
हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ के एनटीपीसी सीपत में आगामी प्रतिनिधि यूनियन चुनाव 2025 की सरगर्मी पूरे जोश पर है। मंगलवार शाम को आयोजित बीएमएस (भारतीय मजदूर संघ) की विशाल आमसभा ने पूरे परिसर को “श्रमिक एकता अमर रहे” और “बीएमएस जिंदाबाद” के नारों से गूंजा दिया। यह आयोजन न सिर्फ उत्साहपूर्ण था बल्कि इसने साबित किया कि बीएमएस अब भी मजदूरों की आवाज और उम्मीद बना हुआ है।
एनटीपीसी सीपत में बीएमएस की आमसभा — श्रमिक एकता की नई मिसाल
एनटीपीसी के मुख्य गेट पर हुई इस सभा में सैकड़ों कर्मचारियों की मौजूदगी ने यह संदेश दे दिया कि बीएमएस ही वह संगठन है जो मजदूर हित की सच्ची लड़ाई लड़ता है। सभा के मुख्य अतिथि एनटीपीसी एनबीसी केंद्रीय प्रतिनिधि सुनकरी मलेशन ने अपने ओजस्वी भाषण में कहा कि बीएमएस का उद्देश्य केवल चुनाव जीतना नहीं, बल्कि मजदूरों के हक और सम्मान की रक्षा करना है।
उन्होंने कहा, “बीएमएस का हर कदम श्रमिक सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों के लिए समर्पित है। अब वक्त है कि मजदूर अपनी ताकत पहचाने और एकजुट होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़े।”
मलेशन ने यह भी कहा कि बीएमएस ने देशभर में मजदूरों की आवाज को सरकारों तक पहुंचाया है और आज सीपत के श्रमिकों की उम्मीदें उसी पर टिकी हैं — क्योंकि बीएमएस वादों में नहीं, कर्म में विश्वास रखता है।
बीएमएस का संदेश — मजदूर हित ही हमारा धर्म
सभा में एनटीपीसी मजदूर महासंघ के अध्यक्ष सुरेंद्र राठौर ने कहा, “बीएमएस हमेशा से मजदूरों की आवाज रहा है। चाहे वेतन विसंगति की बात हो, पदोन्नति का सवाल हो या ठेका कर्मियों के अधिकार — बीएमएस हर बार सबसे आगे रहा है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह चुनाव सिर्फ एक संगठन का नहीं, बल्कि मजदूरों के आत्मसम्मान की परीक्षा है।
राठौर ने कहा, “बीएमएस न तो किसी दबाव में झुकता है और न ही किसी राजनीतिक स्वार्थ के लिए समझौता करता है। हमारा धर्म सिर्फ एक है — श्रमिक कल्याण।”
उनके इस वक्तव्य पर सभा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी।
“बीएमएस सिर्फ भाषण नहीं, कार्रवाई का प्रतीक है” — वीरेंद्र कानूनगो
एनटीपीसी मजदूर महासंघ के महामंत्री वीरेंद्र कानूनगो ने अपने संबोधन में कहा कि यह चुनाव किसी व्यक्ति का नहीं, बल्कि उस विचारधारा का चुनाव है जो मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करती है।
उन्होंने कहा, “बीएमएस सिर्फ चुनाव के वक्त नहीं, हर संकट में मजदूरों के साथ खड़ा रहता है। इसलिए 15 नवंबर को अपने मत का प्रयोग बीएमएस के पक्ष में करें और अपने भविष्य को सुरक्षित करें।”
कानूनगो ने स्पष्ट कहा, “बीएमएस का संघर्ष सिर्फ भाषण नहीं है, बल्कि यह हर स्तर पर ठोस कार्रवाई का प्रतीक है। हमारे काम ने ही हमें जनता का विश्वास दिलाया है।”
बीएमएस अध्यक्ष देवप्रताप टंडन का संदेश — एकजुटता ही जीत की कुंजी
कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएमएस अध्यक्ष देवप्रताप टंडन ने की। उन्होंने कहा कि बीएमएस कोई मंच नहीं, बल्कि मजदूरों की ताकत है जो किसी अन्याय को स्वीकार नहीं करती।
उन्होंने कहा, “अब समय है एकजुट होकर अपने हक की रक्षा का। 15 नवंबर के चुनाव में मजदूरों की एकता ही निर्णायक साबित होगी।”
सभा के दौरान सुशील सूर्यवंशी, अंकुर दीवान, प्रीतम सिंह राजपूत, संदीप शर्मा, चैलेंजर राठौर, सतीश गिरी, उमेश साहू, रामकुमार कैवर्त, ललित साहू, प्रफुल सिंह समेत कई प्रमुख पदाधिकारी और सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित रहे। सभा स्थल “हमारा वोट – मजदूर हित के लिए” नारों से गूंजता रहा।
15 नवंबर के चुनाव में सबकी निगाहें बीएमएस पर
सभा के अंत में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि 15 नवंबर को बीएमएस को भारी मतों से विजयी बनाकर मजदूर हितों की रक्षा की जाएगी। सभी वक्ताओं ने कर्मचारियों से अपील की कि वे अपने मत का प्रयोग एकजुट होकर करें और संगठन को मजबूत बनाएं।
पूरे कार्यक्रम ने यह साबित किया कि एनटीपीसी सीपत यूनियन चुनाव में बीएमएस की लोकप्रियता और एकजुटता अपने चरम पर है।
सुनकरी मलेशन के प्रभावशाली शब्दों और बीएमएस नेतृत्व के जोश ने कर्मचारियों में नई ऊर्जा का संचार किया है। अब सबकी निगाहें 15 नवंबर के मतदान पर टिकी हैं, जहां से मजदूर हित की दिशा तय होगी।
एनटीपीसी सीपत यूनियन चुनाव 2025 की यह आमसभा केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि श्रमिक एकता की गूंज थी।
बीएमएस ने एक बार फिर यह साबित किया कि मजदूरों की ताकत और एकता ही बदलाव की असली कुंजी है।
अब 15 नवंबर का दिन यह तय करेगा कि मजदूर अपने अधिकारों की लड़ाई में किस दिशा में कदम बढ़ाते हैं।
📌 क्लिक करें और पढ़ें सवाल-जवाब (FAQ)
1️⃣ एनटीपीसी सीपत यूनियन चुनाव की तारीख कब है?
एनटीपीसी सीपत यूनियन चुनाव की तारीख 15 नवंबर 2025 तय की गई है।
2️⃣ बीएमएस क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
बीएमएस यानी भारतीय मजदूर संघ, देश का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन है, जिसका उद्देश्य मजदूरों के अधिकारों की रक्षा और श्रमिक कल्याण को बढ़ावा देना है।
3️⃣ एनटीपीसी सीपत में बीएमएस की आमसभा का मुख्य संदेश क्या रहा?
मुख्य संदेश था — “मजदूर एकजुट हों और अपने हक की रक्षा करें।” बीएमएस ने स्पष्ट कहा कि उनका संघर्ष केवल चुनाव जीतना नहीं, बल्कि श्रमिक कल्याण की दिशा में ठोस कदम उठाना है।
4️⃣ बीएमएस के प्रमुख नेता कौन-कौन उपस्थित रहे?
सुनकरी मलेशन, सुरेंद्र राठौर, वीरेंद्र कानूनगो, देवप्रताप टंडन, सुशील सूर्यवंशी, अंकुर दीवान, और अन्य कई पदाधिकारी आमसभा में मौजूद रहे।
5️⃣ क्या बीएमएस की जीत मजदूर हितों को मजबूत करेगी?
हाँ, बीएमएस की जीत मजदूर हितों की दिशा में बड़ा कदम होगी, जिससे वेतन, सुरक्षा और अधिकारों के मुद्दे और मजबूती से उठाए जा सकेंगे।
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