गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से सामने आया यह फ्रॉड मामला न सिर्फ पुलिस बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र को हिलाकर रख देने वाला है। एक युवक, जिसने खुद को आईएएस अधिकारी बताकर महीनों तक भौकाल टाइट रखा, करोड़ों रुपए की ठगी की, सरकारी अफसरों को सबक सिखाने के नाम पर एसडीएम तक को थप्पड़ मार दिया, और इतना ही नहीं—चार गर्लफ्रेंड, तीन को प्रेग्नेंट, तथा बिहार की एक लड़की से शादी कर डाली।
गोरखपुर पुलिस के लिए इस ठग का असली चेहरा उजागर करना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रहा। पहले 99 लाख 90 हजार रुपए की बरामदगी, फिर 33 दिन की खोजबीन और अंत में गिरफ्तार होते ही खुला ठगी का जाल—गौरव कुमार उर्फ ललित किशोर नाम का यह युवक कई राज्यों में सक्रिय नेटवर्क चलाने वाला हाई-प्रोफाइल जालसाज निकला।
स्टेशन पर पकड़ा गया 99.90 लाख का सूटकेस—यहीं से खुली कहानी
7 नवंबर की सुबह गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर चेकिंग के दौरान जीआरपी और आरपीएफ ने एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा। उसके सूटकेस से निकली 99 लाख 90 हजार रुपये की नकदी ने अधिकारियों को चौंका दिया। पूछताछ में कई उलझनें सामने आईं, पर मुख्य आरोपी का सुराग नहीं मिला। तब पुलिस को पता चला कि यह रकम बिहार भेजी जा रही थी और इसके पीछे एक बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है।
करीब 33 दिन की खोजबीन के बाद पुलिस को गोरखपुर के एक ठिकाने पर सूचना मिली और वहीं से गौरव कुमार उर्फ ललित को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद जब पूछताछ शुरू हुई, तो पुलिस अधिकारी भी उसके कारनामों की फेहरिस्त सुनकर दंग रह गए।
बिहार से शुरुआत—सुपर 50 कोचिंग और पहला फ्रॉड
गौरव कुमार मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी जिले के महसौर गांव का रहने वाला है। उसके पिता मजदूरी और पेंट-पॉलिश का काम करते थे। पढ़ाई में तेज होने के कारण उसने 2019 में गणित से एमएससी किया और 2022 में ‘सुपर 50’ नाम से कोचिंग शुरू की।
यहीं उसने पहला बड़ा फ्रॉड किया—एक छात्र को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर 2 लाख रुपये हड़प लिए। मामला दर्ज हुआ, पुलिस पीछे पड़ी और वह एक साल तक अंडरग्राउंड रहा। इसी दौरान गांव की एक लड़की से प्रेम संबंध बना और दोनों ने एक मंदिर में शादी कर ली।
गोरखपुर में आईएएस बनकर एंट्री—नेम प्लेट, बंगला और चमक-दमक
अंडरग्राउंड रहने के दौरान ही उसने खुद को आईएएस अधिकारी के रूप में पेश करने की योजना बनाई। गोरखपुर में उसकी मदद की परमानंद गुप्ता ने, जिसने स्थानीय स्तर पर गौरव को एक ‘आईएएस अधिकारी’ बताकर लोगों से परिचय कराना शुरू कर दिया।
गौरव ने गुलरिया थाना क्षेत्र में एक बड़ा मकान किराए पर लिया, बाहर नेमप्लेट लगवाई—“IAS गौरव कुमार”—और पत्नी व बच्चों के साथ उसी रौबदार स्टाइल में रहने लगा जैसे कोई असली अधिकारी रहता है। आसपास के लोग उसके बाहरी भौकाल के आगे आसानी से झांसे में आ गए।
एसडीएम ने सवाल पूछे… तो नकली आईएएस ने दो थप्पड़ जड़ दिए
सबसे चौंकाने वाली घटना तब हुई जब वह बिहार के भागलपुर जिले के एक गांव में ‘निरीक्षण’ करने पहुंच गया। वहां एक असली एसडीएम उससे मिला और कुछ सरकारी प्रक्रियाओं को लेकर सवाल किए।
सवाल सुनते ही गौरव भड़क उठा और उसने एसडीएम को दो थप्पड़ मार दिए। यह घटना इलाके में बड़ी चर्चा का विषय बन गई, लेकिन उसका भौकाल इतना मजबूत था कि कई लोग संदेह के बावजूद उसके खिलाफ बोलने से बचते रहे।
450 करोड़ का टेंडर—5 करोड़ की ठगी और पर्दाफाश की उलटी गिनती
गौरव का नेटवर्क सिर्फ गोरखपुर या बिहार तक सीमित नहीं था। वह मध्य प्रदेश तक सक्रिय था। उसने बिहार के एक बड़े ठेकेदार माधव को भरोसे में लिया और कहा कि वह उसे 450 करोड़ का सरकारी टेंडर दिलवा सकता है।
टेंडर की ‘प्रोसेसिंग फीस’ के नाम पर गौरव ने ठेकेदार से 5 करोड़ रुपए ले लिए। लेकिन रकम हड़पने के तुरंत बाद ही उसकी गतिविधियों पर खुफिया निगाहें पड़ने लगीं। स्टेशन पर पकड़ा गया 99.90 लाख भी उसी राशि का हिस्सा था।

चार गर्लफ्रेंड, तीन प्रेग्नेंट—फर्जी अफसर की असल जिंदगी भी फिल्मी
पुलिस पूछताछ में गौरव ने बताया कि उसकी चार गर्लफ्रेंड थीं, जिनमें से तीन को वह प्रेग्नेंट कर चुका था। वह आईएएस का रौब दिखाकर लड़कियों को प्रभावित करता था और झूठे सपने दिखाकर संबंध बनाता था।
उसकी पत्नी और बच्चों को भी उसके इन कारनामों की पूरी जानकारी नहीं थी। पुलिस अब इस एंगल की भी जांच कर रही है कि क्या उसके रिश्तों का उपयोग भी किसी प्रकार की ठगी में किया गया था।
कई राज्यों में फैला नेटवर्क—सैकड़ों लोग बने शिकार
पुलिस जांच में सामने आया कि गौरव ने यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में सैकड़ों लोगों को ठगा। शिकारों में बड़े ठेकेदार, छात्र, सरकारी कर्मचारी और आम लोग शामिल हैं।
गौरव की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके साथी परमानंद गुप्ता को भी गिरफ्तार कर लिया है जबकि उसका साला अभिषेक फरार बताया जा रहा है।
क्लिक करें और जवाब देखें (FAQ)
▪ नकली आईएएस गौरव कुमार पहली बार कैसे पकड़ा गया?
गोरखपुर स्टेशन पर चेकिंग के दौरान उसके नेटवर्क से जुड़े व्यक्ति के पास से 99.90 लाख रुपये बरामद हुए। जांच में धागा गौरव तक पहुंचा और 33 दिन बाद वह गिरफ्तार हुआ।
▪ क्या वास्तव में उसने एसडीएम को थप्पड़ मारा था?
हाँ, भागलपुर में असली एसडीएम द्वारा पूछताछ किए जाने पर उसने दो थप्पड़ जड़ दिए थे। यह मामला उस समय खूब चर्चा में रहा।
▪ 450 करोड़ वाले टेंडर घोटाले में उसकी भूमिका क्या थी?
उसने एक ठेकेदार को 450 करोड़ का टेंडर दिलाने का झांसा देकर 5 करोड़ रुपए प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ले लिए थे।
▪ गौरव की ठगी का नेटवर्क कितने राज्यों में फैला था?
उसका नेटवर्क उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश तक फैला था, जहाँ सैकड़ों लोग उसके झांसे में आए।






