Sunday, July 20, 2025
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पिता का सपना, बेटी का संकल्प—तनिष्का बनना चाहती है भारत की न्याय योद्धा

88% अंक पाने वाली तनिष्का का सपना जज बनकर देश की सेवा करना है। सिविल सेवा की तैयारी कर रही बड़ी बहन से प्रेरित होकर छोटी बहन CLAT की कर रही तैयारी। पढ़ें पूरी खबर।

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

उन्नाव: दृढ़ इच्छाशक्ति और उच्च आकांक्षाओं के साथ चलने वाली छात्रा तनिष्का ने अपनी मेहनत और सोच से एक मिसाल कायम की है। हाल ही में घोषित हुए सीबीएसई इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम में उसे 88% अंक प्राप्त हुए, लेकिन इस पर उसने कोई खास उत्साह नहीं दिखाया। वजह स्पष्ट है—उसका लक्ष्य परीक्षा में अंक पाना नहीं, बल्कि देश सेवा के लिए न्यायिक क्षेत्र में कार्य करना है।

पारिवारिक प्रेरणा बनी सफलता की नींव

केडीएएमए कानपुर में पढ़ रही तनिष्का, शिक्षक दंपति संजीव संखवार और सुनीता की छोटी बेटी हैं। संजीव संखवार, जो कि प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष भी हैं, बताते हैं कि उनकी बेटी बचपन से ही न्याय और सेवा की भावना से प्रेरित रही है। उन्होंने यह भी बताया कि तनिष्का ने पहले भी एक प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन पसंदीदा सरकारी कॉलेज एलॉट नहीं हो पाया। अब वह दोबारा परीक्षा में भाग लेकर बेहतर रैंक के साथ सरकारी सीट प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत है।

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बड़ी बहन से मिली प्रेरणा

तनिष्का की बड़ी बहन सिविल सेवा की तैयारी कर रही हैं, जिनकी लगन और समर्पण ने तनिष्का को देश सेवा के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। जहां एक ओर बड़ी बेटी UPSC के लिए जुटी है, वहीं तनिष्का CLAT परीक्षा की तैयारी में संलग्न है। दोनों बहनों का लक्ष्य देशहित में कार्य करना है।

शिक्षकों और समाज से मिला समर्थन

तनिष्का की इस उपलब्धि और उसकी आगे की तैयारी को लेकर जिलेभर के शिक्षक संगठनों ने बधाई दी है। संजीव संखवार को जिले के वरिष्ठ शिक्षक नेताओं—जिला महामंत्री प्रदीप वर्मा, कोषाध्यक्ष अमित तिवारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिव दर्शन वर्मा, उपाध्यक्ष मनोज पटेल, ब्लॉक अध्यक्ष अतुल, नितिन, नरेंद्र, दीपेंद्र, सुरेन्द्र, प्रभाकर, राहुल, अनुराग सिंह सहित हजारों शिक्षकों ने शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

तनिष्का की कहानी इस बात का प्रतीक है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और परिवार का साथ मिले, तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती। उसकी सोच सिर्फ खुद की सफलता नहीं, बल्कि समाज और देश के लिए न्याय की सेवा में समर्पित है। आने वाले समय में वह निश्चित ही अपने पिता के सपनों को साकार कर न्यायपालिका में एक सशक्त भूमिका निभाएगी।

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