यज्ञसेनी वैश्य हलवाई कल्याण समिति सीतापुर ने चलाया ‘दहेज विरोधी अभियान’, लिया घर-घर जाकर जनजागरण का संकल्प

अनुराग गुप्ता की रिपोर्ट

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सीतापुर। (उत्तर प्रदेश): यज्ञसेनी वैश्य हलवाई कल्याण समिति सीतापुर ने समाज में व्याप्त दहेज प्रथा के खिलाफ एक ऐतिहासिक मुहिम की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य है—समाज से दहेज रूपी दानव को सदा-सर्वदा के लिए समाप्त करना। संगठन मंत्री रितेश गुप्ता की पहल पर शुरू हुए इस दहेज विरोधी अभियान में समिति के सभी पदाधिकारी और सदस्य सक्रिय रूप से शामिल हुए। उन्होंने ठान लिया है कि जब तक समाज से दहेज प्रथा पूरी तरह खत्म नहीं होती, यह मुहिम निरंतर जारी रहेगी।

सीतापुर जिले में शुरू हुआ यह अभियान तेजी से चर्चा का विषय बन गया है। यज्ञसेनी वैश्य हलवाई कल्याण समिति ने इस मुहिम के माध्यम से समाज में नई चेतना जगाने का बीड़ा उठाया है। समिति के अध्यक्ष राकेश गुप्ता और महामंत्री अनिल गुप्ता ने भी इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति जताते हुए इसे पूरे जिले में विस्तार देने का निर्णय लिया।

घर-घर जाकर लोगों को किया जा रहा है जागरूक

अभियान के तहत समिति के सदस्य, कार्यकर्ता और स्थानीय युवाओं की टीम घर-घर जाकर लोगों को दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूक कर रही है। वे लोगों से यह अपील कर रहे हैं कि बेटियों को बोझ न समझें, बल्कि उन्हें समान अधिकार दें। दहेज विरोधी अभियान के अंतर्गत हर गली, हर मोहल्ले में जनचेतना फैलाने के लिए पोस्टर, पर्चे और नुक्कड़ सभाएं आयोजित की जा रही हैं।

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संगठन मंत्री रितेश गुप्ता ने सभा में कहा कि “जब तक समाज के लोग स्वयं आगे नहीं आएंगे, तब तक दहेज रूपी दानव का अंत संभव नहीं है। हमें अपनी सोच बदलनी होगी, तभी हमारी बेटियाँ सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी पाएंगी।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे विवाह में दहेज लेने या देने की परंपरा का खुलकर विरोध करें।

अध्यक्ष राकेश गुप्ता का संदेश – दहेज लेना और देना दोनों अपराध हैं

समिति के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि “समाज में जो लोग दहेज मांगते हैं, वे इंसानियत और संस्कार दोनों के दुश्मन हैं। दहेज प्रथा ने न जाने कितनी बेटियों की जिंदगी बर्बाद की है। हम सभी को मिलकर यह प्रण लेना होगा कि हम न तो दहेज लेंगे और न देंगे।” उन्होंने बताया कि यज्ञसेनी वैश्य हलवाई कल्याण समिति सीतापुर आने वाले समय में गांव-गांव जाकर दहेज उन्मूलन रैली भी निकालेगी।

महामंत्री अनिल गुप्ता का संकल्प – समाज परिवर्तन की नई दिशा

महामंत्री अनिल गुप्ता ने कहा कि “हमारी संस्था केवल नारों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि ठोस कार्ययोजना के तहत लोगों को शिक्षित और प्रेरित करेगी।” उन्होंने बताया कि संस्था ने 11 सूत्रीय कार्यक्रम तैयार किया है जिसमें बेटियों की शिक्षा, आत्मनिर्भरता, और दहेज विरोधी जागरूकता प्रमुख हैं।

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सीतापुर से उठी नई सोच की लहर

सीतापुर से शुरू हुआ यह दहेज विरोधी अभियान अब पूरे प्रदेश में प्रेरणा का स्रोत बनता जा रहा है। समिति के पदाधिकारी मानते हैं कि दहेज प्रथा केवल एक सामाजिक बुराई नहीं, बल्कि यह असमानता और अपराध की जड़ है। यदि समाज एकजुट होकर इसका विरोध करे तो इस बुराई को खत्म किया जा सकता है।

इस अभियान की खासियत यह है कि इसमें केवल पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं और युवा वर्ग भी समान रूप से शामिल हैं। गांवों में महिलाओं के बीच समूह चर्चा, स्कूली छात्राओं के बीच संवाद कार्यक्रम, और युवाओं के बीच oath-taking events आयोजित किए जा रहे हैं।

दहेज विरोधी अभियान क्यों है जरूरी?

भारत में हर साल हजारों बेटियां दहेज के कारण प्रताड़ना या मृत्यु का शिकार बनती हैं। यह स्थिति समाज के लिए शर्मनाक है। ऐसे में यज्ञसेनी वैश्य हलवाई कल्याण समिति सीतापुर का यह दहेज विरोधी अभियान एक आशा की किरण है। यह अभियान समाज को आत्मचिंतन की ओर ले जाने का प्रयास कर रहा है, ताकि आने वाली पीढ़ियां एक दहेज-मुक्त भारत में सांस ले सकें।

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रितेश गुप्ता ने अंत में कहा – “हमने यह संकल्प लिया है कि जब तक समाज से दहेज रूपी दानव समाप्त नहीं हो जाता, तब तक हमारी संस्था लगातार यह अभियान चलाती रहेगी। यह केवल एक आंदोलन नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।”

❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

1. यज्ञसेनी वैश्य हलवाई कल्याण समिति सीतापुर का दहेज विरोधी अभियान क्या है?

यह एक सामाजिक जनजागरण अभियान है जिसका उद्देश्य दहेज प्रथा को समाज से समाप्त करना और लोगों को इसके खिलाफ शिक्षित करना है।

2. इस अभियान की शुरुआत किसने की?

इस अभियान की पहल समिति के संगठन मंत्री रितेश गुप्ता ने की, जिस पर अध्यक्ष राकेश गुप्ता और महामंत्री अनिल गुप्ता ने सहमति दी।

3. अभियान के तहत क्या-क्या गतिविधियां की जा रही हैं?

घर-घर जनजागरण, नुक्कड़ सभाएं, पोस्टर वितरण, महिलाओं के साथ संवाद और स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

4. इस दहेज विरोधी अभियान का मुख्य संदेश क्या है?

दहेज लेना और देना दोनों अपराध हैं — बेटियों को समान अधिकार और सम्मान दें, और दहेज प्रथा को सदा के लिए समाप्त करें।

5. क्या यह अभियान आगे भी जारी रहेगा?

हाँ, समिति ने संकल्प लिया है कि जब तक दहेज रूपी दानव समाज से खत्म नहीं होता, यह दहेज विरोधी अभियान लगातार चलता रहेगा।

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