Premanand Maharaj : शराबी को प्रणाम करने की प्रेरक कहानी — जीवन न टूटने का मिला अनोखा संदेश

शिष्टाचार के प्रतीक ध्यान में






Premanand Maharaj: शराबी को प्रणाम करने की प्रेरक कहानी

🌿 Vrindavan के संत Premanand Maharaj फिर चर्चा में

वृंदावन के प्रसिद्ध संत Premanand Maharaj आजकल सोशल मीडिया पर लगातार छाए हुए हैं। रील्स स्क्रॉल करते ही अक्सर उनका
कोई न कोई वीडियो सामने आ जाता है। आध्यात्मिक जीवन के मार्गदर्शक के रूप में प्रेमानंद महाराज न केवल भारत में बल्कि
विदेशों में भी लाखों अनुयायियों के गुरु हैं।

हाल ही में Premanand Maharaj ने अपने एकांतिक वार्तालाप में एक ऐसा प्रसंग सुनाया जिसने भक्तों को भावविभोर कर दिया।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी एक शराबी को प्रणाम किया था, और उसी क्षण उन्हें जीवन का सबसे बड़ा संदेश मिला।

🪔 Premanand Maharaj का स्वास्थ्य और भक्तों की आस्था

कुछ समय पहले Premanand Maharaj की तबीयत खराब होने की खबरों ने उनके अनुयायियों को चिंतित कर दिया था। वृंदावन में
स्थित उनके आश्रम में भक्त रोज़ाना दर्शन की उम्मीद में आते हैं।

मगर अब प्रेमानंद महाराज की तबीयत में सुधार हुआ है। उनके नए वीडियो इंस्टाग्राम अकाउंट bhajanmarg_official पर
लगातार साझा किए जा रहे हैं, जहां वे अपने बचपन और युवावस्था के अनुभवों को साझा करते हुए गहरे आध्यात्मिक संदेश
देते हैं।

✨ जब Premanand Maharaj ने शराबी को किया प्रणाम

अपने हालिया सत्संग में Premanand Maharaj ने एक चौंकाने वाला लेकिन शिक्षाप्रद प्रसंग साझा किया। उन्होंने कहा,

“मैं 22-24 साल का था, गंगा किनारे बैठा मंत्र जप रहा था। तभी एक शराबी मेरे पास आया और बोला — ऐ, खड़ा हो!
उसकी गंध से समझ गया कि वह नशे में है। फिर भी मैंने हाथ जोड़ लिए और खड़ा हो गया।”

वह व्यक्ति प्रेमानंद जी को ब्रह्माव्रत बिठूर के पास स्थित बैकुंठ धाम ले गया। वहां भगवान की मूर्ति देखकर उस शराबी ने
पूछा — “ये कौन हैं?”

Premanand Maharaj ने कहा — “भगवान।”

शराबी ने फिर पूछा — “भगवान किसके बने हैं?”

महाराज ने उत्तर दिया — “संगमरमर के।”

उसने कहा — “जिस पर खड़े हो वो क्या है?”

महाराज ने कहा — “वो भी संगमरमर।”

तब शराबी बोला —

“समझ लो, एक पैरों तले रौंदा जाता है और दूसरा भगवान बनकर पूज रहा है। फर्क ये है कि भगवान वाला संगमरमर ‘काटा गया
पर टूटा नहीं’। इसलिए जीवन में कभी टूटना मत।”

🕉️ Premanand Maharaj ने क्या सीखा इस घटना से?

इस अनुभव के बाद Premanand Maharaj ने उस व्यक्ति को “पंचांग प्रणाम” किया, जैसा वे किसी संत को करते हैं।

“मुझे लगा भगवान नाटक करके शराबी के रूप में मुझे उपदेश दे रहे हैं। अगर उपदेश सही है, तो ये मत देखो कि कौन
दे रहा है।”

उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा —

“अच्छी बात जहां से मिले, उसे स्वीकार करना चाहिए — चाहे वह किसी छोटे व्यक्ति से मिले, किसी संसारी से या पागल से।
जैसे मिठाई हमें पसंद है तो हम उसे ले लेते हैं, यह नहीं सोचते कि मिठाई वाला खुद खाता है या नहीं।”

यह प्रसंग सुनकर भक्तों की आंखें नम हो गईं। सोशल मीडिया पर Premanand Maharaj की यह वीडियो कहानी लाखों लोगों के दिल
को छू रही है।

वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज पीले वस्त्र में प्रवचन देते और भक्तों को आशीर्वाद देते हुए
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज, जो लंबे समय से किडनी रोग से जूझ रहे हैं, वर्तमान में स्वस्थ हैं और नियमित दिनचर्या में लौट आए हैं।

💫 Premanand Maharaj का संदेश — “जीवन में कभी मत टूटो”

इस कथा का मुख्य संदेश बेहद गहरा है —

Premanand Maharaj कहते हैं कि जैसे संगमरमर का पत्थर काटा गया लेकिन टूटा नहीं, वैसे ही इंसान को भी कठिनाइयों में
टूटना नहीं चाहिए।

जीवन में दुख, आलोचना, तकलीफ — सब कुछ आएंगे, लेकिन जो इंसान अडिग रहता है, वही अंततः पूजनीय बनता है।

📱 सोशल मीडिया पर Premanand Maharaj की लोकप्रियता

आज सोशल मीडिया पर Premanand Maharaj के लाखों फॉलोअर्स हैं।

उनके प्रवचन और जीवन संदेश न केवल इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल हैं, बल्कि ट्विटर (X) पर भी ट्रेंड कर रहे हैं।

हर दिन हजारों लोग “Premanand Maharaj Quotes” और “Premanand Maharaj Health Update” जैसे कीवर्ड से जानकारी सर्च करते
हैं।

उनके वीडियो में दिखता है कि वे अपने सहज, शांत और मधुर स्वभाव से हर व्यक्ति को जीवन का गहरा अर्थ समझाते हैं।

उनकी यह शैली ही उन्हें आज के युग में “Digital Yogi” बनाती है।

🌺 भक्तों के लिए प्रेरणा

Premanand Maharaj की यह कहानी सिखाती है कि ज्ञान किसी से भी मिल सकता है।

अगर कोई शराबी भी सही बात कह दे, तो उसे सुनने में कोई बुराई नहीं है।

जैसे Premanand Maharaj ने कहा — “अच्छी बात जहां से मिले, उसे ग्रहण करो।”

यह संदेश आज के युवाओं के लिए भी उतना ही प्रासंगिक है जितना आध्यात्मिक साधकों के लिए।

🧘‍♂️ Premanand Maharaj की कथा जीवन का पाठ है

Premanand Maharaj का यह प्रसंग सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि जीवन का गहरा दर्शन है।

यह हमें सिखाता है कि संघर्षों में भी खुद को टूटने नहीं देना चाहिए, क्योंकि वही इंसान महान बनता है जो विपरीत
परिस्थितियों में भी अपनी आस्था बनाए रखता है।

उनके शब्दों में — “जो तिल-तिल काटा गया पर टूटा नहीं, वही भगवान बन गया।”

ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

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