मथुरा/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सर्दियों के घने कोहरे ने एक बार फिर जनजीवन को लहूलुहान कर दिया। सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक अलग-अलग जिलों में हुए भीषण सड़क हादसों ने 25 लोगों की जान ले ली, जबकि 109 लोग घायल हो गए। कोहरे के साथ वाहन चालकों को आई झपकी, तेज रफ्तार और सीमित दृश्यता—तीनों ने मिलकर इस मंगलवार को “खूनी मंगल” में बदल दिया। सबसे भयावह हादसा मथुरा के यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुआ, जहां आग की लपटों में 13 जिंदगियां झुलस गईं।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर मौत का तांडव
मंगलवार तड़के लगभग सुबह 4:30 बजे मथुरा के बलदेव थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस-वे पर घने कोहरे के बीच दृश्यता अचानक शून्य के करीब पहुंच गई। इसी दौरान सात बसें और तीन छोटी गाड़ियां आपस में टकरा गईं। टक्कर इतनी भीषण थी कि कई वाहन चंद सेकेंड में आग का गोला बन गए। इस हादसे में 13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 35 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।
जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह के अनुसार, हादसे की मुख्य वजह कोहरा और वाहनों के बीच सुरक्षित दूरी का न रखा जाना था। आग इतनी तेज थी कि कई शवों की पहचान तक मुश्किल हो गई। राहत-बचाव कार्य में पुलिस, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ और एक्सप्रेस-वे की टीमों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी।
हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
उन्नाव: झपकी बनी काल, चार की मौत
उन्नाव जिले में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार सुबह करीब 6 बजे एक और दर्दनाक हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर कार का चालक झपकी में चला गया, जिससे वाहन पहले एक अन्य गाड़ी से टकराया और फिर डिवाइडर से जा भिड़ा। इस हादसे में कार सवार चार लोगों की मौत हो गई।
मृतकों में अशोक अग्रवाल भी शामिल थे, जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के व्यापार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बताए गए हैं। हादसे के बाद एक्सप्रेस-वे पर कुछ देर के लिए यातायात प्रभावित रहा।
बाराबंकी: 20 फुट गहरी खाई में गिरी गाड़ी
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर बाराबंकी जिले में मंगलवार सुबह करीब 10 बजे तेज रफ्तार अर्टिगा कार आगे चल रही स्कॉर्पियो से टकरा गई। टक्कर के बाद अर्टिगा अनियंत्रित होकर करीब 20 फुट गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए।
बस्ती: जायरीनों की बस और ट्रक की भिड़ंत
बस्ती जिले के हरदिया चौराहे के पास सोमवार रात अजमेर शरीफ जा रही जायरीनों की बस एक ट्रक से टकरा गई। हादसा इतना भीषण था कि ट्रक चालक समेत तीन लोगों की जान चली गई। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
मेरठ और गौतमबुद्धनगर: अलग-अलग घटनाएं, कई जानें गईं
मेरठ के सदर बाजार इलाके में मंगलवार सुबह एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने स्कूटी सवार नाबालिग छात्रा को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, जानी थाना क्षेत्र में सुबह करीब 4 बजे घने कोहरे के बीच एक कार पुल के पिलर से टकराकर हिंडन नदी में जा गिरी। इस हादसे में पुलिस के एक सिपाही समेत दो लोगों की जान चली गई।
इसके अलावा गौतमबुद्धनगर जिले में चलती कार में अचानक आग लगने से एक पेंट व्यवसायी की जलकर मौत हो गई। शुरुआती जांच में शॉर्ट-सर्किट की आशंका जताई जा रही है।
मौसम विभाग की चेतावनी: अभी और बढ़ेगा खतरा
मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार और गुरुवार को भी सुबह-शाम घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। रात के तापमान में गिरावट के साथ दृश्यता और कम हो सकती है। ऐसे में एक्सप्रेस-वे और हाईवे पर सफर करने वालों के लिए खतरा बना रहेगा।
सवाल यह है: कब रुकेगा कोहरे का यह कहर?
लगातार हो रहे हादसे यह सवाल खड़ा करते हैं कि क्या केवल मौसम को दोष देकर हम अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं? एक्सप्रेस-वे पर स्पीड लिमिट, रिफ्लेक्टर, चेतावनी बोर्ड और रियल-टाइम अलर्ट सिस्टम—क्या ये पर्याप्त हैं? या फिर हमें ड्राइविंग व्यवहार, रात्रि यात्रा और थकान प्रबंधन पर भी गंभीरता से काम करना होगा?
पाठकों के सवाल-जवाब
❓ कोहरे में सबसे ज्यादा हादसे क्यों होते हैं?
घने कोहरे में दृश्यता बेहद कम हो जाती है। तेज रफ्तार, सुरक्षित दूरी का अभाव और ड्राइवर को आई झपकी हादसों की प्रमुख वजह बनती है।
❓ क्या एक्सप्रेस-वे पर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय हैं?
हां, लेकिन कोहरे के दौरान स्पीड कंट्रोल, ड्राइवर अलर्ट सिस्टम और नियमों के पालन में लापरवाही जानलेवा साबित हो रही है।
❓ सरकार की ओर से पीड़ितों को क्या मदद मिली?
उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।






