संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट : हरिगोपाल मिश्रा (बबलू मिश्रा) ने ग्राम पंचायत भौंरी में ग्राम प्रधान पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है। जैसे-जैसे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे दावेदारों की हलचलें तेज हो गई हैं। गांव-गांव में विकास और जनसेवा के मुद्दे पर प्रचार-प्रसार शुरू हो चुका है। इसी बीच, मानिकपुर विकास खंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत भौंरी में हरिगोपाल मिश्रा उर्फ बबलू मिश्रा ने अपने समर्थकों के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है।
गांव की जनता में उनकी छवि एक ईमानदार, मेहनती और विकासोन्मुखी उम्मीदवार के रूप में देखी जाती है। हरिगोपाल मिश्रा (बबलू मिश्रा) का कहना है कि यदि जनता ने उन्हें ग्राम प्रधान चुना, तो वे गांव में विकास की गंगा बहा देंगे। उनका स्पष्ट कहना है कि गांव के शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क और रोजगार जैसे मूलभूत मुद्दों पर काम करना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
गांव के विकास के लिए हरिगोपाल मिश्रा का संकल्प
भौंरी ग्राम पंचायत लंबे समय से कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पेयजल की कमी, सड़क मार्गों की जर्जर स्थिति और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की कमी जैसे मुद्दे अब तक अनसुलझे हैं। ऐसे में हरिगोपाल मिश्रा (बबलू मिश्रा) का चुनावी मैदान में उतरना ग्रामीणों में नई उम्मीद जगा रहा है।
उन्होंने कहा, “गांव के विकास के लिए मैं हरसंभव प्रयास करूंगा। यदि जनता का आशीर्वाद मिला तो मैं भौंरी ग्राम पंचायत को एक आदर्श पंचायत के रूप में विकसित करूंगा।”
भौंरी में बढ़ी चुनावी सरगर्मी
जैसे ही हरिगोपाल मिश्रा (बबलू मिश्रा) ने प्रधान पद के लिए अपनी दावेदारी घोषित की, वैसे ही भौंरी पंचायत की राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ गई। कई अन्य प्रत्याशी जो पहले से तैयारी में थे, अब अपनी रणनीति बदलने में जुट गए हैं।
गांव के वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं में बबलू मिश्रा के समर्थन की चर्चा तेजी से फैल रही है। उनका कहना है कि उन्होंने हमेशा जनता के सुख-दुख में भागीदारी निभाई है और गांव के हर तबके के बीच सम्मानजनक स्थान बनाया है। यही कारण है कि आज उनका नाम ग्राम प्रधान पद के प्रबल दावेदार के रूप में उभर रहा है।
हरिगोपाल मिश्रा की लोकप्रियता बनी चर्चा का विषय
गांव के लोगों का मानना है कि हरिगोपाल मिश्रा (बबलू मिश्रा) की लोकप्रियता और सामाजिक योगदान उन्हें अन्य प्रत्याशियों से अलग बनाता है। वे न केवल ग्रामीण समस्याओं से भली-भांति परिचित हैं बल्कि उन्होंने कई बार जनहित के मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया है।
उनका कहना है कि भौंरी पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाएगा। महिलाओं के सशक्तिकरण, कृषि सुधार, शिक्षा विकास और स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
जनता का विश्वास ही असली ताकत
हरिगोपाल मिश्रा (बबलू मिश्रा) ने कहा कि वे भौंरी ग्राम पंचायत के हर व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना चाहते हैं। उनका कहना है कि चुनाव जीतना उद्देश्य नहीं, बल्कि जनता की सेवा ही उनका असली लक्ष्य है।
उन्होंने अपील की कि ग्रामीण जाति-धर्म से ऊपर उठकर सिर्फ विकास के नाम पर वोट करें ताकि भौंरी का भविष्य उज्जवल हो सके।
विकास की गंगा बहाने का वादा
भौंरी के युवाओं में इस समय जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। बबलू मिश्रा के समर्थक घर-घर जाकर लोगों से समर्थन की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर हरिगोपाल मिश्रा ग्राम प्रधान बने, तो भौंरी गांव में विकास की गंगा बहेगी और हर व्यक्ति को समान अवसर मिलेगा।
इस बीच गांव के अन्य उम्मीदवार भी अपनी रणनीतियां बदलने में लगे हुए हैं। लेकिन लोगों का झुकाव तेजी से बबलू मिश्रा की ओर बढ़ता दिख रहा है।
निष्कर्ष
चित्रकूट जिले की भौंरी ग्राम पंचायत में इस बार का प्रधान चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है। हरिगोपाल मिश्रा (बबलू मिश्रा) की दावेदारी ने चुनावी समीकरणों को पूरी तरह बदल दिया है। गांव के विकास के लिए उनका स्पष्ट विजन और जनता से जुड़ाव उन्हें अन्य उम्मीदवारों पर बढ़त दिला सकता है। अब देखना यह होगा कि क्या भौंरी की जनता इस बार विकास को वोट देगी?
सवाल-जवाब (FAQ)
हरिगोपाल मिश्रा (बबलू मिश्रा) कौन हैं?
हरिगोपाल मिश्रा, जिन्हें लोग बबलू मिश्रा के नाम से भी जानते हैं, चित्रकूट जिले के भौंरी ग्राम पंचायत के एक प्रमुख समाजसेवी और ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार हैं।
उन्होंने ग्राम प्रधान पद के लिए दावेदारी क्यों की?
उन्होंने कहा है कि वे गांव के विकास के लिए समर्पित हैं और जनता का आशीर्वाद पाकर भौंरी पंचायत को आदर्श ग्राम बनाना चाहते हैं।
भौंरी ग्राम पंचायत की मुख्य समस्याएं क्या हैं?
पेयजल की कमी, सड़क की दुर्दशा, युवाओं के लिए रोजगार की कमी और शिक्षा की स्थिति यहां की मुख्य समस्याएं हैं।
क्या बबलू मिश्रा का नाम प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल है?
हां, उनकी लोकप्रियता और जनता से जुड़ाव के कारण उन्हें ग्राम प्रधान पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।









