हापुड़ में भाजपा के विधायक विजयपाल आढ़ती और जिला सह प्रवक्ता जयभगवान शर्मा के बीच खुलेआम गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी का मामला सामने आया है। जमीन सौदे में कमीशन को लेकर हुआ विवाद अब पुलिस जांच के घेरे में है।
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
हापुड़ में भाजपा नेताओं के बीच सड़क पर घमासान, चौराहे पर लगे आरोपों की झड़ी
हापुड़ में शनिवार दोपहर का माहौल अचानक गरमा गया जब भाजपा के शहर विधायक विजयपाल आढ़ती और पार्टी के जिला सह प्रवक्ता जयभगवान शर्मा के बीच सार्वजनिक रूप से तीखी गाली-गलौज हो गई। विवाद का मुख्य कारण बताया जा रहा है—सात हजार गज जमीन का सौदा और उसमें तय हुआ 10 लाख रुपये का कथित कमीशन।
इस अप्रत्याशित टकराव को राहगीरों ने अपने मोबाइल कैमरों में कैद करना चाहा, जबकि घटनास्थल पर लगी सीसीटीवी कैमरों में पूरी वारदात रिकॉर्ड भी हो गई है। हालांकि फुटेज अभी किसी पक्ष के पास नहीं है।
तेज़-तर्रार आरोपों के बीच भीड़ का जमावड़ा
घटना हापुड़ की तहसील चौपला पर हुई, जहां शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे शहर विधायक विजयपाल आढ़ती दिल्ली रोड की ओर जा रहे थे। उसी वक्त सामने से भाजपा के सह प्रवक्ता जयभगवान शर्मा उर्फ पिंटू भी अपनी गाड़ी में आ रहे थे। चौराहे पर गाड़ियां रुकीं और दोनों नेता गुस्से से नीचे उतर आए। फिर जो हुआ, वो भाजपा की गरिमा पर सवाल खड़े कर गया।
करीब दस मिनट तक दोनों नेता एक-दूसरे को अपशब्द कहते रहे, धमकियां दीं और सड़क को रणभूमि में बदल डाला। भीड़ जुट गई, कैमरे चलने लगे और भाजपा की साख दांव पर आ गई।
विवाद की जड़: सात हजार गज की ज़मीन और कमीशन का खेल
यह पूरा विवाद हाइवे किनारे की एक सात हजार गज ज़मीन से जुड़ा है, जिसकी बिक्री 5 मार्च को 18,000 रुपये प्रति गज की दर से तय हुई थी। जयभगवान शर्मा का दावा है कि इस सौदे को पक्का कराने में भाजपा के ही एक वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता थी, और इसके एवज में एक हजार रुपये प्रति गज कमीशन तय हुआ था।
शर्मा ने अग्रिम रूप में 10 लाख रुपये बतौर बयाना दे दिए, और 30 मार्च तक एक करोड़ रुपये की पूरी रकम अदा करनी थी। लेकिन इससे पहले ही 13 मार्च को उक्त जमीन किसी असलम नामक व्यक्ति को बेच दी गई। अब जयभगवान शर्मा न केवल अपना बयाना वापस मांग रहे हैं, बल्कि 20 लाख रुपये (दोगुना बयाना) की भरपाई की मांग भी कर रहे हैं।
एक-दूसरे पर गंभीर आरोप, भाजपा संगठन पर भारी दबाव
जयभगवान शर्मा ने विधायक पर जान से मारने की धमकी देने और चौराहे पर जानलेवा हमला करने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दी है। उधर विधायक विजयपाल आढ़ती का कहना है कि:
“जयभगवान शर्मा सपा में रहकर रंगदारी वसूलता था, अब भाजपा में भी वही तरीका अपनाना चाहता है। मेरा इस जमीन से कोई लेना-देना नहीं, फिर भी मुझ पर दबाव बनाकर 10 लाख की रंगदारी वसूलना चाहता है।”
इस पूरे घटनाक्रम से भाजपा संगठन संकट में घिर गया है। पार्टी नेताओं की खुली सड़कों पर हुई यह नोकझोंक और गाली-गलौज जनता के बीच भाजपा की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
पहले भी सांसद के सामने उठा था विवाद
गौरतलब है कि यह जमीन विवाद पहले भी भाजपा सांसद अरुण गोविल के सामने उठाया जा चुका है, जहां विधायक पर ज़मीन हथियाने के आरोप लगे थे। उस समय मामला दबा दिया गया, लेकिन शनिवार की घटना ने उसे फिर उघाड़ दिया है।
भाजपा की साख दांव पर, पुलिस जांच में जुटी
फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है और सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। वहीं भाजपा संगठन दोनों पक्षों को समझाने और विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन यह साफ हो गया है कि सत्ताधारी दल के भीतर चल रही खींचतान अब सड़कों पर आ गई है, जिससे पार्टी की गरिमा को गहरा आघात पहुंचा है।
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🔍 हापुड़ की यह घटना न केवल भाजपा के अंदरूनी कलह की पोल खोलती है, बल्कि ज़मीन सौदों में दलाली और राजनीतिक रसूख के मेल-जोल का एक और उदाहरण बनकर सामने आई है। अब देखना यह है कि पुलिस निष्पक्ष जांच कर पाती है या मामला ‘आपसी समझौते’ की भेंट चढ़ जाता है।