
एनडीए की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने अपने संगठनात्मक विस्तार को नया आयाम देते हुए राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना (RSS) नाम का एक नया संगठन खड़ा कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि इसका संक्षेपण ‘RSS’ होने के कारण यह मुद्दा तेजी से सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
सोमवार को आजमगढ़ के अतरौलिया स्थित डाक बंगले में राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को विधिवत नई वर्दी वितरित की गई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है। हालांकि अभी तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) या भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस पर किसी प्रकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
अरविंद राजभर ने साझा किया वीडियो, बताया—संगठन विस्तार का बड़ा अभियान
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने फेसबुक पर कार्यक्रम का वीडियो साझा करते हुए बताया कि यह आयोजन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व में किया गया। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के सभी जिलों में संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने हेतु जिला कमांडर, विधानसभा कमांडर, ब्लॉक कमांडर और ग्राम स्तर पर सैनिकों के गठन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
राजभर ने इसे संगठन को बूथ स्तर तक सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। उनके अनुसार यह अभियान 2027 के चुनावों की तैयारी का प्रमुख आधार माना जा रहा है।
संगठन से जुड़ने की अपील—महाराजा सुहेलदेव के आदर्शों को आधार
कार्यक्रम में मौजूद पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि वे पार्टी की नीतियों और विचारों को गांव-गांव तक पहुंचाएंगे और राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना को और अधिक सशक्त बनाएंगे।
कुछ ही समय बाद फेसबुक पर एक पोस्ट के माध्यम से युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी जागरूक नागरिकों से अपील की गई कि वे संगठन से जुड़कर समाजसेवा और सामाजिक न्याय की लड़ाई में भागीदार बनें। पोस्ट में लिखा गया कि संगठन का उद्देश्य महाराजा सुहेलदेव राजभर के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाना और वंचित समाज की आवाज़ को मजबूत करना है।
क्या “RSS” नाम से नया सियासी विवाद खड़ा होगा?
सबसे अधिक चर्चा संगठन के नाम को लेकर है, क्योंकि ‘RSS’ संक्षेपण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से मिलता-जुलता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा राजनीतिक बहस को जन्म दे सकता है। हालांकि अभी तक किसी भी बड़े नेता द्वारा टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन सोशल मीडिया पर इस पर खूब बहस हो रही है।
कई लोग इसे राजनीतिक रणनीति बता रहे हैं तो कुछ इसे भ्रम की स्थिति पैदा करने वाला कदम मान रहे हैं। इसके बावजूद संगठन का विस्तार पूर्वांचल में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, जो आगामी चुनावों की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
https://www.instagram.com/reel/DSADyycEuH4/?igsh=MXNvcGFpcHVtdjk0aQ==
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना (RSS) क्या है?
सुभासपा द्वारा गठित एक नया संगठन, जिसका उद्देश्य पूर्वांचल में संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना और समाजसेवा को बढ़ावा देना है।
क्या इसका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से कोई संबंध है?
नहीं। नाम समान होने के बावजूद दोनों का एक-दूसरे से कोई संबंध नहीं है। यह पूरी तरह सुभासपा का अलग संगठन है।
क्या यह कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा है?
हाँ। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह 2027 विधानसभा चुनावों से पहले संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की रणनीति है।






