उत्तर प्रदेश में 1,200 से अधिक बिना मान्यता के प्राइवेट स्कूल : शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की





यूपी में 1,200+ बिना मान्यता के प्राइवेट स्कूल संचालित — शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू की











अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

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उत्तर प्रदेश में 1,200 से अधिक प्राइवेट स्कूल बिना आधिकारिक मान्यता के संचालित होने की पहचान हुई है और शिक्षा विभाग ने इन पर कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे स्कूलों को बंद कराया जाए और संचालकों के खिलाफ आवश्यक कानूनी पालनवाही सुनिश्चित की जाए। 1

मामला क्या है — संक्षेप में

हालिया पड़ताल में राज्य के 75 जिलों में से 52 जिलों की रिपोर्ट के आधार पर 1,200+ बिना मान्यता के निजी स्कूलों की पहचान की गई है। बाकी 23 जिलों से रिपोर्ट अभी आनी बाकी है, इसलिए संख्या और बढ़ने की आशंका है। विभाग ने इन जिलों को शीघ्र सूची भेजने के निर्देश दिए हैं। 2

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किस तरह के स्कूल अधिक हैं?

अधिकांश रिपोर्ट किए गए बिना मान्यता वाले स्कूल छोटे स्तर के हैं — अक्सर गली-मोहल्लों में संचालित और कई बार केवल कक्षा 5वीं तक पढ़ाने वाले संस्थान। इनकी वजह से शिक्षा की गुणवत्ता और सरकारी स्कूलों में नामांकन प्रभावित होने की आशंका जताई गई है। कई जिलों में पहले भी अवैध या बिना मान्यता वाले स्कूलों को बंद करने की कार्रवाई हुई है और छात्रों का स्थानांतरण सरकारी या मान्यता प्राप्त संस्थानों में कराया गया। 3

शिक्षा विभाग क्या कदम उठा रहा है?

• जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश — बिना मान्यता के स्कूलों को संचालन की अनुमति न दी जाए।
• मंडल स्तर पर निगरानी और समीक्षा — नियमित निरीक्षण और सूचीकरण जारी रहेगा।
• जिन स्कूलों ने मान्यता के लिए आवेदन नहीं किया है या मानदंड पूरे नहीं किए हैं, उनके खिलाफ बंद व कानूनी कार्रवाई के विकल्प अपनाए जायेंगे। 4

केंद्रीय/राज्य नियम और मान्यता (संक्षेप)

किसी भी निजी स्कूल के संचालन के लिए बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता (affiliation/recognition) अनिवार्य होती है। यह मान्यता आधारभूत ढांचे, शिक्षकों की योग्यता, छात्र-सीट क्षमता और सुरक्षा/सुविधाओं जैसे मानकों पर निर्भर होती है। बिना मान्यता के स्कूल RTE और अन्य राज्य नियमों के अनुपालन में नहीं होते और इसलिए बंद किये जा सकते हैं। 5

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असर और अगला कदम — अभिभावक/छात्रों के लिए क्या जानना चाहिए

• अगर आपका स्कूल सूची में है तो जिला शिक्षा विभाग समय से पहले छात्रों के वैकल्पिक स्थान तय करेगा।
• अभिभावकों को सलाह है कि वे स्कूल के मान्यता पत्र, शिक्षक पंजी और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कॉपी स्कूल प्रशासन से अवश्य माँगे।
• प्रभावित छात्रों के लिए जिलाधिकारी कार्यालय और बेसिक शिक्षा अधिकारी (BEO) से संपर्क कर स्थानांतरण और दाखिला संबंधित जानकारी हासिल करें। 6

निष्कर्ष

शिक्षा विभाग की यह पहल नियमों के अनुपालन और बच्चों के बेहतर शैक्षिक व सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए है। हालांकि छोटे गली-मोहल्ले के स्कूलों के बंद होने से कुछ अभिभावकों में असमंजस हो सकता है — इसलिए प्रशासन को स्थानांतरण व वैकल्पिक व्यवस्था स्पष्ट रूप से बतानी होगी ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q1: क्या ये सभी 1,200 स्कूल तुरंत बंद कर दिए जाएंगे?

नहीं — विभाग ने कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की है और जिलों से रिपोर्ट आ रही है। जिसमें जो स्कूल नियमों का पालन नहीं करते पाए जाएंगे, उन्हें बंद कराना या संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना शामिल है। प्रभावित परिवारों के लिए स्थानांतरण की व्यवस्था भी की जाएगी। 7

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Q2: यदि मेरा बच्चा ऐसे स्कूल में पढ़ता है तो मैं क्या करूँ?

सबसे पहले अपने स्कूल से मान्यता/affiliation का प्रमाण पत्र माँगे। सूची में होने पर स्थानीय बेसिक शिक्षा अधिकारी (BEO) से संपर्क कर स्थानांतरण और वैकल्पिक स्कूलों की जानकारी लें। सरकारी सहायता व सलाह के लिए जिलाधिकारी कार्यालय भी संपर्क किया जा सकता है। 8

Q3: क्या बिना मान्यता वाले स्कूलों के टीचर बेरोजगार हो जाएंगे?

कई शिक्षकों के काम पर असर पड़ सकता है। प्रशासन का दायित्व होगा कि छात्र-प्रभावितों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जाए; शिक्षकों के लिए पुनर्स्थापन या मान्यता-प्रक्रिया के दौरान वैकल्पिक उपाय राज्य नीति पर निर्भर करेंगे।

स्रोत: राज्य शिक्षा विभागों की रिपोर्ट और स्थानीय समाचार कवरेज।

  • मुख्य रिपोर्ट — समाचार दर्पण हिंदी की ताज़ा कवरेज। 9
  • स्थानीय कार्यवाही के उदाहरण — Mau जिले की कार्रवाई (Times of India)। 10
  • अन्य संबंधित कवरेज — Shahjahanpur में अनाधिकृत स्कूलों के बंद होने की खबर। 11





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