Sunday, July 20, 2025
spot_img

सूखा पड़ा, कर्ज़ बढ़ा, और सरकार खामोश – बुंदेलखंड के किसान की कडवी सच्चाई

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित बांदा जिला पिछले पांच वर्षों में कृषि और किसानों की दृष्टि से कई चुनौतियों और प्रयासों का साक्षी रहा है। यहां की कृषि मुख्यतः मानसून पर निर्भर है, जिससे सूखा, जलवायु परिवर्तन और ऋण जैसी समस्याएं किसानों के लिए गंभीर बनी हुई हैं।

मुख्य चुनौतियाँ

1. कर्ज़ का बोझ: चित्रकूट मंडल (जिसमें बांदा भी शामिल है) के चार लाख किसानों पर लगभग ₹80,000 करोड़ का कर्ज़ है। कई किसान ऋण माफी की मांग कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति की गंभीरता स्पष्ट होती है।

2. सिंचाई और जल संकट: बांदा में सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। कई क्षेत्रों में किसान वर्षा जल पर निर्भर हैं, जिससे सूखे के समय फसलें प्रभावित होती हैं।

3. जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: बांदा कृषि विश्वविद्यालय के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों की उत्पादकता में कमी आ रही है। इसके समाधान हेतु ‘निकरा’ परियोजना के तहत जलवायु अनुकूल कृषि तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

Read  आश्रमों में गूंजती खामोशी, वो आंखें जो अब भी राह तकती हैं: वृद्धाश्रमों में बेसहारा बुजुर्गों की खौफनाक सच्चाई

सरकारी प्रयास और पहल

1. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा: बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा गौ आधारित प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे किसानों की लागत कम हो रही है और मृदा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।

2. कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम: कृषि विज्ञान केंद्र, बांदा द्वारा किसानों को प्राकृतिक खेती, मृदा स्वास्थ्य और जल संरक्षण पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे आधुनिक और टिकाऊ कृषि तकनीकों को अपना सकें।

3. जलवायु जागरूकता अभियान: ‘निकरा’ परियोजना के तहत किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से अवगत कराया जा रहा है और उन्हें अनुकूल कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है।

किसानों की आवाज़

स्थानीय किसान शत्रुघ्न यादव के अनुसार, “प्राकृतिक खेती में एक देसी गाय से 30 एकड़ तक की खेती की जा सकती है। इससे लागत कम होती है और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ती है।”

बांदा जिले के किसान पिछले पांच वर्षों में कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, लेकिन सरकारी प्रयासों और किसानों की मेहनत से स्थिति में सुधार की संभावनाएं हैं। प्राकृतिक खेती, जलवायु अनुकूल तकनीकों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाया जा रहा है। यदि इन प्रयासों को और प्रभावी ढंग से लागू किया जाए, तो बांदा की कृषि में सकारात्मक परिवर्तन संभव है।

Read  प्रयागराज से अगवा दलित लड़की की कहानी में नया खुलासा: केरल में धर्मांतरण के बाद सऊदी भेजने की साजिश

➡️संतोष कुमार सोनी के साथ सुशील मिश्रा की खास रिपोर्ट

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

स्कूल बंद करने के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी का हल्ला बोल, बच्चों-अभिभावकों संग गेट पर धरना

आजमगढ़ में आम आदमी पार्टी का शिक्षा बचाओ आंदोलन तेज, प्राथमिक विद्यालय पल्हनी को बंद करने के फैसले के विरोध में बच्चों-अभिभावकों संग जोरदार...

लायंस क्लब आज़मगढ़ की नई कार्यकारिणी गठित, ओम प्रकाश बने अध्यक्ष

लायंस क्लब आज़मगढ़ की नई कार्यकारिणी का गठन हुआ। ओम प्रकाश अग्रवाल बने अध्यक्ष। पर्यावरण संरक्षण हेतु 15 अगस्त तक पौधरोपण अभियान चलाने का...
- Advertisement -spot_img
spot_img

विधवा की पुकार: “मुझे मेरी ज़मीन लौटा दो” — दबंगों से त्रस्त महिला न्याय के लिए दर-दर भटक रही

चित्रकूट के मानिकपुर की विधवा महिला न्याय के लिए गुहार लगा रही है। दबंगों द्वारा ज़मीन कब्जाने की कोशिश, फसल कटवाने का आरोप और...

हर बार वही शिकायत! तो किस काम के अधिकारी?” – SDM ने लगाई फटकार

चित्रकूट के मानिकपुर तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में उपजिलाधिकारी मो. जसीम ने अधिकारियों को दो टूक कहा—"जनशिकायतों का शीघ्र समाधान करें,...