

उन्नाव में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में दो दिवसीय नवाचार महोत्सव: प्रदीप वर्मा के नवाचारी मॉडल ने बनाई अलग पहचान
रिपोर्टः ठाकुर बख्श सिंह
नया दृष्टिकोण : नवाचार महोत्सव का उद्देश्य और आयोजन
उन्नाव, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ने नवाचार महोत्सव का सफल आयोजन दो दिवसीय कार्यक्रम के रूप में किया। इस नवाचार महोत्सव में जनपद के सभी विकासखंडों से चयनित पाँच-पाँच शिक्षकों के अतिरिक्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक भी भागीदार बने। ये शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, तकनीकी उपकरणों के प्रयोग और विद्यार्थियों की उपस्थिति एवं ठहराव बढ़ाने के उपाय लेकर आए।
उद्घाटन समारोह में डायट की प्राचार्या विभा मिश्र उपस्थित रहीं, जिन्होंने इस महोत्सव के महत्व व शिक्षा में नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया। यह नवाचार महोत्सव, शिक्षा में नवाचार, शिक्षण विधियों, मॉडल प्रस्तुतियों एवं प्रशिक्षकों की रचनात्मकता को एक मंच मुहैया कराने का अवसर था। शिक्षा में नवाचार तभी सार्थक है जब वह शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों के लिए प्रेरणा बने। इस महोत्सव ने यही भूमिका निभाई।
शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत प्रमुख नवाचारी मॉडल और तकनीकी विधियाँ
गणित व विज्ञान में क्रियात्मक शिक्षा
हसनगंज विकासखंड से आए शिक्षक पियुष सिंह एवं शैलेन्द्र कुमार ने गणित विषय पर आधारित संरचनात्मक मॉडल एवं अनुप्रयोगात्मक शिक्षण विधियाँ प्रस्तुत कीं, जिससे गणित की अवधारणाएँ विद्यार्थियों को सहज और रोचक तरीके से समझ में आईं।
बांगरमऊ से शशांक सिंह एवं पियुष अवस्थी ने जियो-जेब्रा सॉफ्टवेयर और गति एवं बल के सिद्धांतों को सजीव मॉडल्स के माध्यम से प्रदर्शित कर शिक्षा में नवाचार का भाव जगाया।
प्रदीप वर्मा का प्रेरक नवाचार
औरास विकासखंड के सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार वर्मा अपने नवाचारी प्रयोगों के माध्यम से समूचे महोत्सव में आकर्षण का केंद्र बन गए। उनके नवाचार मॉडल में शामिल थे:
- विद्यार्थियों की उपस्थिति, नामांकन एवं ठहराव दर में सुधार के लिए सुझाए गए उपाय।
- कक्षाओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का व्यावहारिक प्रयोग।
- ग्रीन एंड क्लीन यूपी अभियान के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की पहल।
- नशामुक्ति आंदोलन के ज़रिए ग्रामीण समाज में जागरूकता का प्रसार।
- बालिका शिक्षा व महिला सशक्तिकरण को जोड़ने वाली योजनाएँ, जिनसे विद्यालय और समुदाय के बीच संवाद एवं सहयोग की नई दिशा बनी।
इन नवाचारी क्रियाओं और मॉडल्स की उपयोगिता को डायट प्राचार्या व वरिष्ठ प्रवक्ताओं ने विशेष रूप से सराहा और उन्हें अनुकरणीय बताया।

शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी एवं प्रस्तुतियाँ
इस नवाचार महोत्सव में अनेक शिक्षकों ने अपनी प्रस्तुति एवं नवाचारों से कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित की। मनोज कुमार, निशांत वर्मा, अंजू सिंह, मनमोहन, वंदना दीक्षित, अर्पिता त्रिपाठी, मीनाक्षी आदि ने अपने-अपने विषयों में नवाचारी तत्वों को शामिल करते हुए मॉडल और शिक्षण-कामकाज प्रस्तुत किया।
माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक भी नई तकनीक, मॉडल और व्यवहारिक विधियों के माध्यम से छात्रों की सीखने की प्रक्रिया में सुधार लाते हुए दिखाई दिए। सभी शिक्षकों ने एक साझा उद्देश्य की पूर्ति की — शिक्षा में नवाचार, गुणवत्ता में सुधार, छात्रों की उपस्थिति एवं रहन-सहन दर में वृद्धि, और सामाजिक जागरूकता।
महोत्सव का समापन व समेकित संदेश
समापन सत्र में संयोजक दल ने सम्यक् तरीके से कार्यक्रम का संचालन किया। डाइट प्राचार्या ने समापन संबोधन में कहा:
“शिक्षक जब नवाचार करता है, तो शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, समाज का परिवर्तन बन जाती है।”
इस विचार ने महोत्सव की सार्थकता को परिभाषित किया — कि नवाचार शिक्षा को सिर्फ शैक्षणिक प्रक्रिया नहीं बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया बनाता है।
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निष्कर्ष: नवाचार महोत्सव ने क्या सिखाया?
- नवाचार महोत्सव ने यह दिखाया कि यदि शिक्षकों को मंच मिले, तो वे शिक्षा में गुणवत्ता, क्रियात्मकता और तकनीकी नवाचार ला सकते हैं।
- प्रदीप वर्मा जैसे शिक्षक प्रेरणा का स्रोत हैं, जिनके प्रयोगों से न केवल छात्रों को लाभ मिलता है बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन भी संभव है।
- ऐसे कार्यक्रमों से विद्यार्थियों की उपस्थिति और ठहराव दर में सुधार आता है, क्योंकि शिक्षा व्यवहारिक और रुचिपूर्ण बनती है।
- महिला सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और नशामुक्ति आंदोलन जैसे सामाजिक आयाम शिक्षा में समाहित होते जा रहे हैं।
— ✍️ रिपोर्ट : ठाकुर बख्श सिंह