
देवमाली गांव: राजस्थान का आदर्श पर्यटन गांव
हंसराज तंवर की खास रिपोर्ट✍️
राजस्थान के अजमेर जिले के मसूदा उपखंड स्थित देवमाली गांव ने भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का खिताब जीतकर न केवल राज्य बल्कि देशभर में अपनी पहचान बनाई है। यह गांव अपनी अनूठी सांस्कृतिक धरोहर, पर्यावरणीय जागरूकता और आध्यात्मिक आस्थाओं के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में हम देवमाली गांव के इतिहास, वर्तमान स्थिति और सरकार की ओर से किए गए विकास प्रयासों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
देवमाली गांव का इतिहास
देवमाली गांव की स्थापना लगभग 1100 वर्ष पूर्व हुई थी। यह गांव भगवान देवनारायण की पूजा-अर्चना करने वाले गुर्जर समुदाय का प्रमुख केंद्र है। देवमाली का नाम भी भगवान देवनारायण के नाम पर पड़ा है। गांव के लोग मानते हैं कि भगवान देवनारायण ने यहां निवास करने की इच्छा व्यक्त की थी, जिसके बाद उन्होंने वचन लिया कि वे स्वयं कच्चे मकानों में रहेंगे, जबकि भगवान के लिए पक्के मकान बनाएंगे। इस वचन के कारण आज भी देवमाली में एक भी पक्का मकान नहीं है।
देवमाली की वर्तमान स्थिति
पारंपरिक वास्तुकला और पर्यावरणीय जागरूकता
गांव में सभी घर मिट्टी और घास से बने हैं, जो पारंपरिक ग्रामीण जीवनशैली को दर्शाते हैं। ऐसा विश्वास किया जाता है कि भगवान देवनारायण ने वचन लिया था कि वे स्वयं कच्चे मकानों में रहेंगे, जबकि भगवान के लिए पक्के मकान बनाएंगे। इसलिए, गांव में एक भी पक्का मकान नहीं है। गांव में प्लास्टिक का प्रयोग न्यूनतम है। प्राकृतिक नालियों और पारंपरिक जल संग्रह प्रणाली का उपयोग करके पानी और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
सामाजिक संरचना और जीवनशैली
यहां के लोग शाकाहारी हैं और मांसाहार, शराब का सेवन नहीं करते। नीम की लकड़ी जलाने और केरोसिन के उपयोग पर भी प्रतिबंध है। गांव में अपराध दर शून्य है और लोग एक-दूसरे पर पूर्ण विश्वास करते हैं।
आध्यात्मिक आस्था और सांस्कृतिक जीवन
गांव में भगवान देवनारायण का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। यहां के लोग पारंपरिक त्योहारों को बड़े धूमधाम से मनाते हैं, जिसमें लोक संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।
शिक्षा और कौशल विकास
गांव में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय हैं। ये संस्थान पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक विज्ञान और कंप्यूटर शिक्षा पर भी ध्यान देते हैं। युवाओं के लिए सिलाई, हस्तशिल्प, पर्यटन मार्गदर्शन और कृषि आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
पर्यटन और आर्थिक स्थिति
देवमाली गांव पर्यटकों के लिए कई आकर्षण प्रस्तुत करता है। देवनारायण मंदिर गांव का प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां श्रद्धालु आस्था व्यक्त करने आते हैं। अरावली पहाड़ियों से घिरा यह गांव प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, जो ट्रैकिंग और फोटोग्राफी के शौकिनों के लिए आदर्श स्थल है। यहां के पारंपरिक घर, लोक कला और हस्तशिल्प पर्यटकों को राजस्थान की ग्रामीण संस्कृति से परिचित कराते हैं।
पर्यटन से स्थानीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि हुई है। युवा ग्रामीण गाइड, होटल और छोटे व्यवसायों के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाएँ
गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और मोबाइल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। हर घर में शौचालय और साफ पानी की सुविधा है। हाल ही में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सुविधा बढ़ाई गई है। सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से गांव में बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
सरकार की ओर से विकास प्रयास
देवमाली गांव की विशिष्टता को देखते हुए सरकार ने इसके विकास के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने देवमाली को ‘भारत का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव’ घोषित किया है। यह पुरस्कार 27 नवंबर 2024 को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया गया।
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने देवमाली गांव का दौरा किया और वहां एक रोपवे और बीकानेर से मसूदा तक चार-लेन सड़क निर्माण की घोषणा की। इससे गांव में आने-जाने की सुविधा में वृद्धि होगी। गांव में मोबाइल नेटवर्क की कमी को देखते हुए, सरकार ने संचार सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए निर्देश दिए हैं।
निष्कर्ष
देवमाली गांव न केवल अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह ग्रामीण पर्यटन के एक आदर्श उदाहरण के रूप में उभर कर सामने आया है।
सरकार की ओर से किए गए विकास प्रयासों से इस गांव की पहचान और भी मजबूत हुई है। यदि आप राजस्थान की वास्तविक ग्रामीण संस्कृति और जीवनशैली का अनुभव करना चाहते हैं, तो देवमाली गांव एक अवश्य देखने योग्य स्थल है।

प्राकृतिक सुरम्य वातावरण में बसा देवमाली गांव अपने अनोखे संस्कृति के लिए पुरी दुनिया में जाना जाने लगा है।