आज तक एंकर अंजना ओम कश्यप की मौत की अफवाह
धर्मेंद्र की झूठी खबर के बाद सोशल मीडिया में फिर मचा हड़कंप






अंजना ओम कश्यप की मौत की अफवाह पर हंगामा — सच क्या है?

टिक्कू आपचे की रिपोर्ट

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भारतीय मीडिया जगत की जानी-मानी पत्रकार अंजना ओम कश्यप इस समय सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं, लेकिन किसी नई खबर के कारण नहीं — बल्कि एक झूठी अफवाह के चलते। 11 नवंबर 2025 को बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के निधन की खबर फैलने के कुछ ही दिनों बाद, अब यह अफवाह फैली कि आज तक की एंकर अंजना ओम कश्यप का निधन हो गया है।

इस खबर ने देशभर में सनसनी फैला दी। कई लोगों ने श्रद्धांजलि संदेश तक पोस्ट कर दिए। हालांकि, जल्द ही स्पष्ट हो गया कि यह खबर पूरी तरह फर्जी (Fake News) है। अंजना ओम कश्यप न केवल स्वस्थ हैं बल्कि सोशल मीडिया पर सक्रिय भी हैं।

कैसे शुरू हुई अंजना ओम कश्यप की मौत की अफवाह?

सोशल मीडिया पर एक रील वायरल हुई जिसमें एक व्यक्ति अंजना ओम कश्यप के पोस्टर के सामने माला पहनकर शोक व्यक्त करते हुए दिखा। इस वीडियो के साथ ही यह झूठी खबर फैल गई कि अंजना अब इस दुनिया में नहीं रहीं।

लेकिन जांच करने पर सामने आया कि यह वीडियो किसी पुरानी घटना से जोड़कर गलत संदर्भ में वायरल किया गया। न तो किसी न्यूज़ चैनल ने ऐसी खबर की पुष्टि की और न ही आज तक या अंजना ओम कश्यप की ओर से ऐसा कोई आधिकारिक बयान आया।

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धर्मेंद्र की झूठी मौत की खबर ने बनाया माहौल

दरअसल, यह अफवाह उसी पृष्ठभूमि में फैली जब 11 नवंबर को बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र के निधन की झूठी खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। कई पोर्टल्स और कुछ टीवी चैनलों ने भी जल्दबाजी में यह खबर प्रसारित कर दी।

धर्मेंद्र को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 12 नवंबर को उन्हें छुट्टी मिल गई। लेकिन उससे पहले तक कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि तक दे दी थी। बाद में धर्मेंद्र खुद ने अपने फैन्स को धन्यवाद देते हुए कहा — “मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं।”

अब इसी क्रम में, अंजना ओम कश्यप को लेकर फैली झूठी खबर ने मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्यों हुआ लोगों में भ्रम?

मीडिया के एक हिस्से ने धर्मेंद्र के निधन की खबर बिना पुष्टि चलाकर गलती की थी। यही कारण है कि अब सोशल मीडिया पर यह कहा जा रहा है कि अंजना ओम कश्यप को “उनकी ही रिपोर्टिंग” का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

हालांकि, यह एक मजाकिया मीम ट्रेंड के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे इसने झूठी खबर का रूप ले लिया। कई लोगों ने श्रद्धांजलि पोस्ट करते हुए लिखा — “ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”

जबकि सच्चाई यह है कि अंजना पूरी तरह स्वस्थ हैं और लगातार सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर एक्टिव हैं। उन्होंने 12 नवंबर को धर्मेंद्र से जुड़ी खबरों पर सफाई भी दी थी।

नेटिज़न्स की तीखी प्रतिक्रियाएँ

इस वायरल झूठी खबर पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आईं। एक यूज़र ने लिखा —

“नहीं! ऐसा नहीं होना चाहिए। कृपया इस फेक न्यूज़ को फैलाना बंद करें।”

वहीं एक अन्य यूज़र ने लिखा —

“यह पहले वाली धर्मेंद्र वाली खबर की तरह ही फर्जी लग रही है। दो गलत कभी एक सही नहीं बना सकते।”

कई यूज़र्स ने इस घटना को “डिजिटल मीडिया की गिरती विश्वसनीयता” का उदाहरण बताया।

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फेक न्यूज़ का बढ़ता खतरा

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के युग में खबरें पलक झपकते वायरल हो जाती हैं। लेकिन सत्यापन की प्रक्रिया अक्सर पीछे छूट जाती है। “पहले खबर दो, बाद में जांच करो” की प्रवृत्ति ने मीडिया की साख को नुकसान पहुंचाया है।

सोशल मीडिया पर मृत्यु से जुड़ी फेक न्यूज़ सबसे तेज़ फैलने वाली होती हैं क्योंकि वे भावनाओं से जुड़ी होती हैं। लोग जांचे बिना श्रद्धांजलि दे देते हैं और कुछ ही मिनटों में झूठी सूचना लाखों लोगों तक पहुँच जाती है।

अंजना ओम कश्यप ने क्या कहा?

हालांकि अंजना ओम कश्यप ने अपने नाम से फैली इस झूठी खबर पर कोई सीधा बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके करीबियों के मुताबिक वह इस घटना से हैरान हैं। चैनल के एक सदस्य ने कहा — “यह पूरी तरह झूठी और दुर्भावनापूर्ण खबर है। अंजना पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपने नियमित कार्यक्रमों में व्यस्त हैं।”

सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी की जरूरत

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी खबर को पोस्ट करने से पहले सख्त सत्यापन तंत्र होना चाहिए?
आज के दौर में, हर व्यक्ति पत्रकार बन गया है, लेकिन जिम्मेदारी का अभाव सबसे बड़ी समस्या है।

पत्रकारिता के पेशेवरों और सोशल मीडिया यूज़र्स दोनों को यह समझना चाहिए कि “शेयर” करने से पहले “चेक” करना जरूरी है।

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निष्कर्ष — फेक न्यूज़ से सावधान रहें

अंजना ओम कश्यप की मौत की खबर पूरी तरह फर्जी है। यह सिर्फ सोशल मीडिया पर फैलाई गई एक अफवाह है।
धर्मेंद्र की झूठी मौत की खबर के बाद, अब एक और “फेक डेथ न्यूज़” ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है।
जरूरी है कि हम हर खबर को पढ़ने, देखने या साझा करने से पहले उसके स्रोत को जांचें।

सच्ची पत्रकारिता वही है जो सच दिखाए — न कि सनसनी फैलाए।


सवाल-जवाब (FAQ) 🔍

क्या सच में अंजना ओम कश्यप का निधन हो गया है?

नहीं। यह खबर पूरी तरह झूठी है। अंजना ओम कश्यप बिल्कुल स्वस्थ हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं।

यह अफवाह कैसे शुरू हुई?

एक रील वीडियो में एक व्यक्ति को उनके पोस्टर के सामने श्रद्धांजलि देते दिखाया गया। इस वीडियो को बिना जांचे शेयर किया गया और इससे अफवाह फैल गई।

क्या धर्मेंद्र की मौत की खबर भी झूठी थी?

हाँ, धर्मेंद्र के निधन की खबर भी झूठी साबित हुई थी। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल से छुट्टी लेकर घर लौट चुके हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं।

हमें फेक न्यूज़ से कैसे बचना चाहिए?

किसी भी खबर को साझा करने से पहले उसके स्रोत की पुष्टि करें। विश्वसनीय चैनलों या सरकारी स्रोतों से ही जानकारी साझा करें।

क्या इस घटना पर अंजना ने कुछ कहा?

उन्होंने कोई औपचारिक बयान नहीं दिया, लेकिन उनकी टीम ने स्पष्ट किया है कि यह खबर फेक है और उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण प्रचार है।


टिक्कू आपचे की रिपोर्ट | मीडिया डेस्क, 2025


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