उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से सामने आया यह मामला न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था की संवेदनशीलता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि प्राथमिक स्तर पर बच्चों की सुरक्षा और सम्मान को लेकर तंत्र कितना सजग है। मानिकपुर क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय टिकरिया में कक्षा 1 की छात्रा के साथ कथित तौर पर शिक्षक द्वारा की गई मारपीट और बाल उखाड़े जाने के आरोपों ने स्थानीय अभिभावकों में रोष पैदा कर दिया है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद विभागीय स्तर पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, जिससे उनका भरोसा और अधिक डगमगाया है।
घटना का विवरण: नौनिहाल पर कथित अत्याचार
पीड़ित छात्रा की मां जरीना खान के अनुसार, कक्षा 1 में पढ़ने वाली उनकी बेटी को विद्यालय में पढ़ाई के दौरान शिक्षक नारायण प्रसाद गौतम ने बेरहमी से पीटा। आरोप है कि मारपीट इतनी गंभीर थी कि बच्ची के सिर से बाल तक उखड़ गए। परिवार का कहना है कि इस घटना से बच्ची मानसिक रूप से सहमी हुई है और स्कूल जाने से डर रही है। अभिभावकों के अनुसार, यह घटना 4 दिसंबर 2025 की है, जिसकी जानकारी उन्होंने तत्काल विद्यालय प्रशासन को दी, लेकिन शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया।
जाति सूचक शब्दों और भेदभाव के आरोप
केवल एक छात्रा ही नहीं, बल्कि कई अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि विद्यालय में अनुसूचित जाति और मुस्लिम समुदाय के बच्चों के साथ भेदभाव किया जाता है। अभिभावकों का दावा है कि प्रधानाध्यापिका रेखा पाण्डेय तथा सहायक अध्यापक सत्यम गर्ग और नारायण प्रसाद गौतम द्वारा पढ़ाई और मिड-डे मील के समय जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इससे बच्चों के मन में हीनभावना पैदा हो रही है और उनका शैक्षणिक वातावरण प्रभावित हो रहा है।
थाना मारकुंडी में शिकायत, कार्रवाई की मांग
इस मामले में पीड़ित छात्र-छात्राओं के परिजनों ने मारकुंडी थाना में लिखित प्रार्थना पत्र देकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। शिकायत देने वालों में उदयभान, राजमन, रामदीन, पन्नालाल, शकुंतला कोल, जरीना खान, सुमित्रा वर्मा और मोहम्मद आरिफ शामिल हैं। उनका कहना है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं दोबारा हो सकती हैं।
विद्यालय प्रशासन का पक्ष
दूसरी ओर, विद्यालय प्रशासन ने आरोपों को निराधार बताया है। प्रधानाध्यापिका रेखा पाण्डेय का कहना है कि उन्हें राजनीतिक दबाव में फंसाया जा रहा है। उनके अनुसार, 4 दिसंबर को कथित घटना के बाद वे 5 और 6 दिसंबर को अवकाश पर थीं, 7 दिसंबर को रविवार था और 8 दिसंबर को जब वे विद्यालय पहुंचीं तो कुछ ग्रामीण लाठी-डंडे और कुल्हाड़ी लेकर विद्यालय में घुस आए। उनका दावा है कि यदि उस दिन शिक्षक नारायण प्रसाद गौतम उपस्थित होते, तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
जागरूकता अभियान की पहल
मामले की जानकारी मिलते ही “चलो गांव की ओर” जागरूकता अभियान के संस्थापक और अध्यक्ष संजय सिंह राणा टिकरिया गांव पहुंचे। उन्होंने पहले पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और फिर विद्यालय पहुंचकर प्रधानाध्यापिका तथा शिक्षकों से बातचीत की। दोनों पक्षों के बयान सुनने के बाद उन्होंने निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया और प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग की।
खंड शिक्षा अधिकारी का आश्वासन
इस पूरे मामले में खंड शिक्षा अधिकारी मानिकपुर मिथिलेश कुमार से फोन पर वार्ता की गई। उन्होंने भरोसा दिलाया कि 16 दिसंबर 2025 को वे स्वयं विद्यालय का निरीक्षण करेंगे और दोनों पक्षों से बातचीत के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अब सवाल व्यवस्था पर
यह मामला केवल एक विद्यालय या एक शिक्षक तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और समानता से जुड़े बड़े सवाल उठाता है। क्या प्रशासन समय पर और निष्पक्ष कार्रवाई करेगा? या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा? जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा, लेकिन फिलहाल अभिभावक न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
❓ पाठकों के सवाल—जवाब
यह घटना कब और कहां की बताई जा रही है?
अभिभावकों के अनुसार यह घटना 4 दिसंबर 2025 को कंपोजिट विद्यालय टिकरिया, मानिकपुर क्षेत्र, चित्रकूट में हुई।
किस शिक्षक पर मुख्य आरोप हैं?
मुख्य आरोप सहायक अध्यापक नारायण प्रसाद गौतम पर लगाए गए हैं, जबकि अन्य शिक्षकों पर भी भेदभाव के आरोप हैं।
प्रशासन की ओर से क्या कार्रवाई की बात कही गई है?
खंड शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय का निरीक्षण कर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।






