Sunday, July 20, 2025
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सट्टे के सिंडिकेट ने पत्रकार को दी मौत की धमकी — अब खबरों की क़लम चलेगी या माफिया की गोली?”

मानिकपुर कस्बे में सक्रिय सट्टा माफिया ने एक पत्रकार को धमकाने और जानलेवा हमला करने की साज़िश रची है। महिलाओं को भी सट्टा में फंसाने की हो रही कोशिश। पढ़ें पूरी खबर और जानें प्रशासन की भूमिका।

राधेश्याम प्रजापति की रिपोर्ट

चित्रकूट, मानिकपुर। मानिकपुर कस्बे में सक्रिय सट्टा माफिया की दबंगई अब पत्रकारों को निशाना बनाने पर उतर आई है। हाल ही में महावीर नगर में संचालित सट्टा बाजार की खबर प्रकाशित होने के बाद सट्टा माफिया और उसके गुर्गे इस कदर बौखला गए हैं कि अब खबर छापने वाले पत्रकार को ठिकाने लगाने की साजिश रचने लगे हैं।

इसी के तहत, कस्बे के गली-मोहल्लों में खुलेआम यह कहा जा रहा है कि “बहुत बड़ा पत्रकार बनता है, अब इसे पत्रकारिता सिखाएंगे।” यह बयान सट्टा माफिया की मानसिकता और उनके बढ़ते मनोबल को उजागर करता है।

महिलाओं को बना रहे हैं शिकार

गौरतलब है कि इस सट्टा गिरोह का एक प्रमुख गुर्गा और उसकी बहन युवतियों व महिलाओं को सट्टा खेल में लिप्त करने की साजिश में शामिल हैं। धीरे-धीरे इन महिलाओं को नशे और लालच का आदी बनाकर उन्हें सट्टे के जाल में फंसाया जा रहा है, जो एक बेहद गंभीर सामाजिक संकट को जन्म दे रहा है।

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पहले भी कर चुके हैं जानलेवा हमला

यह भी उल्लेखनीय है कि यही सट्टा माफिया और उसके गुर्गे पूर्व में एक पत्रकार पर जानलेवा हमला कर चुके हैं। दुर्भाग्यवश, उस मामले में ठोस कार्यवाही न होने के कारण इनके हौसले और बुलंद हो गए हैं। अब फिर से यह गिरोह वही कहानी दोहराने की कोशिश में है — इस बार पत्रकार संजय सिंह राणा को निशाना बनाकर।

पत्रकार ने कहा: डरने वाले नहीं हैं हम

पत्रकार संजय सिंह राणा ने इस पूरे प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

 “हम सामाजिक मुद्दों और भ्रष्टाचार के खिलाफ पत्रकारिता करते हैं। जो लोग इस सच्चाई से चिढ़ते हैं, वे हमें धमका रहे हैं। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। पहले भी हमले झेले हैं, अब भी सामना करने को तैयार हैं। सट्टा माफिया और उनके गुर्गों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”

प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में

अब सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि क्या प्रशासन इस बढ़ते सट्टा साम्राज्य के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करेगा? या फिर सट्टा माफिया और उनके गुर्गे यूं ही खुलेआम महिलाओं को फंसा कर सट्टा बाजार चलाते रहेंगे?

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प्रशासन की निष्क्रियता इस पूरे मामले को और भी चिंताजनक बना रही है। यदि जल्द ही कठोर कदम न उठाए गए, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

जल्द होगा बड़ा खुलासा

सट्टा माफिया और उनके गुर्गों की काली करतूतों का पर्दाफाश अब दूर नहीं। आने वाले अंक में खुलेंगे और भी चौंकाने वाले राज़ — बने रहिए हमारे साथ।

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