विद्यालय में विज्ञान का उत्सव — नवाचार सप्ताह बना नन्हे कलामों की प्रयोगशाला

विज्ञान नवाचार सप्ताह 2025 के दौरान यूपीएस रामपुर गढ़ौवा, उन्नाव में पुरस्कार स्वरूप प्रमाणपत्र प्राप्त करते छात्र-छात्राएँ, विज्ञान मॉडल, ब्लैकबोर्ड पर विज्ञान शपथ और शिक्षकगण






विद्यालय में विज्ञान का उत्सव —

🌟 उन्नाव में नवाचार की नई लहर: डॉ. कलाम की प्रेरणा बनी विज्ञान की प्रयोगशाला

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

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उन्नाव। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जयंती के उपलक्ष्य में यूपीएस रामपुर गढ़ौवा में आयोजित विज्ञान नवाचार सप्ताह 2025 एक प्रेरणादायक विज्ञान उत्सव के रूप में संपन्न हुआ।

8 से 15 अक्टूबर तक चले इस विशेष नवाचार सप्ताह ने विद्यालय में विज्ञान, कला और समाज सेवा का दुर्लभ संगम प्रस्तुत किया।

“विद्यालय में खोजें नन्हे कलाम — विज्ञान को दें नया आयाम” शीर्षक से संचालित इस अभियान ने छात्रों में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा और नवाचार की चेतना जगाई।

🔭 विज्ञान नवाचार सप्ताह: प्रयोग, संवेदना और सामाजिक चेतना का संगम

सप्ताह की शुरुआत विज्ञान गीत, मॉडल प्रदर्शन और विचार प्रतियोगिता से हुई। छात्रों ने डॉ. कलाम के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनी रचनाओं और प्रयोगों के माध्यम से जीवंत किया। विद्यालय परिसर इन दिनों सचमुच नन्हे कलामों की प्रयोगशाला बन गया, जहाँ हर कोने में विज्ञान नवाचार की नई गूंज सुनाई दी।

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🧑‍🔬 “विज्ञान का अर्थ केवल प्रयोग नहीं, जीवन की चेतना है” — प्रदीप कुमार वर्मा

कार्यक्रम के संयोजक प्रदीप कुमार वर्मा ने कहा —

“डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन इस युग का वैज्ञानिक महाकाव्य है, जहाँ प्रयोग संवेदना में बदल जाता है और विज्ञान मानवता का पथदर्शक बनता है। यदि हर विद्यालय जिज्ञासा, अनुशासन और सेवा के पथ पर विद्यार्थियों को प्रेरित करे, तो हर कक्षा से एक नया कलाम जन्म लेगा।”

उनके इस विचार ने पूरे विज्ञान नवाचार सप्ताह को वैचारिक गहराई दी। विद्यालय के विद्यार्थियों ने संकल्प लिया कि वे अपने ज्ञान, विज्ञान और सदाचार से नशामुक्त, स्वच्छ और स्वस्थ भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँगे।

⚙️ विज्ञान प्रदर्शनी और नवाचार मॉडल बने आकर्षण का केंद्र

विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों ने पर्यावरण, ऊर्जा, कृषि और स्वास्थ्य विषयों पर कई नवाचारी विज्ञान मॉडल प्रस्तुत किए। खुशी, समरीन, मोहिनी, नैना, नंदिनी, दीपाली और कोमल जैसे विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मक सोच से निर्णायकों को प्रभावित किया।

लिखित परीक्षा, विज्ञान प्रश्नोत्तरी और इंटरव्यू राउंड में प्रदर्शन के आधार पर इन्हें “नन्हे कलाम सम्मान” से नवाजा गया।

🎙️ इंटरव्यू राउंड में दिखी वैज्ञानिक समझ और प्रस्तुति कौशल

रमनजीत कौर द्वारा संचालित इंटरव्यू राउंड में विद्यार्थियों की वैज्ञानिक समझ, रचनात्मकता और आत्मविश्वास का आकलन किया गया। सात विजेताओं को विज्ञान नवाचार सप्ताह प्रमाणपत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शिक्षिकाएँ शाहे खुबा, शशि देवी और शिक्षक इंद्रपाल ने भी सहयोग किया।

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🎶 विज्ञान गीत और निबंधों में उभरी मानवीय चेतना

“कला और विज्ञान का एकीकरण दिवस” पर आयोजित विशेष सत्र में विद्यार्थियों ने विज्ञान आधारित गीत और निबंध प्रस्तुत किए। गीतों में विज्ञान की मानवीय उपयोगिता और निबंधों में डॉ. कलाम की शिक्षाओं का प्रभाव स्पष्ट झलका। इन रचनाओं ने यह संदेश दिया कि विज्ञान केवल प्रयोग नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने वाली मानवीय चेतना है।

🌱 नन्हे कलामों का संकल्प: स्वच्छ, स्वस्थ और नशामुक्त भारत

सप्ताह के समापन पर “विज्ञान शपथ समारोह” आयोजित हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने यह वचन लिया कि वे अपने ज्ञान और नवाचार का उपयोग राष्ट्र के कल्याण में करेंगे। “नन्हे कलाम अभियान” के इस संकल्प समारोह ने उपस्थित जनसमूह को भावुक कर दिया। इस पहल ने उन्नाव जिले में शिक्षा, नशामुक्ति, और नवाचार को एक साथ जोड़ने का ऐतिहासिक संदेश दिया।

🔬 विज्ञान नवाचार सप्ताह: शिक्षा सुधार और प्रेरणा का प्रतीक

पूरा कार्यक्रम डॉ. कलाम के विचारों का जीवंत उदाहरण बन गया। विद्यालय में बच्चों की भागीदारी ने यह सिद्ध किया कि यदि उन्हें अवसर, मार्गदर्शन और प्रयोग का मंच मिले, तो हर बच्चा एक नन्हा वैज्ञानिक बन सकता है।

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विज्ञान नवाचार सप्ताह केवल विद्यालयी आयोजन नहीं, बल्कि उन्नाव में शिक्षा सुधार की नई दिशा साबित हुआ।

🌏 डॉ. कलाम की विचारधारा से प्रेरित नवाचार अभियान

डॉ. कलाम ने हमेशा कहा था — “सपना वो नहीं जो सोते वक्त देखा जाए, सपना वो है जो आपको सोने न दे।” यही प्रेरणा इस विज्ञान नवाचार सप्ताह की आत्मा रही। बच्चों ने विज्ञान के माध्यम से अपने सपनों को आकार दिया और विद्यालय ने उन्हें उड़ान दी।

उन्नाव का यूपीएस रामपुर गढ़ौवा अब इस मिशन को जारी रखते हुए “हर बच्चे में एक कलाम” जगाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

🧩 नवाचार सप्ताह से मिली शिक्षा: विज्ञान जीवन की साधना है

इस पूरे अभियान ने यह स्पष्ट किया कि विज्ञान शिक्षा केवल पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं, बल्कि जीवन की साधना है। जब विद्यालय में प्रयोग, संवेदना और सामाजिक चेतना का संगम होता है — तब विज्ञान समाज का नैतिक आधार बन जाता है। यही उद्देश्य था “विद्यालय में विज्ञान का उत्सव — नवाचार सप्ताह बना नन्हे कलामों की प्रयोगशाला” का।



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