उन्नाव से सामने आई यह घटना महज एक आपराधिक वारदात नहीं, बल्कि रिश्तों में पनपती वह ज़हरीली प्रतिस्पर्धा है, जो अंततः हत्या जैसे संगीन अपराध में तब्दील हो गई। एक ही युवती से संबंध, आपसी शक, अहंकार और बदले की भावना—इन सबने मिलकर एक युवक की जान ले ली और दो युवकों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
घटना अचलगंज थाना क्षेत्र की है, जहां बलियाखेड़ा गांव निवासी 22 वर्षीय सुधीर की हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि हत्या की साजिश में शामिल एक आरोपी, वारदात के बाद सुधीर की तलाश में उसके परिजनों और पुलिस के साथ ही घूमता रहा।
गुमशुदगी से हत्या तक की कहानी
12 दिसंबर को सुधीर अपने दोस्त रंजीत के साथ बाइक से अचलगंज गया था। शाम ढलने के बाद भी जब सुधीर घर नहीं लौटा, तो परिजनों की चिंता बढ़ने लगी। लगातार फोन करने पर भी जब संपर्क नहीं हुआ, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तत्काल गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
इसी दौरान सुधीर की बाइक लावारिस हालत में खड़ी मिली, जिसने मामले को और संदिग्ध बना दिया। रविवार को खेतों की ओर गए ग्रामीणों ने झाड़ियों में दबा एक शव देखा। सूचना मिलते ही पुलिस और परिजन मौके पर पहुंचे। शव की शिनाख्त होते ही मातम छा गया—यह शव सुधीर का ही था।
गले में रस्सी, चेहरे पर खून—कत्ल के साफ संकेत
मौके पर पुलिस को जो साक्ष्य मिले, वे किसी हादसे की नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या की ओर इशारा कर रहे थे। सुधीर के गले में रस्सी कसी हुई थी। चेहरे और मुंह पर खून के निशान थे, जिससे साफ था कि पहले उसके साथ मारपीट हुई और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड को बुलाया। झाड़ियों, खेत और आसपास के इलाके की बारीकी से जांच की गई। कई अहम सुराग जुटाए गए, जिनके आधार पर शक की सुई सुधीर के दोस्त रंजीत की ओर घूमने लगी।
दोस्ती की आड़ में विश्वासघात
परिजनों ने पुलिस को बताया कि आखिरी बार सुधीर को रंजीत के साथ देखा गया था। इसी आधार पर पुलिस ने रंजीत और उसके एक दोस्त संदीप को हिरासत में लिया। पूछताछ में जो कहानी सामने आई, वह रिश्तों के सबसे काले चेहरे को उजागर करती है।
आरोपियों ने कबूल किया कि सुधीर, रंजीत और संदीप—तीनों के संबंध एक ही युवती से थे। यही प्रेम त्रिकोण धीरे-धीरे दुश्मनी में बदल गया। संदीप को लगा कि सुधीर उसकी राह का सबसे बड़ा रोड़ा है। इसी सोच ने उसे हत्या की साजिश रचने पर मजबूर कर दिया।
योजना, बुलावा और हत्या
पुलिस के मुताबिक संदीप ने रंजीत के जरिए सुधीर को मिलने के लिए बुलवाया। सुनसान जगह पर ले जाकर पहले कहासुनी हुई, फिर मारपीट और अंत में गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई। शव को झाड़ियों में छुपा दिया गया, ताकि किसी को शक न हो।
हैरानी की बात यह रही कि हत्या के बाद रंजीत सामान्य व्यवहार करता रहा। वह सुधीर की तलाश में परिजनों के साथ घूमता रहा, मानो कुछ हुआ ही न हो। लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे आखिरकार दोनों टूट गए और जुर्म कबूल कर लिया।
समाज के लिए चेतावनी
यह मामला सिर्फ एक हत्या की कहानी नहीं, बल्कि युवाओं के बीच रिश्तों में बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा का आईना है। प्रेम, अगर समझ और संवाद से दूर होकर अहंकार और अधिकार की भावना में बदल जाए, तो उसका अंजाम कितना भयावह हो सकता है—यह घटना उसी की मिसाल है।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें जेल भेजने की तैयारी की जा रही है। आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।
पाठकों के सवाल
सवाल: सुधीर की हत्या का मुख्य कारण क्या था?
एक ही युवती से संबंध और उससे उपजी आपसी दुश्मनी ही इस हत्या का मुख्य कारण रही।
सवाल: हत्या कैसे की गई?
आरोपियों ने पहले मारपीट की और फिर रस्सी से गला घोंटकर सुधीर की हत्या कर दी।
सवाल: पुलिस को आरोपियों तक कैसे सुराग मिला?
परिजनों की जानकारी और अंतिम बार साथ देखे जाने के आधार पर पुलिस ने पूछताछ की, जिसमें आरोपी टूट गए।
सवाल: आरोपियों के खिलाफ आगे क्या कार्रवाई होगी?
दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है, आगे कोर्ट में सुनवाई होगी।






