
त्रिनेत्र गणेश मंदिर में मंगला आरती समय बदलाव : श्रद्धालुओं के प्रवेश समय में भी परिवर्तन
हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
परिवर्तन की पृष्ठभूमि
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर लंबे समय से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है। यह मंदिर अपनी अद्वितीय तीन-नेत्र रूप के लिए जाना जाता है।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार, त्रिनेत्र गणेश मंदिर में मंगला आरती के समय में बदलाव किया गया है और गणेश धाम में श्रद्धालुओं को प्रवेश देने का समय भी समायोजित किया गया है।
पूर्व में मंदिर में मंगला आरती सुबह लगभग 7:00 बजे की जाती थी। लेकिन शरद पूर्णिमा के बाद इस समय को बदल दिया गया है। अब मंगला आरती सुबह 7:30 बजे करने का निर्णय लिया गया है।
नया प्रवेश समय एवं व्यवस्था
बदलाव के अनुसार, अब सफारी वाहनों की एंट्री के बाद श्रद्धालुओं को गणेश धाम के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व की सफारी सुबह की शुरुआत 6:30 बजे से होती है।
इसी कारण, अब श्रद्धालुओं को सुबह 6:50 बजे के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जाती है।
इस तरह, प्रवेश और आरती की नई समयावधि इस प्रकार है:
- सफारी की शुरुआत: सुबह 6:30 बजे
- श्रद्धालुओं को प्रवेश: सुबह 6:50 बजे
- मंगला आरती: सुबह 7:30 बजे
इस व्यवस्था से यह सुनिश्चित किया गया है कि त्रिनेत्र गणेश मंदिर में मंगला आरती आरंभ होने तक श्रद्धालु धाम में मौजूद हो सकें और आरती की गरिमा बनी रहे।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया और स्थिति
नए मंगला आरती समय बदलाव की जानकारी मिलने के बाद, मंगलवार की सुबह मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। कई श्रद्धालु समय पर प्रवेश न मिल पाने की शिकायत करते नजर आए। गणेश धाम का गेट बंद मिला, श्रद्धालुओं ने गेट खोलने की मांग की। वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि नियत समय पर गेट खोला जाएगा।
गणेश धाम के बाहर वाहनों की कतारें लंबी हो गईं। कई श्रद्धालु इंतजार करते रहे, तब जाकर उन्हें प्रवेश मिला। इस प्रवृत्ति से यह स्पष्ट है कि मंगला आरती समय बदलाव और नए प्रवेश समय से श्रद्धालुओं को प्रारंभ में दिक्कतें झेलनी पड़ी हैं।
बदलाव के कारण और तर्क
- सफारी समय और तालमेल
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में सफारी की शुरुआत सुबह 6:30 बजे से होती है। यदि श्रद्धालुओं को पहले से प्रवेश मिल जाए, तो सफारी मार्ग और मंदिर मार्ग के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है। इस कारण गणेश धाम में प्रवेश समय 6:50 बजे निर्धारित किया गया है, जबकि मंगला आरती का समय 7:30 बजे पर सेट किया गया है। - श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं वन्य जीव नियंत्रण
रणथंभौर क्षेत्र में बाघ-शावकों की गतिविधि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सामने आती रहती है। इस कारण वन विभाग को मंदिर मार्ग एवं प्रवेश प्रणाली में सावधानी बरतनी होती है। नए समय से यह सुनिश्चित होगा कि मार्ग खुलने व आरती प्रारंभ होने के बीच व्यवस्था सुचारु रहे। - उपयुक्त व्यवस्था सुनिश्चित करना
मंदिर के अंदर भीड़ प्रबंधन, दर्शन की सुविधा और पूजा की गरिमा बनाए रखना आवश्यक है। मंगला आरती समय बदलाव एवं सीमित प्रवेश समय से यह सुनिश्चित होगा कि यह व्यवस्था व्यवस्थित रूप से संचालित हो।
त्रिनेत्र गणेश मंदिर का महत्व
त्रिनेत्र गणेश मंदिर अन्य मंदिरों से अलग इसलिए है क्योंकि इसमें भगवान गणेश तीन नेत्रों (त्रिनेत्र) वाले रूप में विराजमान हैं।
यह मंदिर रणथंभौर किले में स्थित है और पूरे परिवार सहित भगवान की मूर्ति यहाँ प्रतिष्ठित है — उनकी दो पत्नियाँ रिद्धि-सिद्धि तथा दो पुत्र शुभ-लाभ।
वहीं यह मंदिर खासतौर पर निमंत्रण पत्र और चिट्ठियाँ पाने के लिए प्रसिद्ध है। श्रद्धालु शुभ कार्य या परेशानी होने पर गणेश जी को चिट्ठियाँ लिखते हैं, जिन्हें यहाँ के पुजारी पढ़कर सुनाते हैं।
माना जाता है कि यहाँ की मनोकामनाएँ सच्चे मन से मांगी जाएँ तो अवश्य पूरी होती हैं।
संभावित चुनौतियाँ और सुझाव
- प्रारंभ में नए मंगला आरती समय बदलाव से कई श्रद्धालुओं को पता न हो सकने की समस्या हो सकती है।
- गेट खुलने और प्रवेश समय के बीच अपेक्षा से अधिक भीड़ हो सकती है।
- दर्शनार्थियों को समय से पहुँचने पर विशेष सतर्कता बरतनी होगी।
- वन विभाग और मंदिर प्रबंधन को बेहतर सूचना प्रणालियाँ (नोटिस बोर्ड, सोशल मीडिया) सक्रिय करने की आवश्यकता है ताकि श्रद्धालुओं को समय रहते जानकारी मिले।
रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर में मंगला आरती समय बदलाव और गणेश धाम में श्रद्धालुओं के प्रवेश समय में बदलाव निस्संदेह एक संवेदनशील निर्णय है। यह फैसला सफारी समय, सुरक्षा, और व्यवस्था को ध्यान में रखकर लिया गया है।
इस नए कार्यक्रम का उद्देश्य है कि मग्ला आरती गरिमापूर्वक हो, श्रद्धालुओं को प्रवेश सुविधा मिले, और मंदिर में अव्यवस्थाएँ न हों। इस बदलाव से शुरुआत में असुविधा हो सकती है, लेकिन समय के साथ श्रद्धालु इस व्यवस्था को स्वीकार करेंगे।