को भेजें। जांच में यह स्पष्ट किया जाएगा कि लापरवाही किस स्तर पर हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
प्रशासनिक जानकारों का कहना है कि यदि जांच में स्पष्ट दोष सामने आता है तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई भी संभव है।
प्रोटोकॉल उल्लंघन बना प्रशासन के लिए चुनौती
सरकारी कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी केवल औपचारिकता नहीं बल्कि संवैधानिक परंपरा है। पूर्व सांसद होने के नाते रंजीता कोली की उपस्थिति स्वाभाविक थी, ऐसे में उनकी अनदेखी को गंभीर प्रोटोकॉल उल्लंघन माना जा रहा है।
अब सबकी निगाहें जिला कलेक्टर की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि यह मामला साधारण लापरवाही था या प्रशासनिक तंत्र की गहरी चूक।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
रंजीता कोली को कार्यक्रम की सूचना क्यों नहीं दी गई?
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बैंक प्रशासन और राज्य सरकार के बीच समन्वय की कमी के कारण आमंत्रण नहीं भेजा गया।
कार्यक्रम कहां आयोजित किया गया था?
कार्यक्रम भरतपुर के वीडियो ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया था।
अब आगे क्या कार्रवाई होगी?
जिला कलेक्टर जांच पूरी कर रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजेंगे, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।






