Sunday, July 20, 2025
spot_img

रामजी लाल सुमन : दलित राजनीति के प्रखर स्वर और राणा सांगा विवाद के बीच उभरी सियासी हलचल

रामजी लाल सुमन — समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ दलित नेता, राज्यसभा सांसद और सामाजिक न्याय के प्रबल पैरोकार। जानें उनके जीवन, विवाद, राजनीतिक योगदान और पीडीए में उनकी भूमिका के बारे में पूरी जानकारी।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में दलित नेतृत्व की जब भी चर्चा होती है, तो रामजी लाल सुमन का नाम विशेष महत्व रखता है। हाल ही में राणा सांगा को लेकर दिए गए उनके एक बयान ने उन्हें फिर से सुर्खियों में ला दिया है। उन्होंने राणा सांगा को ‘गद्दार’ कह दिया, जिससे राजपूत संगठनों, विशेषकर करणी सेना ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। इसी बीच आगरा में करणी सेना के कार्यक्रम को देखते हुए प्रशासन ने रामजी लाल सुमन के घर की सुरक्षा बढ़ा दी है।

इस पूरे घटनाक्रम पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी खुलकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न सिर्फ रामजी लाल सुमन का समर्थन किया, बल्कि भाजपा और करणी सेना पर तीखे आरोप लगाए।

अखिलेश यादव का कड़ा संदेश

इटावा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा,

 “अगर कोई हमारे रामजी लाल सुमन या हमारे कार्यकर्ताओं का अपमान करेगा, तो हम समाजवादी लोग भी उनके साथ खड़े नजर आएंगे, उनके सम्मान की लड़ाई लड़ेंगे। ये जो सेना दिख रही है, ये सब फर्जी है, ये भाजपा की सेना है।”

उन्होंने करणी सेना की तुलना हिटलर के ‘नाजी स्क्वॉड’ से की और आरोप लगाया कि भाजपा अपने राजनीतिक विरोधियों को डराने के लिए संगठनों का इस्तेमाल कर रही है।

Read  जिसने जीवन को यज्ञ बना दिया—जिसके संस्कारों में संकल्प और सेवा में समर्पण....डॉ. नरेंद्र त्रिपाठी

राजनीतिक पृष्ठभूमि और शिक्षा

रामजी लाल सुमन का जन्म 25 जुलाई 1950 को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बहदोई गांव में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही प्राप्त की। उच्च शिक्षा आगरा कॉलेज से पूरी की और LLB की डिग्री प्राप्त की। छात्र जीवन से ही वे राजनीति में सक्रिय रहे।

आपातकाल के दौरान वे सरकार के खिलाफ बोलने के चलते जेल भी गए। यही वह समय था जब उनके अंदर एक मजबूत राजनीतिक चेतना विकसित हुई।

राजनीतिक करियर की शुरुआत

आपातकाल से रिहा होने के बाद, 1977 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जनता पार्टी के टिकट पर फिरोजाबाद से चुनाव लड़ा और पहली बार सांसद बने। इसके बाद 1989 में वे दोबारा सांसद बने।

1991 में प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार में उन्हें श्रम कल्याण, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री नियुक्त किया गया।

समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय पहचान

1993 में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में जब समाजवादी पार्टी बनी, तो रामजी लाल सुमन इससे जुड़ गए और तब से पार्टी की राजनीति में एक सशक्त दलित चेहरा बने रहे। 1999 और 2004 में उन्होंने फिरोजाबाद से सपा के टिकट पर जीत दर्ज की। बाद में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया।

Read  कोर्ट से फरार आरोपी शिवा बांसफोर एनकाउंटर में घायल, पुलिस ने किया गिरफ्तार

2024 में, अखिलेश यादव ने उन्हें राज्यसभा सांसद नियुक्त किया, जिससे उनकी भूमिका अब राष्ट्रीय राजनीति तक विस्तारित हो गई है।

PDए गठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका

अखिलेश यादव द्वारा प्रस्तावित PDए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठबंधन की राजनीति में रामजी लाल सुमन की भूमिका बेहद अहम है।

उनकी सामाजिक समझ, जमीनी पकड़ और विचारधारा इस गठबंधन को जनाधार प्रदान करने में मदद करती है।

“हम 90 फीसदी आबादी को साथ लेकर चलने का काम करेंगे,”

— अखिलेश यादव, रामजी लाल सुमन के समर्थन में

संविधान, आरक्षण और दलित अधिकारों की आवाज

रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में हमेशा आरक्षण, सामाजिक न्याय और बाबा साहब अंबेडकर के संविधान की रक्षा की बात कही है।

वे बार-बार यह कह चुके हैं कि समाज के वंचित तबकों को उनका हक और सम्मान दिलाना ही उनकी राजनीति का मूल उद्देश्य है।

उन्होंने हाल ही में कहा

 “हमारा आरक्षण छीना जा रहा है, हमें आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया जा रहा है। बाबा साहब ने आजीवन भेदभाव झेला — और यह बुराई आज भी हमारे समाज में ज़िंदा है।”

फूलन देवी का उदाहरण

रामजी लाल सुमन ने अपने भाषण में फूलन देवी का ज़िक्र करते हुए कहा कि उनके साथ जो अत्याचार हुआ, वैसा शायद ही किसी महिला के साथ हुआ हो।

 “समाजवादी पार्टी और नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने उन्हें लोकसभा भेजकर सम्मान दिलाया।”

कानूनी और वित्तीय स्थिति

Read  भारत-पाकिस्तान सीजफायर और अमेरिकी हस्तक्षेप के मुद्दे पर राहुल गांधी का प्रदर्शन

जानकारी के मुताबिक उनके पास 2 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। उन पर 2 आपराधिक मामले दर्ज हैं, हालांकि ये राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा माने जाते हैं।

जनता से जुड़ाव और सामाजिक कार्य

रामजी लाल सुमन की छवि एक ऐसे जन नेता की है जो दलित समाज से जुड़े मुद्दों को संसद में उठाते हैं। वे शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में भी सक्रिय रहते हैं।

क्यों महत्वपूर्ण हैं रामजी लाल सुमन?

रामजी लाल सुमन का पूरा राजनीतिक सफर सामाजिक न्याय, संविधान की रक्षा और दलित सशक्तिकरण के लिए समर्पित रहा है।

भले ही राणा सांगा को लेकर दिया गया बयान विवाद का कारण बना हो, लेकिन इसके पीछे छिपी इतिहास की पुनर्याख्या की भावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

वे उन विरले नेताओं में हैं जिन्होंने संसद से लेकर सड़क तक वंचित वर्गों की आवाज़ को बुलंद किया है और आज भी समाजवादी पार्टी की पीडीए नीति के एक केंद्रीय स्तंभ बने हुए हैं।

➡️संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

स्कूल बंद करने के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी का हल्ला बोल, बच्चों-अभिभावकों संग गेट पर धरना

आजमगढ़ में आम आदमी पार्टी का शिक्षा बचाओ आंदोलन तेज, प्राथमिक विद्यालय पल्हनी को बंद करने के फैसले के विरोध में बच्चों-अभिभावकों संग जोरदार...

लायंस क्लब आज़मगढ़ की नई कार्यकारिणी गठित, ओम प्रकाश बने अध्यक्ष

लायंस क्लब आज़मगढ़ की नई कार्यकारिणी का गठन हुआ। ओम प्रकाश अग्रवाल बने अध्यक्ष। पर्यावरण संरक्षण हेतु 15 अगस्त तक पौधरोपण अभियान चलाने का...
- Advertisement -spot_img
spot_img

विधवा की पुकार: “मुझे मेरी ज़मीन लौटा दो” — दबंगों से त्रस्त महिला न्याय के लिए दर-दर भटक रही

चित्रकूट के मानिकपुर की विधवा महिला न्याय के लिए गुहार लगा रही है। दबंगों द्वारा ज़मीन कब्जाने की कोशिश, फसल कटवाने का आरोप और...

हर बार वही शिकायत! तो किस काम के अधिकारी?” – SDM ने लगाई फटकार

चित्रकूट के मानिकपुर तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में उपजिलाधिकारी मो. जसीम ने अधिकारियों को दो टूक कहा—"जनशिकायतों का शीघ्र समाधान करें,...