
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट: संपूर्ण समाधान दिवस चित्रकूट में आज उस समय अलग ही माहौल दिखाई दिया जब
मंडलायुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) ने मानिकपुर तहसील सभागार में चल रहे
संपूर्ण समाधान दिवस में आम जनता की समस्याएं सीधे सुनीं और अधिकारियों को
तत्काल निस्तारण के स्पष्ट निर्देश दिए। इस दौरान सबसे अधिक शिकायतें
राजस्व विभाग से संबंधित दर्ज की गईं, जिनके तत्काल समाधान के लिए
मंडलायुक्त ने सख्ती दिखाते हुए संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध कार्रवाई करने को कहा।
इस संपूर्ण समाधान दिवस को लेकर प्रशासनिक महकमे की विशेष तैयारी देखने को मिली।
लोग सुबह से ही अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे। फोकस रहा –
जमीन विवाद, नामांतरण, बटाई, सीमांकन, विद्युत बाधाएं, लटकते विद्युत पोल, पेंशन योजनाएं,
राशन कार्ड, आवास योजनाएं और स्वास्थ्य सेवाएं। कमिश्नर ने स्पष्ट कहा कि
संपूर्ण समाधान दिवस का उद्देश्य कागज़ों में नहीं बल्कि वास्तविक समय में जनता तक राहत पहुँचाना है।
राजस्व विभाग की शिकायतें सबसे अधिक, कमिश्नर ने नाराजगी दिखाई
संपूर्ण समाधान दिवस चित्रकूट में राजस्व विभाग की लापरवाही का मुद्दा लगातार उठता रहा।
कई फरियादियों ने बताया कि महीनों से नामांतरण और सीमांकन के प्रकरण लंबित पड़े हैं।
कमिश्नर ने मौके पर ही लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों से कारण पूछा और निर्देश दिया कि
राजस्व विभाग की हर शिकायत का निस्तारण समय सीमा में होना चाहिए,
अन्यथा कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
कमिश्नर ने कहा कि
“संपूर्ण समाधान दिवस का मकसद जनता को वास्तविक राहत देना है, इसलिए लंबित फाइलें अब और नहीं चलेंगी।”
बिजली विभाग की लापरवाही से लटक रहे तार, कमिश्नर का कड़ा निर्देश
संपूर्ण समाधान दिवस में ग्रामीणों ने शिकायत की कि कई गांवों में बिजली के खंभे और
तार खतरनाक रूप से लटके हुए हैं, जिससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
कमिश्नर ने विद्युत विभाग के अवर अभियंता को चेतावनी देते हुए कहा कि
लटकते तारों को तत्काल दुरुस्त किया जाए और रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर उपलब्ध कराई जाए।
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) ने भी कहा कि बिजली से होने वाली दुर्घटनाओं पर
इलाके के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी।
पुलिस विभाग से अतिक्रमण और चोरी की शिकायतें दर्ज
संपूर्ण समाधान दिवस चित्रकूट में कई नागरिकों ने पुलिस से संबंधित समस्याएं भी उठाईं।
डीआईजी ने शिकायत दर्ज करने आए लोगों से सीधे संवाद किया और संबंधित थाना प्रभारियों को
स्पष्ट निर्देश दिए कि FIR दर्ज करने में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि
“थानों का व्यवहार जनसरोकार के अनुकूल होना चाहिए, शिकायतकर्ता को राहत मिलनी चाहिए।”
स्वास्थ्य और आवास योजनाओं से जुड़ी समस्याओं पर भी चर्चा
आवास योजना में पात्र लोगों का नाम न जुड़ पाने की शिकायतें भी सामने आईं। मुख्य विकास अधिकारी
अमृतपाल कौर ने कहा कि प्रत्येक शिकायत की जांच करवाकर पात्र लाभार्थियों को
लाभ देना प्रशासन की प्राथमिकता है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शेखर वैश्य ने स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित मुद्दों पर
फरियादियों की शिकायतें सुनीं और आश्वासन दिया कि
“संपूर्ण समाधान दिवस में आई हर स्वास्थ्य समस्या का समाधान प्राथमिकता पर किया जाएगा।”
कौन–कौन रहे मौजूद
संपूर्ण समाधान दिवस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मौजूद रहे—
मंडलायुक्त, पुलिस उप महानिरीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर, उप जिलाधिकारी
मो. जसीम, उप जिलाधिकारी पूजा गुप्ता, तहसीलदार, क्षेत्राधिकारी मऊ,
खण्ड विकास अधिकारी पवन कुमार सिंह, बीडीओ मिथिलेश कुमार,
अधिशासी अधिकारी भारत सिंह,
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ शेखर वैश्य,
प्रभारी निरीक्षक कोतवाली मानिकपुर श्रीप्रकाश यादव,
थाना प्रभारी मारकुंडी निशिकांत राय,
थाना प्रभारी महिलपुरवा सत्यम पति त्रिपाठी,
प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रैपुरा आशुतोष तिवारी,
अवर अभियंता लघु सिंचाई संदीप कुमार,
अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग जितेंद्र सिंह और
विद्युत विभाग, कानूनगो, राजस्व निरीक्षक तथा पूरे लेखपाल दल।
संपूर्ण समाधान दिवस चित्रकूट: समस्याओं के निस्तारण के लिए प्रशासन की सख्ती
आज आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस चित्रकूट प्रशासनिक सजगता का प्रमाण बना।
कमिश्नर और डीआईजी की संयुक्त मौजूदगी ने जनता को भरोसा दिया कि
संपूर्ण समाधान दिवस केवल औपचारिकता नहीं बल्कि वास्तविक समाधान का माध्यम है।
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संपूर्ण समाधान दिवस क्या होता है?
संपूर्ण समाधान दिवस प्रशासन द्वारा आयोजित वह दिन है जब विभिन्न विभाग सामूहिक रूप से जनता की समस्याएं सुनकर मौके पर ही निस्तारण करते हैं।
चित्रकूट संपूर्ण समाधान दिवस में सबसे अधिक शिकायतें किस विभाग की रहीं?
सबसे अधिक शिकायतें राजस्व विभाग से संबंधित दर्ज की गईं।
बिजली विभाग से क्या शिकायतें सामने आईं?
ग्रामीणों ने बताया कि कई जगह बिजली के तार लटके हुए हैं जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। कमिश्नर ने तत्काल सुधार का आदेश दिया।
कमिश्नर और डीआईजी ने क्या निर्देश दिए?
दोनों अधिकारियों ने सभी विभागों को समयबद्ध निस्तारण, पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ काम करने के निर्देश दिए।






