मैं मुर्गी बकरी चोर हूं – आजम खान ने वाई श्रेणी सुरक्षा ठुकराई, कहा- हम इन सुरक्षाकर्मियों का खर्च नहीं उठा सकते

आजम खान ने कहा मैं मुर्गी बकरी चोर





मैं मुर्गी बकरी चोर हूं – आजम खान ने वाई श्रेणी सुरक्षा ठुकराई

🟥 आजम खान बोले – ‘मैं मुर्गी बकरी चोर हूं’, वाई श्रेणी सुरक्षा से किया इनकार

अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने सरकार द्वारा दी गई वाई श्रेणी सुरक्षा (Y Category Security) लेने से साफ इनकार कर दिया है। तंज भरे लहजे में आजम खान ने कहा— “मैं तो मुर्गी और बकरी चोर हूं, हम इन सुरक्षाकर्मियों का खर्च नहीं उठा सकते और कैसे भरोसा करूं कि ये वर्दी पहने हथियारबंद लोग वाकई पुलिस के ही हैं?”
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। ‘मैं मुर्गी बकरी चोर’ जैसे वाक्य अब चर्चाओं के केंद्र में हैं। लोग इसे आजम खान की पुरानी कानूनी लड़ाइयों और राजनीतिक व्यंग्य दोनों से जोड़कर देख रहे हैं।

🟥 23 महीने बाद जेल से बाहर आए आजम खान, फिर से सुर्खियों में आया ‘मैं मुर्गी बकरी चोर’ बयान

करीब 23 महीनों की जेल यात्रा पूरी कर जमानत पर रिहा हुए आजम खान ने यह बयान एक इंटरव्यू में दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें न तो शासन से कोई लिखित आदेश मिला है और न ही सुरक्षा देने वाले पुलिस कर्मियों की कोई आधिकारिक सूचना आई है।

“मुझे तो बस यह बताया गया कि वाई श्रेणी सुरक्षा दी गई है, पर मेरे पास कोई लिखित जानकारी नहीं है। मैं कैसे भरोसा कर लूं कि ये वर्दी पहने हथियारबंद लोग पुलिस के ही हैं?”

यह बयान ‘मैं मुर्गी बकरी चोर’ की तर्ज पर जनता में गूंज उठा। यह वही वाक्य है जो आजम खान ने पहले भी कई बार व्यंग्य के रूप में इस्तेमाल किया था, जब उन पर चोरी और जमीन कब्जे जैसे आरोप लगे थे।

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🟥 सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल – “हम इन सुरक्षाकर्मियों का खर्च नहीं उठा सकते”

आजम खान ने कहा कि वाई श्रेणी सुरक्षा में गाड़ी और कर्मियों के रखरखाव का खर्चा भारी होता है, जो वह वहन नहीं कर सकते। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा—

हम गरीब लोग हैं, हमारे पास इतने पैसे नहीं कि सुरक्षा कर्मियों की गाड़ी, उनके रहने-खाने का इंतजाम कर सकें। अगर सरकार को हमारी इतनी चिंता है तो हमारे विरोधियों जैसी सुरक्षा दे।

आजम खान का ‘मैं मुर्गी बकरी चोर’ वाला बयान इस टिप्पणी के साथ और भी चर्चित हो गया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा देने वालों की गाड़ी तक नहीं आई और शासन की तरफ से कोई स्पष्ट आदेश भी नहीं मिला।

🟥 राजनीतिक विरोधियों पर तंज – “वो हमारे विरोधी हैं, उन्हें कमांडो मिले हुए हैं”

आजम खान ने बिना नाम लिए रामपुर के विधायक आकाश सक्सेना पर निशाना साधा। उन्होंने कहा—

“ऐसे-ऐसे लोगों को केंद्र सरकार की तरफ से कमांडो सुरक्षा मिली हुई है, जो हमारे विरोधी हैं। अगर सरकार को हमारी इतनी फिक्र है, तो हमारी सुरक्षा भी वैसी ही दी जाए।”

यहां भी उन्होंने ‘मैं मुर्गी बकरी चोर’ वाक्य का इस्तेमाल कर खुद पर लगे आरोपों का मज़ाक उड़ाया और सियासी संदेश दिया कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है।

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🟥 वाई श्रेणी सुरक्षा क्या होती है?

भारत में VIP सुरक्षा के छह स्तर होते हैं – SPG, Z+, Z, Y+, Y और X श्रेणी।
वाई श्रेणी में आमतौर पर 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं, जिनमें एक या दो कमांडो और स्थानीय पुलिस के जवान शामिल रहते हैं। इस सुरक्षा का खर्चा सरकारी या निजी तौर पर उठाया जाता है।
आजम खान के मुताबिक, उनके आर्थिक हालात इस वक्त अच्छे नहीं हैं, इसलिए वे वाई श्रेणी सुरक्षा का खर्च नहीं उठा सकते। उनका कहना है कि अगर सरकार वाकई सुरक्षा देना चाहती है तो उसका पूरा खर्च खुद वहन करे।

🟥 ‘मैं मुर्गी बकरी चोर’ – आजम खान का यह बयान क्यों बन गया सियासी प्रतीक?

आजम खान के खिलाफ पहले मुर्गी, बकरी, किताब और मूर्ति चोरी जैसे कई केस दर्ज हुए थे। यही कारण है कि उन्होंने व्यंग्य में खुद को “मुर्गी-बकरी चोर” कहना शुरू किया। अब यह वाक्य उनके राजनीतिक भाषणों और मीडिया इंटरव्यू में एक प्रतीक बन गया है – सत्ता द्वारा प्रताड़ित नेता के रूप में।
“मैं मुर्गी बकरी चोर” यह लाइन न केवल उनके आत्म-व्यंग्य का प्रतीक है, बल्कि एक राजनीतिक व्यंग्यात्मक कथन भी है जो जनता में तेजी से ट्रेंड करता है।

🟥 कोर्ट, सजा और सदस्यता समाप्त होने के बाद सुरक्षा में उतार-चढ़ाव

गौरतलब है कि आजम खान को पहले भी वाई श्रेणी सुरक्षा मिली हुई थी। लेकिन कोर्ट में दोषी ठहराए जाने और विधानसभा सदस्यता खत्म होने के बाद यह सुरक्षा वापस ले ली गई थी।
बाद में कुछ समय के लिए सुरक्षा बहाल हुई, लेकिन जब वे सीतापुर जेल गए, तो सुरक्षा फिर से हटा ली गई। अब 23 महीने बाद जब वे जमानत पर बाहर आए, तो उनकी सुरक्षा दोबारा बहाल किए जाने की खबर आई – मगर इस बार उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।

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🟥 सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा ‘मैं मुर्गी बकरी चोर’

ट्विटर (X) और फेसबुक पर “#मैं_मुर्गी_बकरी_चोर” और “#AzamKhan” जैसे हैशटैग तेजी से ट्रेंड कर रहे हैं।
लोग उनके बयान को एक राजनीतिक व्यंग्य और सरकारी तंत्र पर सवाल के रूप में देख रहे हैं।
कुछ लोगों का कहना है कि आजम खान का यह बयान उनकी राजनीतिक पुनर्वापसी का संकेत है।

🟥 व्यंग्य में छिपी राजनीति का संदेश

आजम खान का “मैं मुर्गी बकरी चोर” वाला बयान एक साधारण तंज नहीं, बल्कि सत्ता और तंत्र पर गहरा कटाक्ष है। उन्होंने न केवल वाई श्रेणी सुरक्षा को ठुकराया, बल्कि यह भी दिखाया कि उनकी राजनीति अब भी भाषा, व्यंग्य और प्रतीकवाद के दम पर जनता को प्रभावित करती है।
“मैं मुर्गी बकरी चोर हूं” – यह वाक्य आजम खान की पहचान बन चुका है, और यह फिर से साबित करता है कि भारतीय राजनीति में व्यंग्य ही सबसे तीखा हथियार है।



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