संभल

30 हज़ार की कमाई के लिए समाज की मर्यादा बेच डाली—महक और परी की डिजिटल बेशर्मी का पर्दाफाश

संभल की सड़कों से सोशल मीडिया तक फैल रही थी अश्लीलता—अब आई कानून की झाड़ू

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

संभल जिले में सोशल मीडिया के जरिए अश्लील कंटेंट से पैसे कमाने वाले गिरोह का भंडाफोड़। महक, परी, हिना और कैमरामैन आलम गिरफ्तार। कोर्ट में गलती मानी, मिली चेतावनी के साथ जमानत।

सोशल मीडिया की सनसनी: जब अश्लीलता बन गई कमाई का जरिया

उत्तर प्रदेश के संभल जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि आज के युवाओं में सोशल मीडिया की लत और उसकी विकृत प्रवृत्तियों को भी उजागर करता है। यहां की दो युवतियां—महक और परी—अपने अश्लील इशारों और अभद्र भाषा से भरी रील्स बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल कर रही थीं। उनके साथ इस अवैध कार्य में दो और लोग शामिल थे—हिना नाम की एक अन्य युवती और आलम नाम का एक कैमरामैन।

महीने की कमाई 30-35 हजार, लेकिन नैतिकता शून्य

जांच में सामने आया है कि यह चारों मिलकर अश्लील वीडियो बनाते और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करते थे। इनका प्रमुख अकाउंट ‘Mehakpari143’ नाम से मौजूद है, जिस पर पहले ही कई ऐसे वीडियो अपलोड हो चुके हैं। यही नहीं, इन वीडियो से उन्हें हर महीने 30 से 35 हजार रुपये तक की कमाई हो रही थी, जिसे चारों आपस में बाँट लिया करते थे।

पुलिस ने दबोचा, IT एक्ट व धारा 296(b) में दर्ज हुआ मुकदमा

संभल पुलिस ने मंगलवार को इन चारों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इनके विरुद्ध आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धारा 296(b) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया। यह धारा सार्वजनिक रूप से अश्लीलता फैलाने और धार्मिक एवं सामाजिक भावनाओं को आहत करने जैसे मामलों में लगाई जाती है।

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कोर्ट में पेशी के दौरान किया पछतावे का इज़हार

बुधवार को पुलिस ने चारों आरोपियों को चंदौसी कोर्ट में पेश किया, जहां सुनवाई के दौरान महक, परी, हिना और आलम ने तत्काल अपनी गलती स्वीकार की। उन्होंने कोर्ट के समक्ष माफी मांगते हुए भरोसा दिलाया कि भविष्य में वे ऐसा कार्य नहीं करेंगे। कोर्ट ने उन्हें कड़ी चेतावनी देते हुए जमानत पर रिहा कर दिया, जिससे उन्हें जेल जाने से राहत मिल गई।

कोर्ट परिसर में खिलखिलाहट—बेशर्मी की हदें पार

जहां एक ओर यह मामला गंभीरता की मांग करता है, वहीं कोर्ट परिसर में इन युवतियों का हँसते-मुस्कराते हुए दिखाई देना लोगों की नाराजगी का कारण बन गया। वहां मौजूद कई लोगों ने इनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जिससे यह मामला और अधिक सुर्खियों में आ गया। लोगों का कहना है कि यदि गलती पर शर्मिंदगी नहीं, तो सुधार की कोई संभावना भी नहीं।

कौन हैं ये चारों आरोपी?

महक और परी संभल जिले के असमोली थाना क्षेत्र के शहवाजपुर गांव की रहने वाली हैं। दोनों एक-दूसरे की घनिष्ठ मित्र हैं और पिछले कई महीनों से सोशल मीडिया पर सक्रिय थीं। हिना नाम की युवती भी इनकी करीबी सहयोगी है, जो वीडियो निर्माण में सहभागी रहती थी। आलम कैमरामैन के रूप में कार्य करता था और इन रील्स की शूटिंग करता था।

समाज के लिए एक चेतावनी

यह मामला केवल कानून के उल्लंघन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज की उस मानसिकता को भी दिखाता है जो त्वरित प्रसिद्धि और पैसों की खातिर हर हद पार करने को तैयार है। यह घटना युवाओं, खासकर किशोरियों, के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि सोशल मीडिया की आभासी दुनिया में प्रसिद्धि की भूख उन्हें गलत राह पर ले जा सकती है।

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सवाल उठते हैं—कहाँ है डिजिटल नैतिकता की शिक्षा?

वर्तमान परिदृश्य में जहां हर हाथ में स्मार्टफोन है और सोशल मीडिया तक पहुंच आसान है, वहीं डिजिटल नैतिकता की शिक्षा का नितांत अभाव देखा जा रहा है। यह घटना शिक्षा प्रणाली, माता-पिता, समाज और सरकार सभी के लिए एक विचारणीय विषय है कि कैसे युवाओं को डिजिटल दुनिया की जिम्मेदारी सिखाई जाए।

संभल का यह मामला न केवल कानून की दृष्टि से गंभीर है, बल्कि सामाजिक और नैतिक पतन का भी परिचायक है। महक, परी, हिना और आलम जैसे युवाओं को सही मार्ग दिखाना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। सोशल मीडिया एक ताकतवर मंच है, लेकिन जब इसका प्रयोग गलत दिशा में होता है, तो परिणाम समाज के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं।

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