Sunday, July 20, 2025
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अलीगढ़ की सरहदें बंद! अखिलेश यादव के खिलाफ खुली चुनौती, कौन दे रहा है धमकी?

अलीगढ़ दौरे पर आ रहे अखिलेश यादव को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। क्षत्रिय महासभा और कई हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। प्रशासन हाई अलर्ट पर है, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के अलीगढ़ दौरे से पहले राजनीतिक सरगर्मी चरम पर पहुंच गई है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने उनके आगमन का जोरदार विरोध करने की घोषणा की है। यही नहीं, अन्य हिंदू संगठनों ने भी इस विरोध में शामिल होकर अखिलेश यादव को अलीगढ़ में प्रवेश न करने देने का ऐलान किया है।

विरोध की वजह क्या है?

इस विवाद की जड़ समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के विवादित बयान से जुड़ी है, जिसका समर्थन अखिलेश यादव ने सार्वजनिक रूप से किया। क्षत्रिय महासभा का आरोप है कि यह समर्थन केवल एक राजनीतिक फैसला नहीं, बल्कि एक रणनीतिक चाल है जिससे क्षत्रिय समाज का अपमान हुआ है। महासभा के पदाधिकारियों ने इसे “क्षत्रिय स्वाभिमान की लड़ाई” करार दिया है।

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प्रशासन सतर्क, सुरक्षा चाक-चौबंद

वहीं, हालात की गंभीरता को देखते हुए अलीगढ़ प्रशासन और पुलिस महकमा अलर्ट मोड में आ गया है। पुलिस बल को हाई अलर्ट पर रखा गया है और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती कर दी गई है। शहर में कई जगह बैरिकेडिंग की गई है और गश्त भी बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटा जा सके।

निजी यात्रा, लेकिन सियासी बवाल

गौरतलब है कि अखिलेश यादव अलीगढ़ में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे हैं। वह अलीगढ़ एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे और फिर सड़क मार्ग से एक निजी गेस्ट हाउस पहुंचेंगे। हालांकि यह दौरा पूरी तरह निजी बताया जा रहा है, फिर भी राजनीतिक माहौल काफी गर्म हो गया है।

क्या कहती है क्षत्रिय महासभा?

जिलाध्यक्ष विवेक चौहान ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि वे अखिलेश यादव के काफिले को अलीगढ़ में प्रवेश नहीं करने देंगे। उनके अनुसार यह विरोध केवल एक राजनेता के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए है। कई अन्य हिंदू संगठनों ने भी इस आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है।

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अखिलेश यादव का यह दौरा जितना निजी बताया जा रहा है, उतना ही राजनीतिक रूप से संवेदनशील भी बनता जा रहा है। देखना यह होगा कि प्रशासन की सतर्कता और सुरक्षा व्यवस्था इस टकराव को रोक पाने में कितनी सफल होती है।

➡️ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

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