कभी-कभी रिश्तों पर खड़े ऐसे सवाल लाजवाब होते हैं; देवर-भाभी की लव स्टोरी और कानपुर का यह प्रेम प्रसंग हत्याकांड

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

Red and Blue Geometric Patterns Medical Facebook Post_20251110_094656_0000
previous arrow
next arrow

कानपुर के शांत माने जाने वाले ग्रामीण इलाके खरेसा में हुए दिनेश अवस्थी हत्याकांड ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। पुलिस की जाँच में सामने आया देवर-भाभी का यह चौंकाने वाला प्रेम प्रसंग न सिर्फ एक परिवार को तोड़ गया, बल्कि समाज के सामने भी यह बड़ा सवाल बनकर खड़ा हो गया कि जब रिश्तों की मर्यादा टूटती है तो उसका अंत अक्सर खून-खराबे पर ही क्यों होता है।

इस पूरे मामले में शुरुआत तो एक सामान्य से पारिवारिक तनाव से हुई, लेकिन धीरे-धीरे यही तनाव गहरे होते प्रेम प्रसंग में बदल गया और फिर उसी ने दिनेश अवस्थी की जान ले ली। पुलिस के अनुसार पत्नी पूनम उर्फ गुड़िया और देवर मनोज अवस्थी के बीच चल रहे छुपे हुए प्रेम प्रसंग ने इस हत्या की पूरी पटकथा तैयार की थी, जो अप्रैल महीने में खरेसा गाँव की सड़कों पर सनसनी बनकर सामने आई।

खरेसा गाँव में हत्या और प्रेम प्रसंग की सनसनी

अप्रैल की एक रात कानपुर देहात के खरेसा गाँव में अचानक फैली चीख-पुकार ने लोगों को घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। कुछ ही देर में यह खबर फैल गई कि गांव के रहने वाले दिनेश अवस्थी की संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या हो गई है। शुरुआत में किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि यह मामला घर के भीतर पनपे एक गुप्त प्रेम प्रसंग से जुड़ा हो सकता है।

पुलिस ने जब मौके की जाँच शुरू की तो परिवार के अंदरूनी रिश्तों, आपसी तनाव और कथित प्रेम प्रसंग की परतें धीरे-धीरे खुलती चली गईं। दिनेश की पत्नी पूनम और उसके देवर मनोज के बीच चल रहे इस अवैध प्रेम संबंध ने पूरे परिवार की नींव हिला दी थी, जिसकी भनक जैसे ही दिनेश को लगी, उसके जीवन की उलटी गिनती शुरू हो गई।

पत्नी और देवर का प्रेम प्रसंग कैसे पहुंचा हत्या तक?

जाँच में सामने आया कि पूनम और मनोज के बीच लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। शुरू में दोनों की मुलाकातें सामान्य रिश्तों की तरह ही दिखती रहीं, लेकिन समय के साथ यह रिश्ता मर्यादा की रेखा लांघकर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया। जब दिनेश को घर के भीतर चल रहे इस प्रेम प्रसंग की सूचनाएँ मिलने लगीं, तो उसने विरोध दर्ज कराया, सवाल पूछे और घर में कड़वाहट बढ़ने लगी।

पुलिस के अनुसार, इसी टकराव और विरोध के बीच पूनम और मनोज ने मिलकर यह तय किया कि अगर इस प्रेम संबंध को बचाना है तो बीच की सबसे बड़ी बाधा यानी दिनेश को रास्ते से हटाना होगा। यह फैसला केवल भावनाओं के उबाल की देन नहीं था, बल्कि योजनाबद्ध साजिश का हिस्सा था, जिसमें हत्या की पूरी रूपरेखा तैयार की गई।

इसे भी पढें  भारत के १० सबसे भ्रष्ट विभाग — NCIB रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

अपराध की साजिश: प्रेम प्रसंग बचाने के लिए पति की बलि

पुलिस की छानबीन में सामने आया कि दिनेश की हत्या हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी। पूनम और मनोज दोनों ने मिलकर इस प्रेम प्रसंग को छुपाने और आगे बढ़ाने के लिए सबसे आसान रास्ता पति की हत्या को चुना। घटनाक्रम के अनुसार पहले दिनेश को बहाने से कमज़ोर स्थिति में लाया गया, फिर उस पर हमला कर उसकी हत्या कर दी गई।

हत्या के बाद दोनों आरोपियों ने ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की मानो कोई अज्ञात हमलावर घर में घुस आया हो। लेकिन पुलिस की शुरुआती जाँच में ही यह स्पष्ट हो गया कि पूरे मामले के तार घर के भीतर पनप रहे प्रेम संबंध से जुड़े हुए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, कॉल डिटेल्स और रिश्तेदारों के बयान ने इस कानपुर के प्रेम प्रसंग हत्याकांड की कड़ियों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई।

छह महीने तक फरार रहे प्रेम कहानी के आरोपी

हत्या के बाद पूनम और मनोज गाँव छोड़कर फरार हो गए। जैसे-जैसे मामला चर्चाओं में आया, कानपुर देहात पुलिस पर भी दबाव बढ़ने लगा कि इस प्रेम प्रसंग से जुड़े हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़कर कानून के कटघरे में खड़ा किया जाए। पुलिस ने आरोपियों पर 25-25 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया और कई जिलों में लगातार दबिश देना शुरू किया।

करीब छह महीने तक दोनों अपनी पहचान और इस प्रेम संबंध को छुपाते हुए अलग-अलग जगहों पर शरण लेते रहे। लेकिन अंततः किस्मत ने उनका साथ छोड़ दिया और पुलिस को एक अहम सुराग मिल गया। यही सुराग इस पूरे प्रेम प्रसंग हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।

बागेश्वर धाम तक पहुंची प्रेम प्रसंग की परछाईं

पुलिस जांच में पता चला कि फरारी के दौरान पूनम ने बागेश्वर धाम से जुड़े एक रिश्तेदार को फोन किया। इसी फोन कॉल ने इस प्रेम प्रसंग में छुपे दोनों आरोपियों तक पहुंचने का रास्ता खोल दिया। कॉल डिटेल्स के आधार पर पुलिस को जानकारी मिली कि पूनम और मनोज मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम के आसपास देखे गए हैं।

इसके बाद कानपुर देहात की पुलिस टीम ने मध्य प्रदेश पहुंचकर स्थानीय पुलिस की मदद से छानबीन शुरू की और अंततः इस विवादित प्रेम संबंध के दोनों मुख्य किरदारों को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के साथ ही खरेसा गाँव में चर्चा का विषय बने इस प्रेम प्रसंग और हत्या की कहानी का बड़ा हिस्सा सामने आने लगा।

मनोज की दलील: “भूत-प्रेत का साया और प्रेम प्रसंग की सच्चाई”

गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में मनोज ने अपने बचाव में अजीबोगरीब दलीलें दीं। उसने कहा कि पूनम ने किसी की हत्या नहीं की, वह सिर्फ उसकी मदद करना चाहता था। मनोज के मुताबिक, उसकी साली पर किसी भूत-प्रेत का साया था, इसलिए वह उसे बागेश्वर धाम ले गया। लेकिन जाँच एजेंसियाँ इस दलील को प्रेम प्रसंग को ढाल बनाकर खुद को बचाने की कोशिश के रूप में देख रही हैं।

इसे भी पढें  बंथरा लखनऊ में पत्रकार युवराज गौतम पर दबंगों का जानलेवा हमला, तीन लोग गंभीर हालत में मेडिकल ट्रॉमा सेंटर रेफर

पुलिस सूत्रों के अनुसार, मनोज पर पहले से ही दो आपराधिक मामले दर्ज हैं और यह उसका तीसरा हत्या से जुड़ा मामला है। ऐसे में यह तर्क देना कि वह सिर्फ “भूत-प्रेत” के चक्कर में साली को वहां ले गया, इस पूरे प्रेम संबंध को और भी संदिग्ध बना देता है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या पहले के मामलों में भी कहीं न कहीं इसी तरह के निजी संबंध या रंजिश की कड़ियाँ तो नहीं जुड़ी थीं।

पूनम का कबूलनामा: देवर के साथ प्रेम प्रसंग और पति की हत्या

जहाँ मनोज खुद को बचाने की कोशिश करता दिखा, वहीं पूनम ने पुलिस पूछताछ में अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने माना कि उसका अपने देवर मनोज के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था और पति दिनेश इस रिश्ते को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे। जैसे-जैसे विरोध तेज होता गया, दोनों ने मिलकर यह तय कर लिया कि इस प्रेम संबंध को बचाने के लिए पति को रास्ते से हटाना ही एकमात्र विकल्प है।

पूनम ने बताया कि हत्या के दिन पहले दिनेश को धोखे से काबू किया गया, फिर उस पर हमला कर उसकी जान ले ली गई। शव मिलने के बाद दोनों को लगा कि पुलिस तक उनके प्रेम प्रसंग और साजिश की बात पहुँच जाएगी, इसलिए उन्होंने गाँव छोड़कर बागेश्वर धाम की ओर भागने का फैसला किया। लेकिन तकनीक और लगातार प्रयासों ने अंततः इस प्रेम संबंध की पूरी कहानी पुलिस के सामने खोल दी।

रिश्तों की मर्यादा और प्रेम प्रसंग की विकृत तस्वीर

कानपुर का यह मामला केवल एक आपराधिक घटना भर नहीं है, बल्कि यह आधुनिक समाज में बदलते रिश्तों और प्रेम प्रसंग की विकृत परिभाषा पर भी गंभीर सवाल उठाता है। देवर-भाभी का रिश्ता भारतीय सामाजिक संरचना में हमेशा सम्मान और मर्यादा से जोड़ा गया है, लेकिन खरेसा गाँव का यह मामला बताता है कि जब सीमाएँ टूटती हैं, तो एक प्रेम संबंध पूरे परिवार को बिखेर सकता है।

यह मामला यह भी सिखाता है कि किसी भी छुपे हुए प्रेम प्रसंग का अंत अक्सर हिंसा, शक, अविश्वास और अपराध में होता है। अगर समय रहते परिवार में संवाद, परामर्श और कानूनी सलाह ली जाती, तो शायद इस प्रेम संबंध की परिणति हत्या जैसे जघन्य अपराध में न होती।

कानूनी लड़ाई और भविष्य की तस्वीर

फिलहाल कानपुर की अदालत में इस प्रेम प्रसंग से जुड़े हत्याकांड की कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या, साजिश और सबूत मिटाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। मनोज के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड और इस नए प्रेम संबंध से जुड़े हत्या के मामले को देखते हुए उस पर कठोर सज़ा की संभावना जताई जा रही है, वहीं पूनम के लिए भी कानून की राह आसान नहीं दिख रही।

गाँव के लोग आज भी हैरान हैं कि जिस घर को वे एक सामान्य परिवार के रूप में देखते थे, उसके भीतर इतना खतरनाक प्रेम प्रसंग पनप रहा था, जिसकी खबर किसी को नहीं थी। अब खरेसा का नाम एक ऐसे देवर-भाभी प्रेम संबंध के रूप में लिया जा रहा है, जो सीधे-सीधे एक खूनी हत्याकांड में बदल गया।

इसे भी पढें   प्रेम प्रसंग ने लिया दर्दनाक मोड़ : प्रेमी ने चंडीगढ़ जाने की चाह में 7 साल के बच्चे की हत्या की

समाज के लिए चेतावनी: कब प्रेम प्रसंग सीमा लांघ जाता है?

दिनेश अवस्थी की हत्या का यह मामला समाज के लिए एक गहरी चेतावनी है कि किसी भी प्रेम प्रसंग को छुपाकर, झूठ बोलकर और रिश्तों की नींव को तोड़कर आगे बढ़ाने की कोशिश अंततः तबाही ही लाती है। रिश्तों में ईमानदारी, संवाद और मर्यादा बनाए रखना उतना ही ज़रूरी है जितना कि कानून और न्याय व्यवस्था में लोगों का भरोसा।

यह घटना बताती है कि जब घर की चारदीवारी के भीतर चल रहे प्रेम संबंध को परिवार के लोग न तो समय पर समझ पाते हैं और न ही उसे सही दिशा देने की कोशिश करते हैं, तो उसका असर सिर्फ एक घर पर नहीं, बल्कि पूरे समाज की सोच पर पड़ता है। कानपुर का यह प्रेम प्रसंग हत्याकांड आने वाले समय में भी अक्सर उदाहरण के रूप में दिया जाएगा कि कैसे रिश्तों में धोखे और लालच से भरा प्रेम संबंध किसी की जान तक ले सकता है।


कानपुर प्रेम प्रसंग हत्याकांड से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल-जवाब

प्रश्न 1: कानपुर के इस प्रेम प्रसंग हत्याकांड में मुख्य आरोपी कौन हैं?

उत्तर: इस प्रेम प्रसंग हत्याकांड में दिनेश अवस्थी की पत्नी पूनम उर्फ गुड़िया और देवर मनोज अवस्थी मुख्य आरोपी हैं। पुलिस जाँच में सामने आया कि दोनों के बीच चल रहे प्रेम संबंध के कारण ही दिनेश की हत्या की साजिश रची गई।

प्रश्न 2: प्रेम प्रसंग के आरोपी छह महीने तक पुलिस से कैसे बचते रहे?

उत्तर: हत्या के बाद पूनम और मनोज गाँव से फरार हो गए और अलग-अलग जगह शरण लेते रहे। इस दौरान वे अपने प्रेम प्रसंग को छुपाने और पहचान बदलने की कोशिश करते रहे, लेकिन बागेश्वर धाम से किए गए एक फोन कॉल ने उनकी लोकेशन का पता खोल दिया और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

प्रश्न 3: दिनेश अवस्थी हत्याकांड से समाज को क्या सबक मिलता है?

उत्तर: यह मामला साफ संदेश देता है कि छुपे हुए प्रेम प्रसंग अक्सर घर और समाज के लिए विनाश का कारण बनते हैं। रिश्तों में ईमानदारी, संवाद और मर्यादा जरूरी है, वरना देवर-भाभी जैसे संवेदनशील रिश्तों में भी जब प्रेम संबंध सीमा लांघता है, तो उसका परिणाम हत्या जैसे जघन्य अपराध के रूप में सामने आ सकता है।

प्रश्न 4: क्या प्रेम प्रसंग होने पर कानूनी और सामाजिक मदद ली जा सकती है?

उत्तर: बिल्कुल, अगर किसी भी प्रेम प्रसंग के कारण घर में तनाव बढ़ रहा हो, तो परामर्श केंद्रों, परिवार परामर्श इकाइयों, महिला हेल्पलाइन, कानूनी सलाहकारों और मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों की मदद ली जा सकती है। समय रहते सही समाधान खोज लिया जाए तो किसी भी प्रेम संबंध को अपराध की दिशा में मुड़ने से रोका जा सकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Language »
Scroll to Top