गोंडा में RDSS योजना से 12 गांवों को बिजली की बड़ी सौगात, हजारों उपभोक्ताओं को मिलेगा नियमित कनेक्शन

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
IMG_COM_202512190117579550
previous arrow
next arrow

गोंडा जनपद के कर्नलगंज क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए बिजली आपूर्ति के मोर्चे पर राहत भरी खबर आई है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, लखनऊ के निदेशक तकनीकी ई. हरीश तिवारी ने भारत सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) के तहत ‘LOH’ यानी सीमांत योजना में छूटे हुए घरों को गुणवत्ता युक्त और नियमित बिजली आपूर्ति से जोड़ने की शुरुआत की है। इस कदम से कर्नलगंज क्षेत्र के लगभग दर्जनभर से अधिक गांवों में बैठे हजारों उपभोक्ताओं की वर्षों पुरानी मांग पूरी होती दिखाई दे रही है।

निर्देशक तकनीकी के दौरे के दौरान भंभुवा विद्युत उपकेंद्र से जुड़े ओवरलोड फीडरों के पुनर्संरचनात्मक कार्य, नई एचटी/33/11 केवी लाइन निर्माण और परिवर्तित विद्युत उपकेंद्रों की स्थापना का निरीक्षण किया गया। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर क्षेत्र में पुराने, जर्जर और ओवरलोड नेटवर्क की जगह अधिक सक्षम और सुरक्षित ढांचा उपलब्ध होगा, जिससे खास तौर पर ग्रामीण और सीमांत उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा।

LOH योजना के तहत छूटे हुए घरों तक भी पहुंचेगा उजाला

वर्षों से ‘LOH’ सूची में दर्ज ऐसे घर, जिन्हें तकनीकी वजहों से अब तक बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाया था, अब RDSS योजना के माध्यम से मुख्य ग्रिड से जोड़े जा रहे हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार कर्नलगंज क्षेत्र के 12 से 14 गांवों के हजारों लाभार्थी परिवारों को नए सिरे से कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं। इन गांवों के करीब प्रति उपभोक्ता 37 हजार रुपए का खर्च किया गया है।

अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड कर्नलगंज ने बताया कि LOH के अंतर्गत चिन्हित घरों को अब मीटरयुक्त कनेक्शन दिए जा रहे हैं। पहले जहाँ केबल क्षमता, दूरी या ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड होने के कारण कनेक्शन रोके जाते थे, वहीं अब नई लाइनों और ट्रांसफॉर्मरों की स्थापना के बाद उपभोक्ताओं को बिना तकनीकी बाधा के बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।

इसे भी पढें  बाढ़ की विभीषिका ; 30 लाख एकड़ कृषि भूमि में उपज रहे धान, सोयाबीन और दलहन जैसी मुख्य फसलें जलमग्न

महिलाओं ने जताया आभार, बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा पर पड़ेगा सकारात्मक असर

कई गांवों में पहली बार नियमित बिजली की उम्मीद जगी है। लाभार्थी महिलाओं ने बताया कि अब तक वे अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर थीं, रात में मिट्टी के तेल के दीयों या टॉर्च के सहारे काम चलाना पड़ता था। इससे न केवल बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती थी, बल्कि घरेलू सुरक्षा, पशुओं की देखभाल और रसोई की दिक्कतें भी हमेशा बनी रहती थीं।

स्थानीय महिलाओं ने अधिकारियों के सामने कहा कि सरकार और बिजली विभाग की इस पहल से उनके बच्चों की पढ़ाई, मोबाइल और डिजिटल माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई, टीवी के जरिए जानकारी, और शाम के समय सुरक्षित माहौल की राह आसान होगी। कई परिवारों ने इसे “दशकों बाद मिला स्थायी उजाला” करार दिया।

बिजली बिल राहत योजना 2025–26 से भी मिलेगी सहूलियत

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, निदेशक तकनीकी ने मौजूदा समय में संचालित बिजली बिल राहत योजना 2025–26 का भी उल्लेख किया। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर उपभोक्ताओं को बिजली बिल भुगतान में रियायत और लचीलापन देने की व्यवस्था की जा रही है। जो उपभोक्ता किसी कारणवश समय पर बिल नहीं चुका पा रहे हैं, उन्हें भी योजना से बाहर नहीं किया जाएगा, बल्कि नियमानुसार किस्तों या निर्धारित प्रक्रिया के तहत राहत प्रदान की जाएगी।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कम समय में भुगतान न कर सकने वाले ग्रामीण उपभोक्ताओं को तुरंत कनेक्शन विच्छेद या बड़े जुर्माने की परेशानियों से बचाने के लिए विभाग ने मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाया है। इसका उद्देश्य गरीब और सीमांत उपभोक्ताओं को “भुगतान के दबाव के कारण अंधेरे” में धकेलने के बजाय उन्हें योजनाबद्ध राहत देना है।

RDSS और LOH योजना से ग्रामीण उपभोक्ताओं को होने वाले प्रमुख लाभ

  • LOH सूची में दर्ज छूटे हुए घरों को मीटरयुक्त बिजली कनेक्शन।
  • ओवरलोड फीडर और जर्जर लाइनों की जगह नए, सुरक्षित और सक्षम नेटवर्क की स्थापना।
  • कम वोल्टेज, ट्रिपिंग और बार-बार कटौती की समस्या में कमी की उम्मीद।
  • कृषि, छोटे उद्योग, घरेलू रोजगार इकाइयों और शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव।
  • बिजली बिल राहत योजना से आर्थिक रूप से कमजोर उपभोक्ताओं को अतिरिक्त सहूलियत।
इसे भी पढें  चित्रकूट कोषागार घोटाला :एसआईटी की जांच निर्णायक मोड़ पर15 खातों में 10 करोड़ के मिलान ने सबको चौंकाया

गुणवत्ता पर सख्त निगरानी, निर्माण एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश

निदेशक तकनीकी ई. हरीश तिवारी ने लाइन निर्माण और उपकेंद्र स्थापना के कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को साफ निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर मानकों से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तार, पोल, ट्रांसफार्मर, इंसुलेटर सहित सभी सामग्री निर्धारित विनिर्देशों के अनुसार ही लगाई जानी होगी और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन अनिवार्य होगा।

इसके साथ ही, लाइन निर्माण की सतत मॉनिटरिंग के लिए उपखंड स्तर के अभियंताओं, अवर अभियंताओं और परियोजना मॉनिटरिंग एजेंसी को नियमित फील्ड विजिट करने, फोटो और वीडियोग्राफिक प्रमाण तैयार करने तथा समय-समय पर समीक्षा बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए।

अधिकारियों और मॉनिटरिंग टीम की मौजूदगी में हुआ निरीक्षण

कर्नलगंज के विभिन्न गांवों में हुए निरीक्षण के दौरान विद्युत वितरण खंड कर्नलगंज के अधिशासी अभियंता, उपखंड अधिकारी, परियोजना मॉनिटरिंग एजेंसी के प्रतिनिधि, कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों और अन्य तकनीकी कर्मचारियों की टीम मौजूद रही। टीम ने मौक़े पर ट्रांसफार्मर क्षमता, फीडर लोड, पोल दूरी, अर्थिंग, इंसुलेशन और उपभोक्ता कनेक्शन की सुरक्षा की बारीक समीक्षा की।

अधिकारियों का मानना है कि यदि कार्य निर्धारित समय पर और मानकों के अनुरूप पूरे कर लिए जाते हैं, तो गोंडा का कर्नलगंज क्षेत्र आने वाले समय में सुदृढ़ ग्रामीण विद्युत आपूर्ति का मॉडल बन सकता है। इससे न केवल घरेलू जीवन में सुधार आएगा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई और छोटे उद्योगों के विकास को भी गति मिलेगी।

(यह समाचार मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, गोंडा विद्युत वितरण खंड कर्नलगंज द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर तैयार किया गया है।)

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

प्रश्न 1: RDSS योजना क्या है और इससे गोंडा के उपभोक्ताओं को क्या लाभ होगा?
इसे भी पढें  सड़क दिख रही है, भरोसा नहींपंचायत विकास पर उठते गंभीर सवाल

RDSS यानी रीवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम भारत सरकार की ऐसी योजना है, जिसके तहत वितरण प्रणाली को मजबूत, आधुनिक और सुरक्षित बनाया जा रहा है। गोंडा के कर्नलगंज क्षेत्र में इस योजना से ओवरलोड फीडरों का पुनर्संरचनात्मक निर्माण, नई एचटी/33/11 केवी लाइन और ट्रांसफार्मर स्थापना की जा रही है, जिससे ग्रामीण उपभोक्ताओं को बेहतर वोल्टेज, कम ट्रिपिंग और नियमित बिजली आपूर्ति का लाभ मिलेगा।

प्रश्न 2: LOH योजना के तहत किन घरों को प्राथमिकता दी जा रही है?

LOH (लीव आउट हाउस) सूची में वे घर शामिल हैं जो पहले तकनीकी कारणों, दूरी या ओवरलोड नेटवर्क की वजह से कनेक्शन से वंचित रह गए थे। RDSS योजना की मदद से इन्हीं छूटे हुए घरों को अब मीटरयुक्त बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है, ताकि कोई भी लाभार्थी गांव अंधेरे में न रहे।

प्रश्न 3:  उपभोक्ताओं को किस प्रकार लाभ मिलेगा?

नई लाइनों और ट्रांसफार्मरों के जुड़ने से न केवल नए कनेक्शन जारी होंगे, बल्कि पहले से जुड़े उपभोक्ताओं को भी बेहतर वोल्टेज और स्थिर आपूर्ति मिलेगी। खेत सिंचाई, छोटे उद्योग, घरेलू उपकरण, ऑनलाइन पढ़ाई और स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका सीधा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

प्रश्न 4: बिजली बिल राहत योजना 2025–26 के तहत क्या विशेष प्रावधान हैं?

बिजली बिल राहत योजना 2025–26 के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर उपभोक्ताओं को भुगतान में लचीलापन दिया जा रहा है। यदि कोई उपभोक्ता समय पर बिल अदा नहीं कर पाता, तो उसे तत्काल कनेक्शन कटने की स्थिति में नहीं डाला जाएगा, बल्कि नियमानुसार किस्त या अन्य प्रक्रिया के माध्यम से भुगतान का विकल्प दिया जाएगा।

प्रश्न 5: उपभोक्ता योजना की सफलता में किस तरह योगदान दे सकते हैं?

उपभोक्ताओं से अपेक्षा है कि वे समय पर बिल जमा करें, अवैध कनेक्शन या बिजली चोरी से बचें, शक होने पर तुरंत विभाग को सूचना दें और अतिरिक्त अनावश्यक लोड न चलाएं। साथ ही, मीटर या लाइन में छेड़छाड़ से दूर रहकर वे सुरक्षा और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करने में विभाग के सहयोगी बन सकते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Language »
Scroll to Top