ठाकुर के के सिंह की रिपोर्ट
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वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में सोमवार का दिन तनाव और हंगामे के बीच बीता। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ दर्शन करने पहुंचे कई धर्माचार्यों और सेवायतों के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा कथित अभद्र व्यवहार किए जाने का आरोप लगा है। भीड़ नियंत्रण के दौरान पुलिस और धर्माचार्यों के बीच तीखी झड़प हो गई, जिसके बाद मंदिर परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यह पूरा विवाद अब सोशल मीडिया पर तेजी से ट्रेंड कर रहा है, और वृंदावन बांके बिहारी मंदिर विवाद गूगल ट्रेंड में भी ऊपर आ गया है।
कुर्ता फटा, पगड़ी गिरी—मंदिर परिसर में मची अफरा-तफरी
घटना के दौरान कई धर्माचार्य अचानक हुई खींचतान में गिरते-पड़ते नजर आए। आचार्य मृदुलकांत शास्त्री का कुर्ता फट गया, जबकि कई संतों की पगड़ी जमीन पर गिर गई। कुछ सेवायतों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनका कॉलर पकड़कर धक्का देने की कोशिश की। यह वीडियो अब वायरल है, जिससे बांके बिहारी मंदिर विवाद और ज्यादा गर्म हो गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिस ने भीड़ रोकने के नाम पर अनुचित बल प्रयोग किया, जिससे कई श्रद्धालु और धर्माचार्य असंतुलित होकर गिर पड़े। मंदिर के अंदर और बाहर एक समय ऐसा आया जब भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। यह सब उस समय हुआ जब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मंदिर में मौजूद थे।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की मौजूदगी से बढ़ा तनाव
जब बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बांके बिहारी मंदिर पहुंचे, तो उनके साथ भारी संख्या में श्रद्धालु भी पहुंच गए। पहले से ही भीड़ मौजूद थी, ऐसे में स्थिति और बिगड़ती चली गई। भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास में पुलिस ने सुरक्षा घेरा बनाया, लेकिन धर्माचार्यों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मंदिर परंपराओं का सम्मान किए बिना उन्हें धक्का दिया।
पुलिस और धर्माचार्यों के बीच बढ़ती तीखी बहस के बीच माहौल इतना गर्म हुआ कि वृंदावन बांके बिहारी मंदिर विवाद देखते ही देखते सोशल मीडिया पर छा गया। कई वीडियो में पुलिसकर्मी और धर्माचार्य एक-दूसरे पर चिल्लाते व धक्का-मुक्की करते दिख रहे हैं।
धर्माचार्यों का आरोप—“पुलिस ने किया अनुचित व्यवहार”
धर्माचार्यों का कहना है कि पुलिस ने न केवल असम्मानजनक भाषा का उपयोग किया बल्कि जरूरत से ज्यादा बल प्रयोग भी किया। उनका आरोप है कि श्रद्धालुओं और संतों को धक्का देकर गिराया गया, जो मंदिर की परंपराओं और गरिमा के खिलाफ है।
कई सेवायतों ने कहा कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं और धर्माचार्यों के साथ पुलिस का ऐसा व्यवहार पहले कभी नहीं देखा गया। उनका कहना था कि वृंदावन बांके बिहारी मंदिर विवाद इसलिए उत्पन्न हुआ क्योंकि पुलिस ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई।
पुलिस का पक्ष—अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
पुलिस प्रशासन ने अभी तक इस पूरे विवाद पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि भीड़ अचानक बढ़ गई थी, जिसके कारण पुलिस को मजबूरी में सख्ती बरतनी पड़ी। वहीं, धर्माचार्यों का आरोप है कि पुलिस बिल्कुल भी संयम नहीं बरत पाई और अनुशासन के नाम पर उत्पीड़न किया गया।
इस बीच बांके बिहारी मंदिर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन को लेकर नई व्यवस्था पर चर्चा शुरू कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद आने वाले दिनों में और भी राजनीतिक रंग ले सकता है।
विवाद के बाद बढ़ी निगरानी, सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा मामला
विवाद के तुरंत बाद मंदिर परिसर में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने लोगों में नाराजगी भी बढ़ाई है, जिसके कारण वृंदावन बांके बिहारी मंदिर विवाद पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है।
कई भक्तों ने सवाल उठाया कि जब भीड़ की संभावना थी, तो पुलिस ने पहले से बेहतर व्यवस्था क्यों नहीं की? वहीं कई लोगों ने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दौरे के समय प्रशासन को अतिरिक्त सुरक्षा और व्यवस्था रखनी चाहिए थी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में विवाद कैसे शुरू हुआ?
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दर्शन के दौरान भीड़ बढ़ी और पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने पर धर्माचार्यों ने आपत्ति जताई, जिससे विवाद शुरू हुआ।
2. क्या घटना में कोई घायल हुआ?
कई धर्माचार्यों की पगड़ी गिरी, किसी का कुर्ता फटा और कुछ लोग धक्का-मुक्की में घायल भी हुए।
3. पुलिस ने क्या कहा?
अब तक पुलिस प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
4. क्या यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ?
हाँ, कई वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं और विवाद ट्रेंड में है।
5. क्या मंदिर प्रशासन ने कोई कदम उठाया?
भीड़ प्रबंधन को लेकर नई व्यवस्था पर चर्चा की जा रही है और निगरानी बढ़ा दी गई है।