बागपत। शहर के मोहल्ला मुगलपुरा में सोमवार की शाम एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में लगी भीषण आग ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया। करीब आधे घंटे तक लगातार तेज धमाकों से पूरा मोहल्ला कांपता रहा और लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों से बच्चों व महिलाओं को लेकर बाहर भागते दिखाई दिए। महज़ कुछ मिनटों में दो मकान लपटों में घिर गए और देखते ही देखते फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तथा अन्य सामान जलकर राख हो गया।
मोहल्ला मुगलपुरा निवासी हनीफ और सोनू के घरों में लंबे समय से अवैध रूप से पटाखे बनाए और स्टॉक किए जा रहे थे। घटना के वक्त भी अंदर पटाखा निर्माण का कार्य चल रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शाम करीब चार बजे पहले मकान में शॉर्ट सर्किट हुआ और चिंगारी गिरते ही पटाखों ने आग पकड़ ली। थोड़ी ही देर में तेज धमाकों की आवाजें गूंजने लगीं, जिससे पूरा इलाका सहम गया।
पटाखों की चिंगारी उड़कर आस-पास रखे विस्फोटक पदार्थों तक पहुँची और फिर आग दूसरे मकान में भी फैल गई। देखते ही देखते दोनों मकानों में विशाल लपटें उठने लगीं। उस समय वहां मौजूद पटाखा बनाने वाले लोग मौके से भाग खड़े हुए, जबकि पड़ोसी स्थिति समझ पाते उससे पहले धमाकों की तीव्रता और बढ़ गई।
घटना स्थल पर अफरा–तफरी इस कदर थी कि लोगों ने बिना slippers पहने, रोते बच्चों को गोद में उठाया और बुजुर्गों का हाथ थाम कर सड़कों पर आना पड़ा। दूसरी ओर कई पड़ोसियों ने अपनी छतों से पानी डालकर आग को काबू करने की कोशिश की, लेकिन तेज धमाकों के चलते कोई भी ज्यादा देर तक आगे नहीं रह सका।
आग बुझाने के प्रयास में पड़ोस के युवक वसीम, फिरोज, तालिब और महिला शोएबा गंभीर रूप से झुलस गए। सभी घायलों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
अग्निशमन की गाड़ियां सड़क पर चक्कर लगाती रहीं, लेकिन अंदर नहीं जा सकीं
सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग की कई गाड़ियां इलाके में पहुंचीं, लेकिन मोहल्ला मुगलपुरा की तंग गलियों की वजह से बड़ी गाड़ियां घटना स्थल तक नहीं जा पाईं। जब तक छोटी अग्निशमन गाड़ी अंदर पहुंचाई गई, तब तक पटाखों के धमाके रुक चुके थे और पड़ोसियों ने सबमर्सिबल मोटर के पानी से आग पर काबू पा लिया था।
लोगों का कहना है कि अगर अग्निशमन की गाड़ियां समय पर अंदर पहुंच पातीं तो नुकसान कुछ हद तक कम हो सकता था। मोहल्ले की तंग गलियों और घनी आबादी ने राहत कार्यों में बड़ी बाधा पैदा की।
एसपी सूरज कुमार राय ने क्या कहा?
घटना के बाद मौके पर पहुंचे एसपी सूरज कुमार राय ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में पुष्टि हुई है कि मकानों में पहले से ही बड़ी मात्रा में पटाखे और विस्फोटक सामग्री रखी हुई थी। शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आई है।
“आग लगने के कारण और जिम्मेदार लोगों की भूमिका की विस्तृत जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।” — एसपी सूरज कुमार राय
अवैध पटाखा निर्माण बड़ा खतरा: प्रशासन के लिए चेतावनी
विशेषज्ञों के अनुसार घनी आबादी में अवैध विस्फोटक निर्माण किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकता है। यह न सिर्फ कानून के खिलाफ है बल्कि एलपीजी सिलेंडर, बिजली के तार और घरों में मौजूद ज्वलनशील सामानों के कारण विस्फोट की तीव्रता कई गुना बढ़ सकती है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इलाके में खुली जांच की जाए ताकि आगे ऐसा हादसा न हो। कई निवासियों ने आरोप लगाया कि अवैध पटाखा निर्माण की जानकारी क्षेत्रीय अधिकारियों को पहले से थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है — कानून के रहते अवैध फैक्ट्रियां पनप कैसे जाती हैं? जवाब चाहे जो भी हो, लेकिन इस हादसे ने दर्जनों परिवारों को जीवनभर के सदमे में डाल दिया है।
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1. आग कैसे लगी?
प्रथम जांच में सामने आया है कि शॉर्ट सर्किट से विस्फोटक सामान में आग लगी, जिससे लगातार धमाके होते रहे।
2. क्या पटाखे अवैध रूप से बनाए जा रहे थे?
हाँ, दोनों मकानों में बिना अनुमति के पटाखों का निर्माण और स्टॉक किया जा रहा था। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
3. कितने लोग घायल हुए?
आग बुझाने के दौरान पड़ोस के चार लोग — वसीम, फिरोज, तालिब और शोएबा झुलस गए।
4. आग पर काबू कैसे पाया गया?
पटाखों के धमाके रुकने के बाद पड़ोसियों ने सबमर्सिबल मोटर के पानी से आग पर काबू पाया।
5. क्या प्रशासन ने कोई बयान दिया?
एसपी सूरज कुमार राय ने कहा कि जांच जारी है और तथ्य मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।






