
रिपोर्टर – हिमांशु मोदी
कामां (भरतपुर): राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) फाइनल परीक्षा 2025 के परिणाम में कामां निवासी देवांश खोसला ने 86वीं रैंक प्राप्त कर अपने परिवार, विद्यालय, और पूरे कामां विधानसभा क्षेत्र का नाम रोशन किया है। इस सफलता की खबर फैलते ही कामां कस्बे में खुशी की लहर दौड़ गई। हर गली-मोहल्ले में लोगों ने देवांश खोसला के परिवार को बधाइयों से सराबोर कर दिया।
🌟 देवांश खोसला की सफलता: कामां की धरती पर नई प्रेरणा की कहानी
देवांश खोसला, जो वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, सुनहरा के शिक्षक वीरेंद्र खोसला के सुपुत्र हैं, ने अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है। बताया जा रहा है कि देवांश खोसला पिछले दो वर्षों से जयपुर के स्प्रिंगबोर्ड कोचिंग संस्थान में तैयारी कर रहे थे। अपने समर्पण और अनुशासन के बल पर उन्होंने RAS फाइनल परीक्षा में 86वीं रैंक हासिल की।
🎓 शिक्षा में भी रहे हमेशा अव्वल
देवांश खोसला की यह पहली बड़ी उपलब्धि नहीं है। इससे पहले भी उन्होंने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा में साइंस विषय में मेरिट प्राप्त की थी। बचपन से ही देवांश खोसला को अध्ययन के प्रति गहरी रुचि थी। उनके शिक्षकों का कहना है कि वे सदैव आत्मनिष्ठ, अनुशासित और सकारात्मक सोच वाले विद्यार्थी रहे हैं।
विद्यालय के समस्त शिक्षकों एवं स्टाफ ने देवांश खोसला की सफलता पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि उनका यह परिणाम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।
🎉 कामां में जश्न, जायंट्स ग्रुप और सामाजिक संगठनों ने दी बधाई
देवांश खोसला की सफलता से कामां कस्बा हर्ष और उल्लास से भर गया। जायंट्स ग्रुप ऑफ कामां के सदस्यों — संजय जैन बड़जात्या, खेमराज खंडेलवाल, प्रमोद पुजारी और अपनाघर सेवा समिति कामां के पदाधिकारियों ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि देवांश खोसला का चयन न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे कामां क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है।
सामाजिक कार्यकर्ता संजय जैन ने कहा— “देवांश खोसला जैसे युवाओं की सफलता से समाज में शिक्षा के प्रति नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार होता है।”
🌺 ‘शाबाश देवांश खोसला’ – कामां की पावन धरा गर्वित
कामां विधानसभा क्षेत्र की जनता, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने कहा कि देवांश खोसला ने यह साबित कर दिया कि छोटे कस्बे से भी बड़ा सपना देखा जा सकता है और उसे पूरा किया जा सकता है। स्थानीय विद्यालयों में इस सफलता को लेकर विशेष चर्चा रही। विद्यालय के प्राचार्य ने कहा— “देवांश खोसला हमारे विद्यालय और क्षेत्र के उन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं जो प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैं।”
🏆 देवांश खोसला बने युवाओं के रोल मॉडल
आज के युवाओं के लिए देवांश खोसला एक जीवंत उदाहरण हैं कि सफलता केवल बड़े शहरों के छात्रों तक सीमित नहीं, बल्कि मेहनत करने वाले हर विद्यार्थी की हो सकती है। उनके पिता वीरेंद्र खोसला, जो एक शिक्षक हैं, ने हमेशा शिक्षा और संस्कार दोनों को समान महत्व दिया। उन्होंने कहा— “मेरे बेटे देवांश खोसला की सफलता इस बात का प्रमाण है कि सच्चे प्रयास और सही दिशा में मेहनत से कुछ भी असंभव नहीं।”
📚 RAS परीक्षा में सफलता का राज – अनुशासन और आत्मविश्वास
देवांश खोसला का कहना है कि उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ मानसिक संतुलन और अनुशासन पर भी ध्यान दिया। उन्होंने बताया कि “कोचिंग के दौरान रोज़ाना 8 से 10 घंटे की तैयारी की, परंतु सबसे ज़रूरी था आत्मविश्वास बनाए रखना।”
देवांश खोसला ने यह भी कहा कि वे भविष्य में अपने क्षेत्र के युवाओं को प्रशासनिक सेवा की तैयारी के लिए प्रेरित करेंगे।
🌼 परिवार और समाज का गौरव बने देवांश खोसला
देवांश खोसला के पिता वीरेंद्र खोसला और माता ने अपने पुत्र की इस सफलता पर भावुक होकर कहा कि यह उनके लिए गर्व का पल है। वहीं, कामां के लोगों ने मिठाइयाँ बांटकर खुशी जाहिर की। बच्चों ने “शाबाश देवांश खोसला” के नारे लगाए।