अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा, कांग्रेस और बसपा सरकारों को लूट और भ्रष्टाचार के लिए घेरा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से लेकर पौधारोपण तक गिनाईं भाजपा सरकार की उपलब्धियां। जानिए क्या कहा “बबुआ” पर?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सपा, कांग्रेस और बसपा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने पिछली सरकारों को घेरते हुए कहा कि जब इन्हें सत्ता मिली, तो इन्होंने जनहित की योजनाओं को लूट का अड्डा बना दिया। इसके विपरीत, भाजपा सरकार “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट” (ODOP) जैसी योजनाओं के माध्यम से जनकल्याण और रोजगार सृजन पर ध्यान दे रही है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: दो मॉडलों की तुलना
सीएम योगी ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उदाहरण देते हुए बताया कि सपा सरकार ने 340 किलोमीटर लंबा और 110 मीटर चौड़ा एक्सप्रेसवे 15,200 करोड़ रुपये की लागत से बनाने की योजना बनाई थी। लेकिन भाजपा सरकार ने आते ही पुराना टेंडर रद्द कर नया टेंडर जारी किया। इसके तहत 341 किलोमीटर लंबा और 120 मीटर चौड़ा एक्सप्रेसवे केवल 11,800 करोड़ रुपये में तैयार किया गया। इस उदाहरण के जरिए उन्होंने भ्रष्टाचार और पारदर्शिता के बीच का अंतर स्पष्ट किया।
“वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया” बनाम “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट”
पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “इनकी सरकारों ने राज्य को ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया’ बना दिया था। अवैध कटान, खनन, जमीनों पर कब्जा, और अराजकता का बोलबाला था।” इसके विपरीत भाजपा सरकार ने प्रत्येक जिले को एक विशिष्ट उत्पाद के माध्यम से पहचान दिलाने का कार्य किया है।
पौधारोपण में भी छल?
सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2012 से 2017 के बीच केवल 26 करोड़ पौधे लगाने का दावा किया गया, लेकिन उनके अस्तित्व का कोई प्रमाण नहीं है। वहीं, भाजपा सरकार ने बीते आठ वर्षों में 204 करोड़ से अधिक पौधे रोपने का रिकॉर्ड बनाया है। हालिया सर्वे के अनुसार, इनमें से 75% से अधिक पौधे जीवित हैं।
“एक पेड़ मां के नाम”: पर्यावरणीय क्रांति की शुरुआत
सीएम ने बताया कि “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत उत्तर प्रदेश में अब तक 32 करोड़ पौधे रोपे जा चुके हैं। यह केवल एक वृक्षारोपण कार्यक्रम नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने का एक मजबूत प्रयास है। किसानों को प्रेरित करने के लिए, यदि वे मेड़ पर पेड़ लगाते हैं और पांच वर्षों तक उसकी देखरेख करते हैं, तो उन्हें पांच डॉलर (लगभग ₹400) प्रति पेड़ प्रोत्साहन राशि दी जाती है। बीते वर्ष 25 हजार किसानों को ₹32 लाख से अधिक की राशि दी गई थी, जबकि इस बार यह आंकड़ा ₹42 लाख से पार हो जाएगा।
पर्यावरण संकट की चेतावनी
मुख्यमंत्री ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन की ओर इशारा करते हुए कहा कि अमेरिका में एक कैंप के दौरान आई बाढ़ में सैकड़ों बच्चे लापता हो गए। भारत में भी कहीं अतिवृष्टि, कहीं बिजली गिरने से मौत, तो कहीं भीषण गर्मी – सभी परिस्थितियां चिंताजनक हैं। इस बदलाव का मुकाबला पौधारोपण और हरित आवरण बढ़ाकर ही किया जा सकता है।
रामगढ़ ताल की तर्ज पर चिलुआताल का विकास
सीएम ने घोषणा की कि चिलुआताल को रामगढ़ ताल की तरह विकसित किया जाएगा, ताकि लोग परिवार सहित घूमने आ सकें। इसके अलावा अमृत सरोवर, एक्सप्रेसवे और नदियों के किनारे भी व्यापक पौधरोपण होगा।
जेपी को भी नहीं छोड़ा: सपा पर निशाना
जननायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) का नाम लेते हुए मुख्यमंत्री ने सपा पर आरोप लगाया कि उसने जेपी जैसे आदर्श नेताओं को भी बदनाम किया। उन्होंने कहा कि जेपी सेंटर के निर्माण पर महज ₹200 करोड़ खर्च होने चाहिए थे, लेकिन मार्च 2017 तक ₹860 करोड़ खर्च हो चुके थे, फिर भी काम अधूरा था। इस मामले में अब सीबीआई जांच जारी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर में दिया गया भाषण सिर्फ विपक्ष पर हमला नहीं था, बल्कि भाजपा सरकार की नीतियों की तुलना पूर्ववर्ती सरकारों की कार्यशैली से करते हुए जनता को पारदर्शिता, विकास और पर्यावरणीय जागरूकता का संदेश भी था। उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त शासन की अवधारणा को दोहराते हुए यह स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश अब नई दिशा में अग्रसर है।