
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के ढिकौली गांव स्थित प्राइमरी स्कूल नंबर-2 से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना दिया है। हिंदू बच्चों की बोतल में पेशाब मिलाए जाने का यह मामला न सिर्फ सामाजिक सौहार्द पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि स्कूल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर चिंतन की जरूरत दर्शाता है। इस हिंदू बच्चों की बोतल में पेशाब मिलाने वाली घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश साफ देखा जा रहा है।
बदमजगी भरी बदबू ने खोल दी पोल
मामले की शुरुआत तब हुई जब तीन छात्रों ने शिकायत की कि उनकी पानी की बोतल से अजीब और तेज बदबू आ रही है। शिक्षक ने जैसे ही बोतल खोली, बदबू इतनी तीव्र थी कि स्टाफ के होश उड़ गए। सवाल-जवाब में बच्चों ने बताया कि उन्हें एक बाहरी व्यक्ति ने हिंदू बच्चों की बोतल में पेशाब मिलाने के लिए उकसाया था। यह सुनकर स्टाफ और ग्रामीण दोनों सन्न रह गए।
प्रधानाचार्य का बड़ा खुलासा—पहले भी हुआ था निशाना
प्रधानाचार्य युद्धवीर सिंह ने बताया कि यह कोई सामान्य शरारत नहीं है, बल्कि स्कूल और कुछ बच्चों को निशाना बनाने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने दावा किया कि 15 अगस्त के दिन गांव की मस्जिद के मौलवी ने कुछ बच्चों से मजहबी नारे लगवाए थे। उस समय मामला दब गया, लेकिन अब हिंदू बच्चों की बोतल में पेशाब मिलाने की घटना सामने आने से स्थिति गंभीर हो गई है। प्रधानाचार्य के अनुसार, यह बच्चों के दिमाग में नफरत भरने की साजिश हो सकती है।
पुलिस पर लगा मामले को हल्का लेने का आरोप
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस स्कूल में पहुंची, लेकिन स्टाफ ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शुरुआत में मामले को गंभीरता से नहीं लिया। प्रधानाचार्य के अनुसार, पुलिस ने पहले उनसे ही सवाल-जवाब शुरू कर दिए और घटना को “ड्रामा” बताकर हल्का करने की कोशिश की। इस रवैये से स्कूल स्टाफ और परिजन बेहद नाराज दिखे। बाद में जब वीडियो सामने आया, तब पुलिस ने अपना स्टैंड बदलते हुए कहा कि कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों का फूटा गुस्सा—खाने में भी गंदगी मिलाने का आरोप
इस हिंदू बच्चों की बोतल में पेशाब मिलाने के मामले ने परिजनों को गहरे सदमे में डाल दिया है। आरती नामक अभिभावक ने आरोप लगाया कि उनके बच्चे के खाने में थूका गया था। वहीं राकेश कुमार ने बताया कि उनके बेटे की बोतल में पेशाब मिलाकर उसे पिलाया गया। परिजनों का कहना है कि यह घटना बच्चों की मानसिक सुरक्षा पर गंभीर हमला है और इसके पीछे किसी साजिश की बू आ रही है।
पुलिस ने ट्वीट कर दी सफाई—जांच जारी
विवाद बढ़ने के बाद बागपत पुलिस ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया कि उन्हें तहरीर मिल चुकी है और हिंदू बच्चों की बोतल में पेशाब मिलाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने आश्वासन दिया कि जांच निष्पक्ष और त्वरित होगी और दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी।
इस घटना के सामाजिक मायने
यह घटना सिर्फ एक स्कूल तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में फैल रही कटुता और बच्चों को उकसाकर नफरत फैलाने की खतरनाक प्रवृत्ति की ओर संकेत करती है। शिक्षा जैसे पवित्र स्थान पर हिंदू बच्चों की बोतल में पेशाब मिलाने जैसी घटनाएँ अत्यंत चिंताजनक हैं। इससे बच्चों की मासूमियत, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक एकता पर गहरा असर पड़ता है।
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➤ बागपत में हिंदू बच्चों की बोतल में पेशाब मिलाने का मामला क्या है?
ढिकौली गांव के सरकारी स्कूल में तीन बच्चों ने बताया कि उन्हें एक व्यक्ति ने कुछ हिंदू बच्चों की बोतलों में पेशाब मिलाने के लिए उकसाया था। जांच जारी है।
➤ क्या स्कूल प्रशासन ने पहले भी ऐसे मामले की शिकायत की थी?
हाँ, प्रधानाचार्य ने बताया कि 15 अगस्त को भी बच्चों को मजहबी नारे लगवाए गए थे, लेकिन मामला दबा दिया गया।
➤ पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?
पुलिस ने तहरीर लेकर जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आवश्यक कानूनी कार्रवाई की बात कही है।
➤ माता-पिता क्यों नाराज़ हैं?
अभिभावकों ने आरोप लगाया कि बच्चों के खाने और बोतल में गंदगी मिलाने जैसी घटनाएँ पहले भी हुई हैं, इसलिए वे बेहद आक्रोशित हैं।









