📝 संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
दिनांक 14 दिसंबर को उच्च प्राथमिक विद्यालय गढ़चपा, क्षेत्र मानिकपुर में शिक्षा को
समाज से जोड़ने वाला एक अत्यंत प्रेरक एवं उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
अवसर था अभिभावक संवाद एवं शैक्षिक उन्नयन संगोष्ठी का, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता,
बच्चों की नियमित उपस्थिति, माता-पिता की भूमिका और विद्यालय-समुदाय सहभागिता
पर गंभीर चर्चा की गई।
गरिमामयी उपस्थिति से बढ़ा आयोजन का महत्व
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आदरणीय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
श्री बी. के. शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति रही।
विशिष्ट अतिथियों में डायट प्रवक्ता श्री राजेश उपाध्याय एवं श्री चेतन उपाध्याय उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से प्रदेश संगठन मंत्री/जिला अध्यक्ष
श्री अखिलेश पांडेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री आलोक गर्ग एवं जिला मंत्री
श्री श्री नारायण सिंह ने सहभागिता निभाई।
पिरामल फाउंडेशन के जिला समन्वयक श्री अनिल शुक्ला भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में ग्राम प्रधान श्रीमती ननकी देवी, प्रधान प्रतिनिधि श्री मिंटू सिंह बघेल,
पूर्व प्रधान श्री योगेन्द्र सिंह, श्री रामेंद्र पाण्डेय, वरिष्ठ समाजसेवी
श्री चंद्र भूषण मिश्रा, विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष श्री रावेंद्र सिंह,
प्रधानाचार्य, समस्त स्टाफ, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
मां सरस्वती पूजन एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के विधिवत पूजन-अर्चन से हुआ।
इसके पश्चात छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा अतिथियों का माल्यार्पण एवं बैज अलंकरण कर
आत्मीय स्वागत किया गया।
छात्र कोमल द्वारा प्रस्तुत अध्ययन-प्रेरक गीत ने बच्चों में शिक्षा के प्रति
उत्साह का संचार किया।
माही एवं उमा द्वारा प्रस्तुत गीत के माध्यम से लैंगिक असमानता जैसे सामाजिक
विषय पर सशक्त संदेश दिया गया।
देशभक्ति गीत पर छात्राओं की प्रस्तुति को उपस्थित जनसमूह ने खूब सराहा।
मुख्य अतिथि का प्रेरक संबोधन
मुख्य अतिथि श्री बी. के. शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में जनपद में
बेसिक शिक्षा की धारा सुदृढ़ रूप से संचालित हो रही है।
उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजें
और शिक्षा के प्रति जागरूक भूमिका निभाएं।
उन्होंने संस्कृत सूक्ति
“माता शत्रु पिता बैरी येन बालो न पाठित:”
का उल्लेख करते हुए कहा कि जो माता-पिता बच्चों को शिक्षा से वंचित रखते हैं,
वे अनजाने में उनके भविष्य को नुकसान पहुंचाते हैं।
नियमित उपस्थिति वाले छात्रों का सम्मान
विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित रहने वाले छात्रों के अभिभावकों को
मुख्य अतिथि के कर-कमलों से सम्मानित किया गया।
इस पहल का उद्देश्य बच्चों की नियमितता और अभिभावकों की सहभागिता को
प्रोत्साहित करना रहा।
विद्यालय के प्रयासों की सराहना
अतिथियों ने विद्यालय के शैक्षिक वातावरण, भौतिक संसाधनों तथा
प्रधानाचार्य एवं समस्त स्टाफ की कर्मठता की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
मुख्य अतिथि ने अन्य विद्यालयों के शिक्षकों को इस विद्यालय से
प्रेरणा लेने की सलाह दी।
कार्यक्रम के अंत में सहायक अध्यापक श्री बिहारी लाल सिंह ने
समस्त अतिथियों एवं अभिभावकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन साकेत बिहारी शुक्ल द्वारा किया गया।
❓ सवाल-जवाब
अभिभावक संवाद कार्यक्रम क्यों आवश्यक है?
इससे अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने की प्रेरणा मिलती है।
इस संगोष्ठी से बच्चों को क्या लाभ हुआ?
बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ा और नियमित विद्यालय आने की प्रेरणा मिली।
ऐसे कार्यक्रम आगे भी होने चाहिए?
हां, ऐसे कार्यक्रम शिक्षा की गुणवत्ता और सामाजिक सहभागिता दोनों को मजबूत करते हैं।






