
हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
सीपत में हुआ संघ का भव्य आयोजन
सीपत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने विजयादशमी उत्सव और शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में एक विशाल पथ संचलन व आम सभा का आयोजन किया। यह कार्यक्रम आत्मानंद स्कूल प्रांगण से शुरू हुआ, जहां ध्वज वंदन के साथ शाखा लगाई गई। सभी स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित रहे।
पथ संचलन का मार्ग और स्वागत
शाखा के बाद पथ संचलन आत्मानंद स्कूल प्रांगण से प्रारंभ होकर बस स्टैंड, थाना चौक, तहसील, और नावाडीह चौक तक निकला। नावाडीह चौक पर फूलों की वर्षा और पटाखों से विशाल स्वागत किया गया। इसके बाद संचलन माता चौरा होते हुए पुनः नावाडीह चौक पहुंचा और फिर आत्मानंद स्कूल प्रांगण लौटकर सभा में परिवर्तित हुआ।
मुख्य अतिथियों का उद्बोधन
सभा में संचलन गीत और सुभाषित के बाद सरपंच प्रतिनिधि राजेंद्र पाटले ने अतिथि उद्बोधन दिया। इसके पश्चात कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, सह जिला बौद्धिक प्रमुख बिलासपुर श्री सुनील चौहान ने अपने भावपूर्ण शब्दों से उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित किया।
सुनील चौहान का प्रेरक संदेश
सुनील चौहान ने अपने उद्बोधन में बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने वर्ष 1925 में स्थापना के बाद आज संपूर्ण भारतवर्ष एवं हिंदू समाज की उन्नति के लिए 100 वर्षों की सफल यात्रा पूरी की है। विरोध, अपेक्षाओं और कठिनाइयों के बावजूद संघ ने अपने निस्वार्थ समर्पण और सेवाभावी कार्यकर्ताओं के बल पर राष्ट्र सेवा का शताब्दी वर्ष मना रहा है।
उन्होंने कहा कि संघ का आधार विशुद्ध प्रेम है, जिसे पूजनीय डॉक्टर हेडगेवार जी ने हृदय से हृदय जोड़ने की परंपरा के साथ स्थापित किया। संघ के स्वयंसेवक तन, मन, धन से निस्वार्थ बुद्धि के साथ राष्ट्र सेवा करते हैं।
शताब्दी वर्ष का महत्व
मुख्य वक्ता ने कहा कि आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां संघ ने अपनी उपस्थिति दर्ज न की हो। समाज और राष्ट्रीय जीवन के हर आयाम में स्वयंसेवक महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। यह सौभाग्य की बात है कि हमें इस शताब्दी वर्ष में भूमिका निभाने का अवसर मिला है।
उन्होंने आह्वान किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सीपत के स्वयंसेवक संपूर्ण श्रद्धा और समर्पण के साथ अपने कार्य को जारी रखें और विश्वास रखें कि हम अपने जीवन काल में भारतवर्ष का परम वैभव देखेंगे।

आयोजन में अनुषांगिक संगठनों की भागीदारी
इस पथ संचलन में संघ के विभिन्न अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई। उनके उत्साह और अनुशासन ने आयोजन को और भी भव्य बना दिया।
कार्यक्रम स्थल आत्मानंद स्कूल प्रांगण में देशभक्ति के नारों और उत्सवी माहौल ने विजयादशमी के इस अवसर को ऐतिहासिक बना दिया।
संघ के 100 वर्ष – सेवा और राष्ट्र निर्माण
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 100 वर्षों का इतिहास सेवा, समर्पण, और राष्ट्र निर्माण का प्रतीक है। 1925 से प्रारंभ हुए इस संगठन का संदेश आज भी जीवंत है और सीपत के पथ संचलन व आम सभा ने इसे और सशक्त रूप से प्रकट किया।