Sunday, July 20, 2025
spot_img

शाम को आएगी बारात, लेकिन दुल्हन बैठी धरने पर ? वजह प्रेरणास्पद है, लेकिन हैरान कर देगी

बागपत की एक दुल्हन शादी से पहले पिता की ज़मीन बचाने के लिए धरने पर बैठ गई। दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण हो रही ज़मीन को लेकर उठे इस मामले ने पूरे गांव का ध्यान खींचा है।

बागपत, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक अनोखा और प्रेरणादायक मामला सामने आया है, जहां एक बेटी ने अपनी शादी से ठीक पहले अपने पिता की ज़मीन बचाने के लिए धरना दे दिया। यह मामला बड़ौत कोतवाली क्षेत्र के बिजरौल-जलालपुर गांव का है, जहां वंशिका नामक युवती ने अपने हाथों में मेहंदी लगाए हुए सड़क पर बैठकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।

दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर बना विवाद की वजह

दरअसल, सरकार दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण के लिए ज़मीन अधिग्रहण कर रही है। वंशिका के परिवार का कहना है कि वे पहले ही पांच एकड़ ज़मीन इस परियोजना के लिए दे चुके हैं। बावजूद इसके, अब सरकार उनकी बची हुई एक बीघा ज़मीन भी अधिग्रहित करना चाहती है, जिस पर इस समय गेहूं की फसल खड़ी है।

Read  चिनाब का पानी रोकोगे तो रखोगे कहां- मत करो युद्ध ', अरशद मदनी के बयान पर भाजपा का पलटवार

दुल्हन का दो टूक ऐलान – “ज़मीन नहीं जाएगी!”

वंशिका ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह शादी जरूर करेंगी, लेकिन अपने पिता की ज़मीन गंवा कर नहीं। उनका यह साहसिक कदम न केवल परिवार, बल्कि पूरे गांव के लिए गर्व का विषय बन गया है। शादी से एक दिन पहले, जब अधिकांश लड़कियां सजने-संवरने में व्यस्त होती हैं, वंशिका प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रही थीं।

प्रशासनिक अधिकारियों को लौटना पड़ा खाली हाथ

जैसे ही अधिकारियों को इस धरने की जानकारी मिली, वे मौके पर पहुंचे और वंशिका को समझाने की कोशिश की। हालांकि, गांव वालों और वंशिका के तीखे विरोध के कारण उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। गांव वालों का कहना है कि सरकार पहले ही बहुत ज़मीन ले चुकी है, अब जो बचा है, उसे भी छीनना न्यायसंगत नहीं है।

गांव में बनी चर्चा का विषय

वंशिका का यह कदम गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग उसकी सराहना कर रहे हैं और उसके साहस को सलाम कर रहे हैं। वंशिका का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, वे धरने से नहीं उठेंगी।

Read  छात्र नेता विशाल सिंह हत्याकांड: तीन आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट, देवरिया पुलिस की सख्ती से मचा हड़कंप

इस घटना ने यह साबित कर दिया कि ज़मीन से जुड़ी संवेदनाएं केवल पुरुषों की नहीं होतीं, बेटियां भी अपने हक के लिए खड़ी हो सकती हैं। वंशिका की यह लड़ाई न सिर्फ ज़मीन के लिए है, बल्कि यह एक संदेश है कि न्याय के लिए आवाज़ उठाना हर नागरिक का अधिकार है।

➡️ ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

विधवा की पुकार: “मुझे मेरी ज़मीन लौटा दो” — दबंगों से त्रस्त महिला न्याय के लिए दर-दर भटक रही

चित्रकूट के मानिकपुर की विधवा महिला न्याय के लिए गुहार लगा रही है। दबंगों द्वारा ज़मीन कब्जाने की कोशिश, फसल कटवाने का आरोप और...

हर बार वही शिकायत! तो किस काम के अधिकारी?” – SDM ने लगाई फटकार

चित्रकूट के मानिकपुर तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में उपजिलाधिकारी मो. जसीम ने अधिकारियों को दो टूक कहा—"जनशिकायतों का शीघ्र समाधान करें,...
- Advertisement -spot_img
spot_img

“मैं नालायक ही सही, पर संघर्ष की दास्तां अनसुनी क्यों?” — रायबरेली की आलोचना से आहत हुए मंत्री दिनेश प्रताप सिंह का भावुक पत्र

 रायबरेली की राजनीति में हलचल! उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने फेसबुक पोस्ट के ज़रिए आलोचकों को दिया करारा जवाब। संघर्षों और उपलब्धियों को...

सड़क पर ही मिला सबक! सरेबाज़ार युवती ने उतारी चप्पल, पीट-पीटकर किया हलाकान

उन्नाव के शुक्लागंज बाजार में छेड़छाड़ से तंग आकर युवती ने युवक को चप्पलों और थप्पड़ों से पीटा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर...