आगरा में अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट: ISIS-Lashkar से जुड़े तार, लड़कियों को जबरन धर्म परिवर्तन की भयंकर साजिश

<!doctype html>

 

आगरा में पकड़ा गया अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट

Red and Blue Geometric Patterns Medical Facebook Post_20251110_094656_0000
previous arrow
next arrow

ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में एक सनसनीखेज अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ है। स्थानीय पुलिस व एटीएस की जांच में सामने आया है कि यह धर्मांतरण सिंडिकेट सिर्फ स्थानीय गिरोह नहीं बल्कि ISIS और लश्कर-ए-तैयबा जैसे कट्टरपंथी नेटवर्क से जुड़े अंतरराष्ट्रीय तारों से संचालित था। घटना की शुरुआत दो बहनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट से हुई, जिसने जल्दी ही इस धर्मांतरण सिंडिकेट की जटिलता और विदेशी फंडिंग को उजागर कर दिया।

मामला कैसे उभरा — प्रारंभिक धारा

24 मार्च 2025 को आगरा के सदर बाजार थाने में दर्ज की गई रिपोर्ट ने इस अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट की परतें खोलीं। परिवार के हवाले से पता चला कि बड़ी बेटी चार साल पहले अचानक गायब होकर कश्मीर चली गई थी, जहाँ उसकी मुलाकात एक ‘सायमा’ नामक महिला से हुई और उसी दौरान वह इस धर्मांतरण सिंडिकेट के प्रभाव में आ गई थी।

इसे भी पढें  रिश्ते का कतिल : बेटे के थे शौक नवाबी बाप चला था करने 5 वीं शादी, फिर जो हुआ वो किसी को भनक नहीं था

पहली बार परिवार ने समय रहते उसे वापस ला लिया था, पर चार साल बाद वही लड़की फिर गायब हुई और इस बार अपनी 19 साल की छोटी बहन को भी लेकर चली गयी — तब जाकर पुलिस व एटीएस ने संयुक्त कार्रवाई शुरू की और इस धर्मांतरण सिंडिकेट के नेटवर्क को ट्रेस करना शुरू किया।

कश्मीरी वापसी के बाद हुआ व्यवहारिक बदलाव

कश्मीर से लौटने के बाद लड़के/लड़की के व्यवहार में तेज बदलाव देखे गए — पारिवारिक आस्था और नवरात्रि व्रत जैसे धर्मिक अभ्यास अचानक छूट गए। परिजनों ने बताया कि वापसी के बाद लड़की ने हिजाब पहनना शुरू कर दिया और मंदिर पूजा को ‘बुतपरस्ती’ बताते हुए भगवान गणेश को अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया; यह बदलाव परिवार के लिए चिंता का बड़ा कारण था और इन्हीं परिस्थितियों में यह अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट और अधिक संदिग्ध दिखाई देने लगा।

परिवारों ने चौकसी बढ़ाई, बाहर निकलने पर रोक लगा दी, पर 24 मार्च को दोनों बहनें अलग-अलग तरीके से गायब पायी गयीं, जिसके बाद विस्तृत डिजिटल व फिजिकल जांच के माध्यम से यह धर्मांतरण सिंडिकेट उजागर हुआ।

गिरफ्तारी और सिंडिकेट का खुलासा

पुलिस और एटीएस की संयुक्त पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि यह धर्मांतरण सिंडिकेट कई राज्यों में सक्रिय था और इसके संचालन के लिए विदेशी धनराशि का उपयोग किया जा रहा था। बहनों को कोलकाता से बरामद किया गया और पूछताछ में नेटवर्क के कई अन्य पहलू सामने आये।

  • फंडिंग: जांच में पाया गया कि यह धर्मांतरण सिंडिकेट यूएई, कनाडा, लंदन और अमेरिका से करोड़ों की विदेशी फंडिंग लेकर कई लेयरों से धन भेजता था ताकि ट्रेस मुश्किल हो जाये।
  • मुख्य आरोपी: गोवा की आयशा (SB कृष्णा) इस फंड मैनेजमेंट में संलिप्त थी, शेखर राय (Hassan Ali) फर्जी दस्तावेज तैयार करता था, और मनोज (मुस्तफा) मोबाइल व सिम उपलब्ध कराकर लड़कियों को स्थानांतरित करता था — सभी मिलकर इस धर्मांतरण सिंडिकेट को संचालित कर रहे थे।
  • ऑनलाइन रिक्रूटमेंट: सिंडिकेट ने ऑनलाइन गेम्स, डार्क वेब और एन्क्रिप्टेड चैट का प्रयोग कर युवतियों को प्रभावित किया; यह रणनीति इस धर्मांतरण सिंडिकेट को छुपकर काम करने में मददगार थी।
  • प्रोपेगेंडा: सोशल मीडिया चैनलों पर हिंदू पूजा को ‘हराम’ बताने जैसे प्रोपेगेंडा द्वारा यह धर्मांतरण सिंडिकेट ब्रेनवॉश की रणनीति अपनाता था।
इसे भी पढें  बौराया मौसम : मॉनसून की वापसी के बीच बारिश, धूप और ठंड का अजब संगम

पुलिस की कार्रवाई — ऑपरेशन अस्मिता

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ ‘ऑपरेशन अस्मिता’ चला कर आगरा, गोवा, दिल्ली, कोलकाता व अन्य जगहों पर छापे मारे। डिजिटल फॉरेंसिक, सिम-कार्ड रिकवरी और वित्तीय ट्रांजैक्शन ट्रेसिंग के जरिये इस धर्मांतरण सिंडिकेट के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है और अब तक 14 आरोपियों के नाम सार्वजनिक किये गए हैं।

जाँच के दौरान पुलिस ने दावा किया कि पाकिस्तान और अन्य अंतरराष्ट्रीय हैंडलर्स ने इस धर्मांतरण सिंडिकेट के संचालन में भूमिका निभाई, जिससे मामला राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला बन गया है।

सामाजिक एवं धार्मिक असर

इस खुलासे से सामाजिक ताने-बाने पर असर पड़ा है — हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर तनाव बढ़ा, परिवारों में भय और संदेह ने जगह ली, तथा महिलाओं की धार्मिक आज़ादी और सुरक्षा पर चिंताएँ उठीं। इन सभी परिस्तिथियों ने इस अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट की संवेदनशीलता और गंभीरता को और अधिक बढ़ा दिया है।

निष्कर्षतः आगरा में पकड़े गए इस अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट ने स्पष्ट कर दिया कि धार्मिक कट्टरता व ऑनलाइन प्रोपेगेंडा का मेल कैसे देश-विरोधी और समाज-विहीन संदेशों को तेज कर सकता है। जांच जारी है और सरकार व सुरक्षा एजेंसियाँ इस तरह के धर्मांतरण सिंडिकेट को समाप्त करने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं।

इसे भी पढें  रहस्यमयी ‘हिजड़ों की मस्जिद’:अकबर के दौर की वो दास्तां, जब एक शाही हिजड़े की दुआ से बरसी थी मूसलाधार बारिश

यदि आप चाहें तो यह HTML वर्डप्रेस पर लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है — मैं इसे WordPress-friendly रूप में (SEO टैग्स, Schema/JSON-LD, टैग-कटेगरी सुझाव) भी तैयार कर दूँ।

Samachar Darpan 24 का लोगो, हिंदी में लिखा है 'सच्ची खबरों का सबसे बड़ा सफर', नीचे वेबसाइट का नाम और दोनों ओर दो व्यक्तियों की फोटो।
समाचार दर्पण 24: सच्ची खबरों का सबसे बड़ा सफर

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Language »
Scroll to Top