चित्रकूट के कर्वी कोतवाली क्षेत्र में शराब पार्टी के दौरान एक हिस्ट्रीशीटर की गोली लगने से मौत। पुलिस ने पांच युवकों को हिरासत में लिया, एक आरोपी फरार। जांच में जुटी पुलिस।
राधेश्याम प्रजापति की रिपोर्ट
चित्रकूट जनपद एक बार फिर सनसनीखेज वारदात का गवाह बना है। कर्वी कोतवाली क्षेत्र के बनकट पावर हाउस के पास शनिवार की रात एक शराब पार्टी के दौरान गोली चलने से 24 वर्षीय हिस्ट्रीशीटर पारस वर्मा की मौत हो गई। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है।
🔹 पुराने आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता था मृतक
मृतक पारस वर्मा, जो पूर्व प्रधान प्रेमशंकर वर्मा का पुत्र था, हत्या के प्रयास सहित कुल सात आपराधिक मुकदमों में नामजद रह चुका था। जानकारी के अनुसार, उसे एक मामले में सात साल की सजा हो चुकी थी और दो महीने पहले ही वह जमानत पर जेल से बाहर आया था।
🔹 पार्टी के दौरान चला तमंचा, मौत बनी रहस्य
घटना की रात पारस अपने छह दोस्तों—करन, सुभाष यादव, ओम, अनुराग, पुत्तन और मैकू के साथ गोशाला के पास तालाब किनारे शराब पी रहा था। पुलिस की शुरुआती जांच में करन ने बताया कि शराब के नशे के बाद सभी ने गांजा भी पीया और उसी दौरान मैकू अपने पास रखे तमंचे को बार-बार लोड कर रहा था। जब दोस्तों ने उसे मना किया, वह किनारे जाकर फोन पर बात करने लगा। तभी एकाएक गोली चलने की आवाज आई और देखा गया कि पारस खून से लथपथ ज़मीन पर पड़ा है।
🔹 अस्पताल पहुंचते ही तोड़ा दम
घायल पारस को तत्काल निजी क्लीनिक ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर ने इलाज से इनकार कर दिया। इसके बाद जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही अन्य दोस्त एक-एक कर मौके से फरार हो गए।
🔹 पांच हिरासत में, एक अब भी फरार
सूचना मिलते ही एसपी अरुण कुमार सिंह, एएसपी सत्यपाल सिंह, सीओ राजकमल और कोतवाली प्रभारी उपेंद्र प्रताप सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। करन को मौके से हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। अब तक कुल छह में से पांच दोस्तों को हिरासत में ले लिया गया है, जबकि मैकू तमंचे समेत फरार है।
🔹 पुलिस जुटी जांच में, परिवार की चुप्पी बनी चिंता
सीओ राजकमल ने पुष्टि की कि पारस पर कुल सात आपराधिक मामले दर्ज थे। वहीं, एसपी अरुण कुमार सिंह का कहना है कि गोली खुद चली या किसी ने मारी—इसकी सघन जांच जारी है। फॉरेंसिक, सर्विलांस और फील्ड यूनिट की टीमें मौके पर तैनात कर दी गई हैं। अब तक मृतक के परिवार ने पुलिस को कोई लिखित तहरीर नहीं सौंपी है, जिससे जांच में कठिनाई आ रही है।
चित्रकूट में हुई यह घटना न सिर्फ एक अपराधी जीवन के अंत की कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अपराध का जाल कैसे व्यक्ति को अंततः विनाश की ओर ले जाता है। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह दुर्घटनावश हुआ गोलीकांड था या रची गई साजिश?
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