Sunday, July 20, 2025
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हरियाणा का शराब, बिहार में मुनाफा, रेल के इंतजार ने बिगाड़ा खेल, सारे राज उगले

संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

कानपुर के गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन पर देर रात गश्त कर रही आरपीएफ टीम ने एक युवक को संदिग्ध हालात में पकड़ा। तलाशी में उसके पास से 40 बोतल अवैध शराब बरामद हुई। पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ – हरियाणा से बिहार तक फैला था उसका तस्करी नेटवर्क।

गोविंदपुरी स्टेशन पर देर रात पकड़ा गया शराब तस्कर

कानपुर के गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन पर उस समय हलचल मच गई जब रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने एक युवक को संदिग्ध परिस्थितियों में रेलवे ट्रैक के किनारे घूमते हुए पकड़ा। यह घटना शनिवार देर रात करीब 12:20 बजे की है, जब आरपीएफ की टीम नियमित गश्त पर थी।

ऐसे हुआ शक और फिर खुलासा

आरपीएफ उप निरीक्षक धीरेंद्र प्रताप सिंह अपने सहयोगियों के साथ स्टेशन के पास नए पुल के नीचे गश्त कर रहे थे। तभी उनकी नजर एक युवक पर पड़ी जो दोनों हाथों में झोले और पीठ पर बैग लटकाए हुए, प्लेटफॉर्म नंबर 1 की ओर जा रहा था। उसकी हरकतें संदिग्ध लगने पर टीम ने उसे रोका और पूछताछ शुरू की।

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शुरुआत में युवक गुमराह करने की कोशिश करता रहा, लेकिन जब सख्ती से सवाल-जवाब किया गया, तो उसने तस्करी की सच्चाई कबूल कर ली।

बैग से निकली 40 बोतलें महंगी शराब

जब युवक के बैग और झोले की तलाशी ली गई, तो अंदर से निकलीं ब्लेंडर प्राइड अल्ट्रा प्रीमियम व्हिस्की की 40 बोतलें, हर बोतल 750 मिली की। कुल मात्रा लगभग 30 लीटर शराब थी। इनकी कुल अनुमानित कीमत लगभग ₹60,000 बताई गई है।

बिहार में बेचता था महंगे दाम पर

युवक ने पूछताछ में अपना नाम पांडव कुमार, निवासी सलखुआ बाजार, जिला सहरसा (बिहार) बताया। उसने खुलासा किया कि वह हरियाणा से शराब लाकर बिहार में ऊंचे दामों पर बेचता है। यही नहीं, उसने यह भी बताया कि जब वह वापस लौटता है तो उन्हीं झोलों में कैश भरकर ले जाता है।

शराबबंदी वाले राज्य में तस्करी, गंभीर अपराध

गौरतलब है कि बिहार में पूरी तरह से शराबबंदी लागू है। ऐसे में शराब की तस्करी करना राज्य कानून के तहत गंभीर अपराध माना जाता है।

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आरपीएफ ने जीआरपी को सौंपी कार्रवाई

आरोपी को हिरासत में लेने के बाद आरपीएफ ने कानपुर सेंट्रल जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) थाने को सौंप दिया, जहां आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जा रही है।

यह मामला केवल शराब की तस्करी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक राज्य से दूसरे राज्य तक फैले संगठित अवैध नेटवर्क की ओर भी इशारा करता है। रात के अंधेरे में ट्रेनों के जरिए शराब की तस्करी करना कानून और सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बनता जा रहा है।

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