चित्रकूट

भूख, गंदगी और धमकी में घिरा सर्वोदय विद्यालय! बच्चों ने कलेक्ट्रेट में खोला पोल का पिटारा

छात्रों का फूटा ग़ुस्सा: भोजन नहीं, पानी नहीं, फिर भी धमकी ज़रूर मिलती है

चित्रकूट के जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय के छात्रों ने विद्यालय की अव्यवस्थाओं के खिलाफ कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। भोजन, पानी, सफाई और शिक्षा संबंधी लापरवाही पर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन।

संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट। मऊ तहसील अंतर्गत स्थित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय कलचिहा, बरगढ़ के छात्रों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देकर अपनी आवाज बुलंद की। लगभग आधा सैकड़ा छात्रों ने विद्यालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और तत्काल समाधान की मांग की।

भोजन, पानी और स्वच्छता बनी सबसे बड़ी समस्या

सबसे पहले, छात्रों ने आरोप लगाया कि विद्यालय में क्षमता से अधिक छात्रों का पंजीकरण कर दिया गया है, जिससे छात्रावास में रहने की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। इसके अतिरिक्त, मीनू के अनुसार भोजन नहीं दिया जाता है और पीने योग्य स्वच्छ जल की भी कोई समुचित व्यवस्था नहीं की जाती। छात्रावास और शौचालयों में नियमित सफाई न होने के कारण अनेक छात्र बीमार पड़ रहे हैं।

शिक्षा के साथ खिलवाड़: प्रयोगशाला और कंप्यूटर सिर्फ दिखावे के लिए

इसके साथ ही, छात्रों ने यह भी बताया कि विद्यालय में विज्ञान प्रयोगशालाओं में आवश्यक सामग्री का घोर अभाव है, जिसके कारण प्रायोगिक कक्षाएं नहीं हो रही हैं। यही नहीं, विद्यालय में कंप्यूटर तो हैं, लेकिन उनका उपयोग कभी नहीं कराया जाता। स्टोर में रखी सामग्री भी समय पर छात्रों को नहीं दी जाती है, जिससे उनकी पढ़ाई और परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं।

खेल का मैदान है, लेकिन खेलने लायक नहीं

इतना ही नहीं, विद्यालय में खेल मैदान तो मौजूद है, परंतु उसमें घास व झाड़ियों की सफाई न होने के कारण वह खेलने लायक नहीं है। छात्रों का आरोप है कि खेल-कूद की गतिविधियों को विद्यालय प्रबंधन द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जाता।

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भूख से बेहाल छात्र, 45 घंटे से खाली पेट

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि छात्रों ने जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में बताया कि विद्यालय में उचित भोजन न मिलने के कारण वे पिछले 45 घंटों से भूखे हैं। मीनू में दर्शाए गए भोजन की व्यवस्था केवल कागजों में होती है, जबकि असल में बच्चों को बेहद घटिया व सीमित मात्रा में भोजन दिया जाता है। जब छात्र इस संबंध में शिकायत करते हैं, तो उन्हें धमकाया जाता है।

जिलाधिकारी ने दिया तत्काल जांच का आदेश

इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. वैभव त्रिपाठी को तत्काल जांच का निर्देश दिया। डॉ. त्रिपाठी ने जानकारी दी कि विकास खंड मऊ के सहायक विकास अधिकारी (समाज कल्याण) दिनेश कुमार को मौके पर भेजा गया। निरीक्षण के दौरान छात्रों द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि हुई, खासकर भोजन, स्वच्छता और बिजली की व्यवस्था में भारी लापरवाही देखी गई।

विद्यालय प्रबंधन को दिए गए सख्त निर्देश

जांच के पश्चात विद्यालय प्रबंधन समिति को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि वे विद्यालय की भोजन व्यवस्था, स्वच्छता और बिजली आपूर्ति को तत्काल प्रभाव से दुरुस्त करें। साथ ही, छात्रों की सुरक्षा और सेहत को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।

विद्यालय एक ऐसा स्थान होना चाहिए जहां बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ जीवन जीने की मूलभूत सुविधाएं भी मिलें। यदि वहां भोजन, पानी, शौचालय जैसी आवश्यकताओं की भी अनदेखी हो रही है, तो यह एक बेहद चिंताजनक स्थिति है।

चित्रकूट के इस सर्वोदय विद्यालय के छात्रों ने अपने साहस और एकजुटता से यह सिद्ध कर दिया है कि अब बच्चे भी अपने अधिकारों को लेकर सजग और संघर्षशील हैं। प्रशासन से अपेक्षा है कि वह केवल जांच तक सीमित न रहकर इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकाले।

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