
**जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट**
आजमगढ़। नगर के करतालपुर, ब्रह्मस्थान स्थित रामजानकी-दुर्गा मंदिर परिसर में आज से आरंभ हुआ हरिहरात्मक महायज्ञ आज भक्तिमय माहौल में चल रहा है। इस हरिहरात्मक महायज्ञ की अध्यक्षता श्री श्री 1008 श्री रामकृष्ण दास जी महाराज कर रहे हैं। काशी के यज्ञाचार्य पं. कपिलदेव शर्मा के मार्गदर्शन में विद्वान ब्राह्मणों द्वारा विधिवत हवन-पूजन एवं वैदिक मंत्रोच्चार किया जा रहा है। पूरी क्षेत्र में हरिहरात्मक महायज्ञ की गूँज फैल गई है और श्रद्धालु जन उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं।
महायज्ञ की रूपरेखा और विधि
प्रातः से ही हरिहरात्मक महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। यज्ञ के दौरान हवन और पूजन क्रमशः तय समयानुसार संपन्न होते हैं। वैदिक मंत्रोच्चार से वातावरण पावन हो उठता है। हजारों श्रद्धालु दिनभर मंदिर परिसर में प्रवेश कर **हरिहरात्मक महायज्ञ** में भाग ले रहे हैं। सुबह-शाम की परिक्रमा, हवन और पूजा में सभी श्रद्धालु अपनी श्रद्धा प्रकट कर रहे हैं। संध्या काल में संगीतमय प्रवचन एवं कथा कार्यक्रम आयोजित है, जहाँ **हरिहरात्मक महायज्ञ** का प्रभाव चारों ओर देखा जा सकता है।
रामेश्वरानंद का प्रवचन — हनुमान महिमा
राष्ट्रीय मानस प्रवक्ता रामेश्वरानंद जी महाराज ने **हरिहरात्मक महायज्ञ** के अवसर पर एक मार्मिक प्रवचन देते हुए कहा कि संसार के संकटों को दूर करने के लिए भगवान अवतरित हुए हैं, लेकिन भगवान के स्वयं के संकटों का निवारण करने के लिए हनुमान जी अवतरित हुए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जो भक्त हनुमान जी की शरण में जाते हैं, उन पर प्रभु श्रीराम की कृपा अविराम बरसती है। रामेश्वरानंद बोले – “हनुमान मात्र साधारण भक्त नहीं, परम संकट निवारक शक्ति हैं। हरिहरात्मक महायज्ञ में उनकी उपासना से जीवन में बाधाएँ भंग होती हैं।”
कथावाचक सुधीरदास की श्रीकृष्ण लीला
कथावाचक सुधीरदास जी महाराज ने **हरिहरात्मक महायज्ञ** की शोभा बढ़ाते हुए श्रीकृष्ण लीला को भावपूर्ण और रोचक तरीके से सुनाया। संगीत और संवाद के माध्यम से उन्होंने भक्तों को आनंदित किया। कथा के दौरान **हरिहरात्मक महायज्ञ** में उपस्थित लोग मंत्रों की लय में डूबे रहे और कथा की तान में झूमते रहे।
सम्मान एवं कवियों का योगदान
महायज्ञ के इस पावन आयोजन में वक्ताओं, कवियों और कलाकारों को सम्मानित किया गया। यज्ञाधीष स्वामी रामकृष्ण दास जी महाराज ने निम्न लोगों को **हरिहरात्मक महायज्ञ** के दौरान सम्मानित किया —
- पं. सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन (स्वागत)
- कवि पं. संजय कुमार पाण्डेय सरस
- कवि अजय सिंह
- डा. ईशदत्त पांडेय
- गायक कलाकार राजेश रंजन
- पंचानन तिवारी
- सुभाष श्रीवास्तव
- रवीन्द्र कुमार पांडेय
- आशुतोष सिंह
इस अवसर पर अन्य श्रद्धालुओं में सौरभ उपाध्याय, संतोष कुमार सिंह, मनोज त्रिपाठी, सुरेश पाण्डेय, राघवेन्द्र सिंह, सुमन राय, अरविंद कुमार राय, अजय पांडेय, नरेंद्र बहादुर सिंह, जीवन प्रकाश सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शम्भूदास ने निर्बाध रूप से किया। **हरिहरात्मक महायज्ञ** की यह आयोजन स्वरूप श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत मंगलमय बना।
भक्तों का उत्साह और अनुभव
मंदिर परिसर और चारों ओर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है। सुबह और दोपहर के समय भक्तजन पूजा-परिक्रमा करते दिखे। अधिकांश लोग मन में शांतिपूर्ण अनुभूति व्यक्त कर रहे थे। **हरिहरात्मक महायज्ञ** की प्रत्येक प्रक्रिया — मंत्रोच्चार, हवन, पुष्पार्चन, संगीतमय प्रवचन — भक्तों को आध्यात्मिक आनंद और आत्मिक शांति प्रदान कर रही है। भक्तजन इस आयोजन को जीवन में यादगार ठहरा रहे हैं।
हरियारात्मक महायज्ञ के महत्व पर विचार
यह **हरियारात्मक महायज्ञ** न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि समाज को एकरसता और आध्यात्मिक ऊर्जा से जोड़ने का माध्यम भी है। यज्ञ के द्वारा जनमानस में भक्ति, श्रद्धा और आत्मविश्वास बढ़ता है। विशेष रूप से जब हनुमान जी की महिमा का वर्णन किया जाता है, तो भक्तों को यह अनुभूति होती है कि संकटों से उबारने वाला एक नाम है — हनुमान। ऐसे **हरियारात्मक महायज्ञ** आयोजन से यह संदेश जाता है कि धार्मिक विश्वास केवल व्यक्तिगत अनुभव नहीं, बल्कि सामूहिक शक्ति है।
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निष्कर्ष
आजमगढ़ के करतालपुर स्थित रामजानकी-दुर्गा मंदिर में चल रहा यह **हरियारात्मक महायज्ञ** न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह श्रद्धालुओं के मन में भक्ति और आत्मिक ऊर्जा का संचार कर रहा है। यज्ञ, हवन, मंत्रोच्चार, संगीतमय प्रवचन और कथा प्रस्तुतियों के माध्यम से **हरियारात्मक महायज्ञ** ने पूरे क्षेत्र को भक्तिमय बना दिया है। हनुमान की महिमा, रामेश्वरानंद का प्रवचन, सुधीरदास की कथा और प्रतिष्ठित कवियों व कलाकारों का योगदान इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ा रहा है।
श्रद्धालु इस **हरियारात्मक महायज्ञ** में भाग लेकर पुण्य की प्राप्ति कर रहे हैं और जीवन में श्रीराम-हनुमान की कृपा की अनुभूति कर रहे हैं। ऐसे आयोजन समाज में भक्ति संस्कृति और आध्यात्मिक संवाद को मजबूत करते हैं।
समयक्रम के अनुसार यदि आप भी इस **हरियारात्मक महायज्ञ** में भाग लेना चाहें, तो बने रहें समाचार अपडेट्स से।