कामां (भरतपुर)। कामवन रामलीला समिति के तत्वावधान में आयोजित भव्य रामलीला के पंचम दिवस पर भगवान राम की बारात का दिव्य आयोजन हुआ। जब सजी-धजी घोड़ियों पर राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न सवार होकर बारात के रूप में निकले, तो पूरा नगर जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। शोभायात्रा का दृश्य इतना भव्य था कि लोगों की भीड़ इसे देखने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़ी।

कामां की सड़कों पर दिखा दिव्य नजारा

कामां नगर की सड़कों पर राम बारात के स्वागत के लिए जगह-जगह मंच बनाए गए थे। दुकानों और घरों को दीपों, झालरों और फूलों से सजाया गया। पूरा बाजार दुल्हन की तरह सजा हुआ था। रामलीला समिति की ओर से सजे हुए घोड़ों पर भगवान राम और उनके भाइयों का अभिनय करने वाले कलाकार निकले तो दर्शकों ने जयकारों से स्वागत किया।

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दशरथ और मुनियों के रथों ने बढ़ाई शोभा

बारात में दो भव्य रथ विशेष आकर्षण का केंद्र बने रहे। एक रथ पर राजा दशरथ और उनके मंत्री विराजित थे, जबकि दूसरे रथ पर विश्वामित्र और वशिष्ठ मुनि बैठे हुए थे। इन रथों की सजावट ने पूरे आयोजन में पारंपरिक वैभव और धार्मिकता का समावेश किया।

बैंड-बाजों और शहनाई की धुनों पर थिरके श्रद्धालु

बारात के साथ चल रहे बैंडबाजे और शहनाई की मधुर ध्वनियों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। स्थानीय नागरिक, महिलाएं और बच्चे पारंपरिक वेशभूषा में जयकारे लगाते हुए राम बारात में शामिल हुए। कई स्थानों पर फूलों की वर्षा कर स्वागत किया गया।

रामलीला मैदान में हुआ भात और विवाह का आयोजन

कोट ऊपर स्थित रामलीला मैदान पहुंचने पर भात का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मंगलमुखी ने पारंपरिक तरीके से भात की रस्म अदा की। इसके बाद वैवाहिक कार्यक्रम की शुरुआत वशिष्ठ और सतानंद ऋषि के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुई। विवाह मंडप में श्रद्धालु ‘जय सिया राम’ के उद्घोष करते रहे।

भव्य सहभोज के साथ हुआ कार्यक्रम का समापन

विवाह समारोह के बाद रामलीला समिति की ओर से भव्य सहभोज का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु और समिति के सदस्य शामिल हुए। स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ सहभोज का आनंद उठाया गया। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्यों ने कहा कि रामलीला न केवल धार्मिक परंपरा है, बल्कि समाज को एकजुट करने का माध्यम भी है।

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कामां की रामलीला बनी आकर्षण का केंद्र

हर वर्ष की तरह इस बार भी कामां की रामलीला राजस्थान और हरियाणा के सीमावर्ती क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही। लोगों ने बताया कि कामां में होने वाली राम बारात ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।

सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही राम बारात

कामां की राम बारात के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। लोग इसे #RamBaaratKaman और #KamanRamLeela जैसे हैशटैग से शेयर कर रहे हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स (ट्विटर) पर कामां की रामलीला चर्चा का विषय बनी हुई है।

स्थानीय प्रशासन और समिति ने इस बारात को ऐतिहासिक और यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात किया गया और ट्रैफिक व्यवस्था भी दुरुस्त रही।

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राम बारात से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्न (FAQ)

कामां में रामलीला का आयोजन कब होता है?

कामां की रामलीला हर साल शारदीय नवरात्र के दौरान आयोजित की जाती है। इसमें भगवान राम के जीवन की सभी प्रमुख घटनाओं का मंचन किया जाता है।

राम बारात में कौन-कौन शामिल होते हैं?

राम बारात में स्थानीय कलाकार भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, दशरथ, विश्वामित्र और वशिष्ठ मुनि की भूमिकाएं निभाते हैं। हजारों श्रद्धालु इस शोभायात्रा में शामिल होते हैं।

कामां की राम बारात खास क्यों मानी जाती है?

कामां की राम बारात अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। इसमें पारंपरिक रथ, बैंडबाजे, सजावट और सहभोज इसे अद्वितीय बनाते हैं।

रामलीला समिति कौन आयोजित करती है?

कामवन रामलीला समिति इस ऐतिहासिक आयोजन की मुख्य आयोजक है, जो हर वर्ष श्रद्धालुओं के सहयोग से इसे संपन्न कराती है।