
दादा गंगा राम की रिपोर्ट
महिला शक्ति समूहों की दिशा में बड़ा कदम
तेलंगाना राज्य सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए वर्ष 2025 के अंत तक महिला शक्ति समूहों (Women Empowerment Groups) के गठन की महत्वाकांक्षी योजना लागू की है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सरकार ने SERF (सोशल इकोनॉमिक रिफॉर्मेशन फ्रेमवर्क) मॉडल को आधार बनाया है। इस मॉडल के माध्यम से गांव-गांव में महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
एसईआरएफ मॉडल: ग्रामीण महिला सशक्तिकरण की रीढ़
सभी गांवों में महिला शक्ति समूहों की स्थापना के लिए प्रशासन ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 18-45 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर तबके की, इन समूहों में सक्रिय भूमिका निभाएंगी। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और सरकारी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
समूहों का गठन और संचालन
- समूहों का नेतृत्व स्थानीय महिला सदस्यों के हाथ में होगा।
- मुख्य फोकस प्रशिक्षण, कुटीर उद्योगों की स्थापना, सामूहिक बचत और आपसी सहयोग पर है।
- स्वास्थ्य, शिक्षा और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता भी प्रमुख है।
अधिवेशन में रही प्रशासनिक और सदस्य संगठनों की भागीदारी
इस योजना के प्रमुख बैठक में दाहे गांव के एसईआरपी अधिकारी सीसी महेश्वर, एमएस अकाउंटेंट पेंटैया, ऐनम गांव एसोसिएशन के शासी निकाय के सदस्य, गांव एसोसिएशन की अध्यक्ष सुवर्णा और वीओए वनिता ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इन अधिकारियों और संगठनों ने महिला शक्ति समूहों की योजनाओं की समीक्षा की और अपनी ओर से सुझाव व सहायता का भरोसा दिया।
बैठक में चर्चा की गई कि सरकार द्वारा महिलाओं के लिए जिन योजनाओं, प्रशिक्षणों और आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है, उनका प्रभावी संचालन कैसे सुनिश्चित किया जाए। सभी प्रतिनिधियों ने मिलकर महिला समूहों के लिए नीति निर्माण, कार्यान्वयन और ग्रामीण विकास को सर्वोपरि रखा।
महिला शक्ति समूहों से होने वाले प्रमुख लाभ
- ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता मिलेगी।
- नेतृत्व विकास की भावना मजबूत होगी।
- स्थानीय समस्याओं का समाधान सामूहिक प्रयास से संभव होगा।
- शिक्षा, स्वास्थ्य और अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
- एकता एवं सहयोग से गांव में सामाजिक बदलाव आएगा।
प्रमुख चुनौतियां और समाधान
सामाजिक रूढ़ियों, प्रशिक्षण, संसाधनों की कमी जैसी चुनौतियां भी हैं, लेकिन सरकार, प्रशासन, और गांव-स्तरीय संगठनों ने эффектив समाधान बनाने का संकल्प लिया है। लगातार प्रशिक्षण, आर्थिक सहायता और जागरूकता अभियानों के जरिए इन बाधाओं को दूर किया जा सकेगा।
निष्कर्ष
दाहे गांव सहित तेलंगाना के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में महिला शक्ति समूहों का गठन एक दूरदर्शी कदम है। एसईआरएफ मॉडल के तहत महिला सशक्तिकरण की यह मुहिम स्थानीय अधिकारियों, ग्राम संगठनों और सरकार के साझा प्रयास से नई मिसाल कायम कर रही है। इससे राज्य की महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और पूरे राज्य में सामाजिक विकास की दिशा में नए कीर्तिमान स्थापित होगें।