बाल दिवस पर शिक्षा और जागरूकता का संगम: डीग के विद्यालयों में ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’, मानव श्रृंखला और रैली

हिमांशु मोदी की रिपोर्ट

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बाल दिवस के अवसर पर डीग जिले के विद्यालयों में शिक्षा, जागरूकता और अनुशासन का अनूठा संगम देखने को मिला।
इस बार बाल दिवस केवल औपचारिक समारोह तक सीमित नहीं रहा, बल्कि विद्यार्थियों के अकादमिक विकास के साथ–साथ
उनकी नागरिक जिम्मेदारी को भी मजबूत करने वाला दिन बन गया। बाल दिवस के इस अवसर पर
किशन लाल जोशी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, डीग और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, शीशवाड़ा ने मिलकर
ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया, जो आने वाले वर्षों तक बाल दिवस की मिसाल के रूप में याद किया जाएगा।

बाल दिवस पर आयोजित इन कार्यक्रमों का केंद्र ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ रहा, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को
आगामी परीक्षाओं के लिए सघन तैयारी करवाने का लक्ष्य रखा गया। साथ ही, मतदाता साक्षरता क्लब के सहयोग से
मतदाता जागरूकता को भी बाल दिवस कार्यक्रम से जोड़ा गया, ताकि बच्चे न सिर्फ पढ़ाई में आगे बढ़ें,
बल्कि लोकतंत्र के प्रति भी जागरूक हों। बाल दिवस की यही दोहरी भूमिका इस पूरे आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता रही।

किशन लाल जोशी विद्यालय, डीग: बाल दिवस पर स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की मानव श्रृंखला

किशन लाल जोशी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, डीग में बाल दिवस के अवसर पर आयोजित
‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मैदान में बनी विशाल मानव श्रृंखला रही।
सैकड़ों विद्यार्थियों ने अनुशासित ढंग से बैठकर ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ की आकृति बनाते हुए
एक प्रभावशाली मानव श्रृंखला तैयार की, जिसने बाल दिवस को यादगार बना दिया।
यह दृश्य न केवल बाल दिवस के उल्लास को दर्शा रहा था, बल्कि शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों की प्रतिबद्धता को भी सामने ला रहा था।

विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री गोपाल प्रसाद शर्मा ने बाल दिवस पर आयोजित इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि
‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ कार्यक्रम विद्यार्थियों के शैक्षणिक भविष्य को मजबूत करने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस अवसर जैसे दिनों का उपयोग यदि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुशासित तैयारी के लिए किया जाए,
तो विद्यार्थियों के परिणामों में उल्लेखनीय सुधार संभव है।
इस प्रकार बाल दिवस विद्यालय के लिए केवल उत्सव नहीं, बल्कि योजना और तैयारी का दिन भी बन गया।

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इसी क्रम में विद्यालय के मतदाता साक्षरता क्लब द्वारा मतदाता जागरूकता अभियान भी इस अवसर पर चलाया गया।
क्लब प्रभारी श्री बीरबल सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि बाल दिवस हमें जहाँ बच्चों के अधिकारों की याद दिलाता है,
वहीं यह अवसर भविष्य के जागरूक मतदाताओं को तैयार करने की भी प्रेरणा देता है।
उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने परिवार और पड़ोस में पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए प्रेरित करें,
ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया और अधिक सशक्त हो सके।

बाल दिवस के कार्यक्रम को और आकर्षक बनाने के लिए विद्यालय की छात्राओं ने
‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ और मतदाता जागरूकता की थीम पर रंग–बिरंगी रंगोलियां भी सजाईं।
प्रधानाचार्य श्री गोपाल प्रसाद शर्मा और मतदाता साक्षरता क्लब प्रभारी श्री बीरबल सिंह के मार्गदर्शन में
श्री बृजेश चौधरी, श्री दिगंबर सिंह, श्रीमती सीता रानी, श्री अशोक गुप्ता,
श्रीमती निशा, श्रीमती ममता, श्रीमती रीना, श्रीमती कुसुमलता और श्री सियाराम शर्मा सहित
सभी शिक्षकों ने बाल दिवस के इस वृहद आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

शीशवाड़ा विद्यालय में बाल दिवस पर रैली और हेल्प डेस्क के साथ जागरूकता

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, शीशवाड़ा में भी इस अवसर पूरे उत्साह और गंभीरता के साथ मनाया गया।
यहाँ नव नियुक्त शिक्षकों ने सभी छात्र–छात्राओं को ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ कार्यक्रम की अवधारणा, उद्देश्य और महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर के दिन आयोजित इस शैक्षणिक गतिविधि ने बच्चों के भीतर नियमित और केंद्रित अध्ययन की आदत विकसित करने पर जोर दिया।

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जानकारी सत्र के बाद इस अवसर के उपलक्ष्य में विद्यालय के छात्र–छात्राओं द्वारा पूरे शीशवाड़ा गाँव में एक जागरूकता रैली निकाली गई।
इस रैली में ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’, शिक्षा के महत्व और मतदाता जागरूकता से जुड़े नारे लगाए गए।
रैली के दौरान बच्चों ने घर–घर और मार्ग–मार्ग पर यह संदेश देने की कोशिश की कि
बाल दिवस केवल मनोरंजन का दिन नहीं, बल्कि सीखने और समाज को दिशा देने का अवसर भी है।

इस अवसर पर चलाए गए अभियान के अंतर्गत विद्यालय के नव नियुक्त शिक्षकों द्वारा एक हेल्प डेस्क भी लगाया गया,
जहाँ स्थानीय मतदाताओं को मतदाता सूची, पंजीकरण प्रक्रिया और आवश्यक कागज़ात के बारे में जानकारी दी गई।
संस्था प्रधान श्री उदयभान गुप्ता के निर्देशन में व्याख्याता (राजनीति विज्ञान) श्री हरिओम सिंह, श्री बालू पटेल तथा
विद्यालय के सभी नव नियुक्त शिक्षकों ने इस अवसर को सार्थक और उपयोगी बनाने में अहम भूमिका निभाई।

बाल दिवस: शिक्षा, अनुशासन और नागरिक जिम्मेदारी का संगठित संदेश

डीग जिले के इन दोनों विद्यालयों में हुए आयोजनों ने यह स्पष्ट कर दिया कि
बाल दिवस को केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक सीमित रखने के बजाय
यदि इसे शिक्षा और नागरिक जिम्मेदारी से जोड़ा जाए,
तो इसका प्रभाव कहीं अधिक गहरा और दूरगामी होता है।
इस अवसर पर बनी मानव श्रृंखला, निकली रैलियाँ, सजाई गई रंगोलियां और चलाए गए मतदाता जागरूकता अभियान ने
विद्यार्थियों के मन में यह संदेश मजबूती से बैठा दिया कि वे सिर्फ परीक्षार्थी नहीं,
बल्कि कल के जिम्मेदार नागरिक भी हैं।

इस वर्ष का बाल दिवस डीग के लिए इसलिए भी खास रहा क्योंकि
यहाँ के विद्यालयों ने पुस्तक से बाहर निकलकर व्यवहारिक शिक्षा पर जोर दिया।
इस अवसर के बहाने जहाँ बच्चों को अनुशासन, टीमवर्क और समय प्रबंधन का व्यावहारिक पाठ पढ़ाया गया,
वहीं लोकतंत्र के महत्त्व और मताधिकार की गरिमा को भी रेखांकित किया गया।
इस प्रकार बाल दिवस ने शिक्षा, जागरूकता और सामाजिक सहभागिता—तीनों के बीच एक सुदृढ़ सेतु का काम किया।

निश्चय ही, डीग जिले में मनाया गया यह बाल दिवस आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण बन सकता है।
जब विद्यालय इस अवसर जैसे दिनों पर ऐसे सार्थक कार्यक्रम आयोजित करते हैं,
तो बच्चे न केवल किताबों में लिखे सिद्धांतों को समझते हैं,
बल्कि उन्हें जीवन में उतारना भी सीखते हैं।
यही कारण है कि अनेक अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने भी इन आयोजनों की सराहना करते हुए कहा कि
इस तरह का बाल दिवस बच्चों के भविष्य के लिए वास्तविक निवेश है।

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बाल दिवस कार्यक्रम से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल–जवाब

प्रश्न 1: डीग में बाल दिवस का मुख्य आकर्षण क्या रहा?

किशन लाल जोशी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, डीग में बाल दिवस पर ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ कार्यक्रम के तहत
विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई विशाल मानव श्रृंखला मुख्य आकर्षण रही,
जिसने इस अवसर को यादगार और प्रेरणादायी बना दिया।

प्रश्न 2: बाल दिवस पर शीशवाड़ा विद्यालय में क्या विशेष आयोजन हुआ?

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, शीशवाड़ा में बाल दिवस के अवसर पर
छात्र–छात्राओं ने पूरे गाँव में ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ और मतदाता जागरूकता को केंद्र में रखकर रैली निकाली
और लोगों को मतदान और शिक्षा के महत्व के बारे में बताया।

प्रश्न 3: बाल दिवस के कार्यक्रम में मतदाता जागरूकता को क्यों जोड़ा गया?

मतदाता साक्षरता क्लब और शिक्षकों का मानना है कि बाल दिवस भविष्य के जिम्मेदार नागरिकों को तैयार करने का अवसर है।
इसीलिए इस अवसर पर ही विद्यार्थियों के माध्यम से परिवार और समाज में मतदाता जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया,
ताकि आने वाली पीढ़ी लोकतांत्रिक अधिकारों और कर्तव्यों को बेहतर ढंग से समझ सके।

प्रश्न 4: इस अवसर के इन आयोजनों से विद्यार्थियों को क्या लाभ मिलेगा?

इन कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ के जरिए पढ़ाई में गहराई,
मानव श्रृंखला और रैली के जरिए टीमवर्क व अनुशासन,
साथ ही मतदाता जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से नागरिक जिम्मेदारी का बोध हुआ।
इस तरह इस अवसर ने उन्हें सर्वांगीण विकास की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

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