
ठाकुर के के सिंह की रिपोर्ट
फरह (मथुरा): नगर पंचायत सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर रही है। परखम चौराहा और आसपास का क्षेत्र इस समय गंदे पानी और बदबू का अड्डा बना हुआ है। सर्विस रोड पर गंदे पानी का जमाव राहगीरों के लिए बड़ी परेशानी बन गया है। हर गुजरते व्यक्ति को कीचड़ और बदबू का सामना करना पड़ रहा है। नगर पंचायत सफाई को लेकर जनता में आक्रोश है, लेकिन सफाई कर्मियों की लापरवाही के चलते समस्या जस की तस बनी हुई है।
शिकायत के बाद भी आधी-अधूरी कार्रवाई
बीते दिन शिकायतों की बाढ़ आने के बाद नगर पंचायत ने थोड़ी हलचल जरूर दिखाई, लेकिन सफाई अभियान केवल औपचारिकता तक सीमित रहा। कुछ सफाई कर्मी मौके पर पहुंचे और पानी निकालने का दिखावा किया। पर हकीकत यह रही कि सर्विस रोड पर गंदे पानी का साम्राज्य अब भी कायम है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि नगर पंचायत सफाई व्यवस्था में भ्रष्टाचार और लापरवाही ने हालात बिगाड़ दिए हैं। फरह सफाई व्यवस्था केवल कागजों में चल रही है, जबकि जमीनी हकीकत पूरी तरह से विपरीत है।
परखम चौराहा बना मुसीबत का केंद्र
परखम चौराहा लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है। सड़क पर गंदे पानी का जमाव और दूसरी ओर अंडरपास जाम की समस्या — दोनों मिलकर आम नागरिकों की टेंशन को दोगुना कर रही हैं। गाड़ियों का लंबा जाम, पैदल चलने वालों के लिए खतरा और बदबू भरा माहौल अब रोजमर्रा का हिस्सा बन चुका है।
दुकानदार रुस्तम ने बताया, “नाले का गंदा पानी लंबे समय से जमा है। सफाई कर्मी शायद ही कभी आते हों। और अगर आते भी हैं, तो सिर्फ खानापूर्ति करके चले जाते हैं।”
स्थानीय दुकानदारों और समाजसेवियों का रोष
दुकानदार नीटू अग्रवाल का कहना है कि नगर पंचायत की अकर्मण्यता के कारण सर्विस रोड पर गंदगी बढ़ती जा रही है। इससे न सिर्फ राहगीर परेशान हैं बल्कि व्यापार पर भी असर पड़ रहा है।
समाजसेवी ठाकुर केके सिंह ने बताया कि उन्होंने कई बार इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन हर बार नगर पंचायत प्रशासन ने केवल आश्वासन देकर मामला रफा-दफा कर दिया। “कई बार ज्ञापन दिए गए, लेकिन नतीजा वही — ढाक के तीन पात।”
जाम और जलभराव ने बढ़ाई कस्बे की मुश्किलें
जाम का झाम और गंदे पानी की बदबू अब फरह कस्बे की पहचान बनती जा रही है। नगर पंचायत सफाई विभाग की नाकामी से यह हालात बने हैं। स्थानीय निवासी कहते हैं कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह क्षेत्र महामारी की चपेट में आ सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित सफाई अभियान और ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत से इस समस्या का समाधान संभव है। पर जब तक प्रशासनिक इच्छाशक्ति नहीं होगी, तब तक स्थिति नहीं बदलेगी।
नगर पंचायत पर उठ रहे सवाल
नगरवासियों का कहना है कि नगर पंचायत फरह सिर्फ पोस्टर और घोषणाओं में सक्रिय है। जमीनी स्तर पर काम ना के बराबर हो रहा है। नालों की सफाई महीनों से नहीं हुई, कचरा उठाने वाली गाड़ियां समय पर नहीं आतीं, और सफाई कर्मियों की हाजिरी केवल कागजों तक सीमित है।
अब जनता की उम्मीदें प्रशासन से
जनता की उम्मीद अब प्रशासन से है कि जल्द ही इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए। लगातार शिकायतों और सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों के बाद भी अगर कार्रवाई नहीं होती, तो लोगों का आक्रोश और बढ़ सकता है।
नगर पंचायत सफाई व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जरूरी है कि सफाई कर्मियों की जवाबदेही तय की जाए और सर्विस रोड पर जलनिकासी की सही व्यवस्था बनाई जाए। तभी फरह कस्बा स्वच्छ और सुगम बन सकेगा।
📌 सवाल-जवाब (FAQ) – क्लिक कर जानें जवाब
1️⃣ परखम चौराहा पर गंदे पानी की समस्या कब से है?
स्थानीय दुकानदारों के अनुसार, यह समस्या कई महीनों से बनी हुई है। नगर पंचायत द्वारा केवल औपचारिक सफाई की जाती है, स्थायी समाधान नहीं किया गया।
2️⃣ क्या नगर पंचायत ने हाल में कोई कार्रवाई की है?
हाँ, शिकायत के बाद कुछ कर्मी भेजे गए थे, लेकिन काम आधा-अधूरा छोड़ दिया गया। गंदे पानी का जमाव अब भी कायम है।
3️⃣ नागरिक क्या मांग कर रहे हैं?
जनता चाहती है कि नगर पंचायत स्थायी ड्रेनेज व्यवस्था बनाए और नियमित सफाई सुनिश्चित करे, ताकि जलभराव और जाम की समस्या खत्म हो सके।
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हाँ, “नगर पंचायत सफाई”, “परखम चौराहा”, और “फरह सफाई व्यवस्था” जैसे कीवर्ड तेजी से ट्रेंड कर रहे हैं।









