
सरपंच का खौफनाक ऐलान
अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
हमीरपुर(उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां विकास कार्यों में धांधली की शिकायत करने वाले ग्राम पंचायत सदस्य और उसके बेटे को मौत की धमकी मिली है।
सरपंच का खौफनाक ऐलान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें सरपंच ने खुलेआम पिता-पुत्र का सिर काटकर लाने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की। इस घटना ने न केवल प्रशासन को हिला दिया है, बल्कि पूरे गांव में दहशत का माहौल बना दिया है।
💥 मनरेगा घोटाले की शिकायत से भड़का सरपंच
घटना सुमेरपुर थाना क्षेत्र के मौहर गांव की है। ग्राम पंचायत सदस्य विनोद कुमार तिवारी ने गांव में चल रहे मनरेगा योजना के कार्यों में बड़े पैमाने पर धांधली और सरकारी धन के दुरुपयोग की शिकायत प्रशासन से की थी। उनकी यह शिकायत जब जांच के स्तर तक पहुंची, तब सरपंच का खौफनाक ऐलान सामने आया।
सरपंच राममिलन निषाद ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर एक पोस्ट डालते हुए लिखा कि जो भी विनोद कुमार तिवारी और उनके बेटे का सिर काटकर लाएगा, उसे एक लाख रुपये नकद इनाम दिया जाएगा। यह पोस्ट कुछ ही घंटों में वायरल हो गई और पूरे हमीरपुर जिले में सनसनी फैल गई।
📱 फेसबुक पोस्ट वायरल, गांव में मचा हड़कंप
सरपंच का खौफनाक ऐलान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होते ही मौहर गांव में तनाव बढ़ गया। ग्रामीणों में भय और आक्रोश दोनों देखने को मिला। कई लोगों ने सरपंच की पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए उसकी कड़ी निंदा की।
वहीं, पीड़ित विनोद कुमार तिवारी ने फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट लेकर साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि वे सिर्फ गांव में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे थे, लेकिन सरपंच का खौफनाक ऐलान कर उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
विनोद ने कहा, “मैंने मनरेगा घोटाले की शिकायत की तो सरपंच मेरी जान का दुश्मन बन गया। अब उसने फेसबुक पर मेरी हत्या करवाने का ऐलान कर दिया है। मुझे और मेरे बेटे को किसी भी समय जान का खतरा है।”
🚨 पुलिस एक्शन में, जांच के बाद सख्त कार्रवाई का वादा
जैसे ही सरपंच का खौफनाक ऐलान वायरल हुआ, स्थानीय पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। विनोद कुमार तिवारी ने पहले कैथी पुलिस चौकी और फिर सुमेरपुर थाने में भी शिकायत दर्ज कराई।
थाना प्रभारी अनूप सिंह ने बताया कि “पोस्ट की जांच साइबर टीम कर रही है। अगर पोस्ट सत्य पाई जाती है तो आरोपी सरपंच के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस ने पीड़ित परिवार को तत्काल सुरक्षा उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है। वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा है कि सरपंच का खौफनाक ऐलान जैसे मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
😡 ग्रामीणों में आक्रोश, प्रशासन पर उठे सवाल
इस घटना ने पूरे गांव में गुस्सा फैला दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि विकास कार्यों में भ्रष्टाचार आम बात बन चुकी है, लेकिन जब कोई आवाज उठाता है तो उसे धमकाया जाता है।
गांव के एक बुजुर्ग ने कहा, “पहले काम में धांधली होती है, अब सवाल करने वालों की जान लेने की बात की जा रही है। सरपंच का खौफनाक ऐलान लोकतंत्र के मुंह पर तमाचा है।”
ग्रामीणों ने प्रशासन से न केवल मनरेगा घोटाले की जांच की मांग की है, बल्कि आरोपी सरपंच को तत्काल निलंबित कर जेल भेजने की भी मांग की है।
🏗️ मनरेगा में धांधली का आरोप
पीड़ित पंचायत सदस्य ने अपनी शिकायत में कहा कि गांव में मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्यों में लाखों रुपये का गबन हुआ है। मजदूरों के नाम पर फर्जी भुगतान किए गए हैं और कई विकास कार्यों का रिकॉर्ड झूठा बनाया गया है।
जैसे ही शिकायत प्रशासन तक पहुंची, उसी समय सरपंच का खौफनाक ऐलान कर दिया गया। इससे साफ है कि सरपंच भ्रष्टाचार के खुलासे से घबराया हुआ है और डराने-धमकाने की नीति अपना रहा है।
⚖️ सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़
फेसबुक, एक्स (ट्विटर) और व्हाट्सऐप ग्रुपों पर सरपंच का खौफनाक ऐलान ट्रेंड करने लगा है। लोग इस पोस्ट को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए पुलिस से तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि अगर शिकायत करने वालों को ही धमकी दी जाएगी, तो गांवों में पारदर्शिता कैसे आएगी।
वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि प्रशासन को सिर्फ जांच नहीं, बल्कि ऐसे सरपंचों को पद से बर्खास्त कर जेल भेजना चाहिए।
🧾 प्रशासन का बयान और आगे की कार्रवाई
हमीरपुर के उप जिलाधिकारी (SDM) ने मीडिया से कहा कि “यह मामला अत्यंत गंभीर है। सरपंच का खौफनाक ऐलान जैसे बयान लोकतंत्र और कानून व्यवस्था के लिए खतरा हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद आरोपी पर कठोर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि साइबर टीम फेसबुक पोस्ट की ट्रेसिंग कर रही है और सरपंच के बयान का डिजिटल साक्ष्य सुरक्षित किया जा रहा है।
सरपंच का खौफनाक ऐलान न केवल एक पंचायत विवाद का मामला है, बल्कि यह इस बात की चेतावनी भी है कि ग्रामीण राजनीति में डर और भ्रष्टाचार किस हद तक फैल चुका है। जहां एक ओर सरकारें पारदर्शिता और डिजिटल इंडिया की बात करती हैं, वहीं दूसरी ओर गांवों में सच बोलने वालों को मौत की धमकी दी जा रही है।
अगर प्रशासन ने इस बार कड़ा कदम नहीं उठाया, तो ऐसे खौफनाक ऐलान आम बात बन जाएंगे। लोकतंत्र की असली ताकत जनता की आवाज है, जिसे किसी भी कीमत पर दबाया नहीं जा सकता।
