Sunday, July 20, 2025
spot_img

मेमना किसका? कानपुर पुलिस ने अपनाया ऐसा तरीका कि सबकी हंसी छूट गई

कानपुर के कल्याणपुर थाने में पुलिस ने बकरी के मेमने के मालिक का पता लगाने के लिए अनोखा तरीका अपनाया। जानिए कैसे पुलिस की सूझबूझ से सड़क का झगड़ा मुस्कान में बदल गया।

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के कल्याणपुर थाने में शनिवार को समाधान दिवस के दौरान एक बेहद अनोखा मामला सामने आया। दो महिलाएं एक बकरी के बच्चे को लेकर सड़क पर भिड़ गईं, जिसके बाद मामला थाने तक जा पहुंचा। हालांकि, पुलिस ने बिना किसी मुकदमे या लंबी जांच के इस विवाद को इतनी सहजता से सुलझा दिया कि वहां मौजूद हर कोई दंग रह गया — और मुस्कुरा उठा।

झगड़े की जड़: काले-सफेद मेमने पर दावा

दरअसल, गोवा गार्डन इलाके में रहने वाली चंद्रा देवी की सफेद रंग की बकरी ने हाल ही में एक बच्चे को जन्म दिया था, जो बीमार था। चंद्रा के पति मेमने को इलाज के लिए ले जा रहे थे कि तभी मीना कुमारी नाम की एक महिला ने उन्हें रास्ते में रोक लिया और दावा किया कि यह मेमना उसकी बकरी का है।

Read  हूटर, वर्दी और हथियार: नकली पुलिस का असली खेल उजागर

बात यहीं नहीं रुकी। सड़क पर ही दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया, जिससे आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई। मामला बढ़ता देख पुलिस को सूचना दी गई और दोनों पक्षों को कल्याणपुर थाने ले जाया गया।

पुलिस के लिए चुनौती बना मामला

थाने पहुंचने पर भी दोनों महिलाएं अपने-अपने दावों पर अडिग रहीं। समस्या यह थी कि मीना कुमारी की बकरी काले रंग की थी जबकि चंद्रा देवी की बकरी सफेद रंग की। वहीं, मेमने का रंग काला-सफेद मिला-जुला था, जिससे यह तय करना मुश्किल हो गया कि उसका असली मालिक कौन है।

अनोखी जांच: कौन है असली मां?

इस उलझन को सुलझाने के लिए थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने एक अनोखी तरकीब निकाली। उन्होंने दोनों महिलाओं की बकरियों को थाने बुलवाया और उन्हें अलग-अलग कोनों में बांध दिया। फिर उन्होंने मेमने को खुला छोड़ दिया और घोषणा की कि जो बकरी उसे दूध पिलाएगी, वही उसकी असली मां मानी जाएगी।

Read  इश्क़ कमीना…प्रेमिका पर रौब झाड़ने की सनक में बना सीरियल चोर, पिता ने कहा…भेज दो जेल

पहले तो मेमना थोड़ा भ्रमित नजर आया, लेकिन कुछ देर बाद वह सीधे जाकर चंद्रा देवी की सफेद बकरी का दूध पीने लगा। यह दृश्य देखकर सभी लोग हंस पड़े और मामला यहीं शांत हो गया।

इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया कि थोड़ी सी सूझबूझ और मानवीय दृष्टिकोण से कई मामलों को कोर्ट-कचहरी तक जाने से रोका जा सकता है। पुलिस की यह पहल लोगों के लिए एक मिसाल बन गई है।

➡️ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

हर बार वही शिकायत! तो किस काम के अधिकारी?” – SDM ने लगाई फटकार

चित्रकूट के मानिकपुर तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में उपजिलाधिकारी मो. जसीम ने अधिकारियों को दो टूक कहा—"जनशिकायतों का शीघ्र समाधान करें,...

“मैं नालायक ही सही, पर संघर्ष की दास्तां अनसुनी क्यों?” — रायबरेली की आलोचना से आहत हुए मंत्री दिनेश प्रताप सिंह का भावुक पत्र

 रायबरेली की राजनीति में हलचल! उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने फेसबुक पोस्ट के ज़रिए आलोचकों को दिया करारा जवाब। संघर्षों और उपलब्धियों को...
- Advertisement -spot_img
spot_img

सड़क पर ही मिला सबक! सरेबाज़ार युवती ने उतारी चप्पल, पीट-पीटकर किया हलाकान

उन्नाव के शुक्लागंज बाजार में छेड़छाड़ से तंग आकर युवती ने युवक को चप्पलों और थप्पड़ों से पीटा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर...

अखिलेश यादव पर स्वतंत्र देव सिंह का तीखा वार: “साधु-संतों से सवाल, छांगुर पर चुप्पी कमाल”

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वे साधु-संतों से तो सवाल पूछते हैं, लेकिन...