थाना प्रभारी की रहस्यमयी मौत : ब्लैकमेलिंग, रिश्ता, और 25 लाख की धमकी — पुलिसकर्मी के आत्महत्या कांड के पीछे आखिर कौन?

🖊 रिपोर्ट — कमलेश कुमार चौधरी

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उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में शनिवार की देर शाम हुई एक सनसनीखेज घटना ने पूरे प्रदेश में पुलिस विभाग के अंदरूनी रहस्यों और रिश्तों के अंधेरे चेहरे को उजागर कर दिया है। थाना प्रभारी अरुण कुमार राय ने सरकारी आवास में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली — लेकिन यह कथित आत्महत्या अब एक बेहद उलझे हुए क्राइम थ्रिलर का रूप ले चुकी है। क्योंकि जिस कमरे में मौत हुई, उसी कमरे में एक महिला कांस्टेबल मौजूद थी, और गोली चलने के कुछ सेकंड बाद वही महिला सीसीटीवी कैमरे में कमरे से बाहर निकलती हुई स्पष्ट दिखाई दी।

घटना का वीडियो सामने आते ही सवाल उठने लगे — क्या यह आत्महत्या थी, या मजबूरी में उठाया गया आखिरी कदम? आखिरकार कारण क्या था, और मौत के पीछे कौन है?

पहले पुलिस आत्महत्या के कोण से जांच कर रही थी, लेकिन थाना प्रभारी की पत्नी की तहरीर के बाद कहानी पूरी तरह पलट गई। महिला कांस्टेबल मीनाक्षी शर्मा को अब हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है, और उसके खिलाफ धारा 103 (हत्या) के तहत गंभीर मामला दर्ज किया गया है।

 

🔻 रिश्ते के नाम पर ब्लैकमेलिंग? — आरोपों की जड़ तक जाती जांच

जांच में सामने आया कि मीनाक्षी फरवरी में शादी करने वाली थी। आरोप है कि वह अपनी शादी का पूरा खर्च थाना प्रभारी अरुण पर डालना चाहती थी। तीन लाख रुपए का सोने का हार भी कथित रूप से अरुण द्वारा दिलाए जाने का दावा उभरकर सामने आया है।

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सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि वह तीन-तीन महंगे एप्पल फोन का उपयोग करती थी, जिसकी लाइफस्टाइल एक सामान्य पुलिस कांस्टेबल की आय के हिसाब से बेहद असामान्य मानी जा रही है। मृतक की पत्नी ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि मीनाक्षी लगातार पैसे और महंगे गिफ्ट की मांग कर अरुण को मानसिक दबाव में रखती थी।

इसी तनाव के चलते थाना प्रभारी अरुण डिप्रेशन में चले गए थे, और जिस रात उन्होंने गोली चलाई, उससे पहले फोन कॉल, चैट और व्हाट्सऐप मैसेज में भारी विवाद के संकेत मिले हैं।

 

🔻 25 लाख की ब्लैकमेलिंग — और पहले भी एक सिपाही को जेल!

इस केस में एक और चौंकाने वाला मोड़ आया है। पता चला कि मीनाक्षी पर 25 लाख रुपए ब्लैकमेलिंग का आरोप पहले भी लगा था। 2022 में इसी कांस्टेबल ने एक अन्य पुलिसकर्मी को रेप केस में जेल भेजवाया था। अब वह सिपाही सामने आया है और उसने पुलिस जांच टीम को बताया कि जिस तरह का दबाव और व्यवहार उसने झेला था, वही तरीका अब थाना प्रभारी पर अपनाया गया था।

यानी मामला सिर्फ एक प्रेम–सम्बंध का नहीं, बल्कि धन उगाही और ब्लैकमेलिंग के जाल जैसा नजर आ रहा है। पुलिस को शक है कि महिला कांस्टेबल ने बीते दो वर्षों में कई लोगों को इसी तरह निशाना बनाया हो सकता है — इसलिए जांच का दायरा और बड़ा किया जा रहा है।

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🔻 आखिरी रात की कहानी — कमरे में क्या हुआ?

शुक्रवार की रात महिला कांस्टेबल मीनाक्षी ड्यूटी समाप्त होने के बाद भी थाना प्रभारी के आवास पर काफी देर तक मौजूद रही।

फिर शनिवार की रात CCTV फुटेज में दिखा कि दोनों कमरे के अंदर हैं। कुछ ही मिनट बाद तेज धमाके जैसी आवाज आती है। लगभग 32 सेकंड बाद मीनाक्षी तेजी से कमरे से बाहर आती है और इमारत की दूसरी दिशा में चली जाती है।

फोरेंसिक जांच में जिस पिस्टल से गोली चली वह वही थी जो सरकारी आवंटित थी, लेकिन हैंडल पर महिला कांस्टेबल के फिंगरप्रिंट भी पाए जाने</strong की चर्चा जांच से जुड़े सूत्रों द्वारा की जा रही है — हालांकि इसे आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया है।

इसके अलावा —

  • SF / पट्टी-112 यूनिट की रिकार्डिंग
  • मोबाइल कॉल और चैट बैकअप
  • सीसीटीवी टाइमलाइन

तीनों के मिलान से ऐसा संकेत मिल रहा है कि मृत्यु के क्षण तक महिला कांस्टेबल का थाना प्रभारी पर दबाव जारी था

 

🔻 पत्नी की तहरीर ने केस का पूरा रुख बदल दिया

मृतक की पत्नी ने पुलिस को दिए पत्र में लिखा —

“मेरे पति अपनी जान नहीं ले सकते थे। मीनाक्षी उन्हें ब्लैकमेल कर रही थी, पैसे मांग रही थी और मानसिक शोषण कर रही थी। जिस समय मेरे पति की मौत हुई, उसी समय वह कमरे में थी। वही असली वजह है।”

इस तहरीर के आधार पर ही FIA दर्ज हुई और आत्महत्या से हत्या के आरोप की दिशा में केस बदल गया

 

🔻 पुलिस विभाग पर सवाल — सुरक्षा करने वाली ही खतरा?

इस घटना ने पूरे राज्य में पुलिस विभाग के अंदर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बदनामी का डर, रिश्ता–तनाव, ब्लैकमेलिंग और मानसिक शोषण का परिणाम इतना भयावह हो सकता है, यह किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

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जबकि सच यह है कि एक ईमानदार थानेदार जिसने अपराध से लड़ते हुए अपना जीवन बिताया, अंत में खुद अपराध का शिकार बन गया।

यह केस अब सिर्फ प्रेम–विवाद या आत्महत्या की जांच नहीं, बल्कि पुलिस विभाग में गहरी पैठे शोषण और ब्लैकमेलिंग रैकेट पर सवाल</strong भी है।

 


 

🔻 सवाल–जवाब (क्लिक करें और जवाब देखें)

थाना प्रभारी की मौत को आत्महत्या क्यों माना गया?

कमरे के अंदर गोली चलने के कारण शुरुआत में इसे आत्महत्या कहा गया, लेकिन CCTV, मोबाइल चैट और पत्नी की तहरीर के बाद अब हत्या / मजबूरी में आत्महत्या की जांच की जा रही है।

महिला कांस्टेबल मीनाक्षी पर कौन-कौन से आरोप हैं?

25 लाख की ब्लैकमेलिंग, महंगे सामान की जबरन मांग, मानसिक उत्पीड़न, और घटना के समय कमरे में मौजूदगी — ये मुख्य आरोप हैं।

2022 के पुराने केस का इस घटना से क्या संबंध है?

2022 में भी मीनाक्षी ने एक पुलिसकर्मी को रेप केस में जेल भेजा था। अब वह सिपाही सामने आकर कह रहा है कि उसे भी ब्लैकमेलिंग के जरिए फंसाया गया था।

क्या यह केस अब हत्या में बदल चुका है?

पुलिस ने महिला कांस्टेबल के खिलाफ धारा 103 (हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसलिए अब यह केस हत्या और ब्लैकमेलिंग के एंगल से आगे बढ़ रहा है।

 


 

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